सोयाबीन की सुपर किस्म RVSM 1135 जो दे रही है 35 क्विंटल पैदावार, हर मौसम में जबरदस्त परफॉर्मेंस!

सोयाबीन की खेती किसानों की कमाई का बड़ा ज़रिया है, लेकिन कई सालों से किसान ऐसी किस्म की तलाश में हैं, जो कम समय में बंपर फसल दे, कीटों और रोगों से लड़े, और हर मौसम में मज़बूती दिखाए। RVSM 1135 soybean variety इस तलाश का जवाब है। ये किस्म मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, और बुंदेलखंड के खेतों के लिए वरदान है। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय (RVSKVV) के वैज्ञानिकों डॉ. वी. के. तिवारी और डॉ. एस. आर. रामगिरी की मेहनत से बनी ये किस्म देश के 80 फीसदी सोयाबीन क्षेत्र की ज़रूरतें पूरी करती है। आइए जानें, कैसे RVSM 1135 soybean variety खेतों में तहलका मचाएगी।

RVSM 1135 Soybean Variety की खासियत

RVSM 1135 soybean variety को JS 335 और PK 1042 के संकरण से तैयार किया गया है। कई सालों की रिसर्च और देशभर के रिसर्च स्टेशनों पर 101 ट्रायल के बाद इसे विकसित किया गया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की सब कमेटी ने इसे 86वीं मीटिंग में टेबल नंबर 3, सीरियल नंबर 13 पर रिलीज़ और नोटिफिकेशन के लिए चुना। इसने 2018-19 और 2019-20 में AICRP नेटवर्क के तहत राष्ट्रीय स्तर पर सबसे ज़्यादा पैदावार देकर दो बार गोल्ड मेडल जीता। सामान्य हालात में ये 25 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर फसल देती है, और आदर्श परिस्थितियों में 30 से 35 क्विंटल तक। ये पुरानी किस्मों से 18 से 28 फीसदी ज़्यादा उत्पादन देती है।

RVSM 1135 soybean variety

हर मौसम में डटकर मुकाबला

RVSM 1135 soybean variety की ताकत इसकी मज़बूत जड़ें हैं, जो सूखे में गहरी नमी खींचती हैं और भारी बारिश में भी पौधों को बचाती हैं। ये पीला मोज़ेक वायरस, चारकोल रॉट, और जड़ सड़न जैसे रोगों के खिलाफ मज़बूत है। पत्ती चूसने और काटने वाले कीटों से भी ये बखूबी लड़ती है। गहरी मिट्टी वाले इलाकों, जैसे हरदा, विदिशा, या अशोकनगर, जहाँ दूसरी किस्में गल जाती हैं, वहाँ भी ये बंपर फसल देती है। भारी बारिश या पानी भरे खेतों में भी इसके पौधे डटकर खड़े रहते हैं। फलियाँ चटकती नहीं, जिससे कटाई में 15 से 20 दिन की मोहलत मिलती है।

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बुआई का सही तरीका अपनाएँ

RVSM 1135 soybean variety की बुआई के लिए सही तरीका बहुत ज़रूरी है। इसके बीजों की अंकुरण क्षमता 85 से 90 फीसदी है, जो इसे खास बनाती है। प्रति बीघा 13 से 15 किलो, प्रति एकड़ 25 से 30 किलो, या प्रति हेक्टेयर 65 से 70 किलो बीज डालें। बुआई से पहले 100 दानों को गीले कपड़े में लपेटकर अंकुरण जाँच लें।

अगर अंकुरण 85 फीसदी से कम हो, तो बीज की मात्रा थोड़ी बढ़ाएँ। लाइन से लाइन की दूरी 18 इंच रखें। डिबलिंग (चुपाई) विधि से बुआई के लिए पौधे से पौधे की दूरी 4 इंच और लाइन से लाइन की दूरी 24 इंच रखें। ज़्यादा घनी बुआई से पौधे लेट सकते हैं, इसलिए इस बात का खास ध्यान रखें।

RVSM 1135 soybean variety

मिट्टी को बनाएँ ताकतवर

सोयाबीन की फसल के लिए मिट्टी की तैयारी बहुत मायने रखती है। दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे अच्छी है। बुआई से पहले खेत की गहरी जुताई करें, फिर दो बार देशी हल या कल्टीवेटर से जोतें। गोबर की खाद, नीम की खली, या वर्मी-कम्पोस्ट डालें। ये मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं और कीटों से बचाते हैं। मिट्टी की जाँच कराएँ, ताकि पोषक तत्वों की कमी का पता चले। खेत में पानी की निकासी का इंतज़ाम करें, ताकि बारिश में जड़ें सड़ने से बचें। ये छोटे कदम RVSM 1135 soybean variety की पैदावार को और बढ़ाते हैं।

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तेल और प्रोटीन में नंबर वन

RVSM 1135 soybean variety न सिर्फ़ पैदावार में, बल्कि गुणवत्ता में भी अव्वल है। इसकी फलियाँ चिकनी और मोटी होती हैं, जिससे बारिश का पानी दानों तक नहीं पहुँचता। इससे दाने दागी नहीं होते और अंकुरण क्षमता बनी रहती है। इस किस्म में तेल की मात्रा 19 लीटर प्रति 100 किलो है, जो पुरानी किस्मों (16-17 लीटर) से 20 फीसदी ज़्यादा है। प्रोटीन की मात्रा 39 फीसदी तक है, जिससे टोफू और सोया पनीर जैसे उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ती है। मंडी में इसके दाने और बीज को अच्छा दाम मिलता है, जिससे किसानों की जेब भरती है।

कटाई में आसानी, लागत में कमी

RVSM 1135 soybean variety के पौधे ऊँचे, फैलावदार, और शाखाओं से भरे होते हैं। फलियाँ तने के ऊपरी हिस्से से लगती हैं, जिससे हरवेस्टर से कटाई आसान हो जाती है। इससे मज़दूरी और समय की बचत होती है। बीज की मात्रा कम लगती है, जिससे बुआई की लागत आधी रहती है। गर्मी में 5 से 10 जनवरी तक बुआई करने पर भी ये 10 से 12 क्विंटल प्रति एकड़ तक पैदावार देती है। इसकी फलियों में चटकन (शैटरिंग) की समस्या नहीं होती, जिससे कटाई में नुकसान नहीं होता।

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RVSM 1135 soybean variety

पौधों की बनावट और खूबियाँ

RVSM 1135 soybean variety के पौधे 53 से 60 सेमी ऊँचे, अर्ध-फैलावदार, और 4-6 शाखाओं वाले होते हैं। पत्तियाँ हरी, गोलाकार, और चिकनी होती हैं। फूल सफेद और फलियाँ भूरी, चिकनी, और गैर-रोएँदार होती हैं। एक फली में औसतन 2.5 से 3.2 दाने होते हैं। दाने गोल, मध्यम बोल्ड, पीले, और चमकदार होते हैं, जिनका हायलम काला होता है। 100 दानों का वजन 11.60 ग्राम है। फूल आने में 38 से 40 दिन और पकने में 94 से 96 दिन लगते हैं। ये किस्म मल्टीपल रेज़िस्टेंस वाली है, जो इसे हर तरह की परेशानी से बचाती है।

हर मौसम में कमाल

RVSM 1135 soybean variety की परिपक्वता अवधि 94 से 96 दिन है, जो जल्दी या देर से बारिश में भी फसल को नुकसान नहीं होने देती। भारी मिट्टी या पानी भरे खेतों में भी ये मज़बूत रहती है। इसकी गहरी जड़ें सूखे में नमी खींचती हैं और भारी बारिश में जड़ सड़न से बचाती हैं। ये किस्म पत्ती चूसने और काटने वाले कीटों के खिलाफ भी मज़बूत है। मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ क्षेत्र में इसने शानदार परिणाम दिए, लेकिन 2024 में भारी बारिश से कुछ किसानों को नुकसान हुआ। वैज्ञानिक सलाह लेने से ऐसी परेशानियों से बचा जा सकता है।

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  • Rahul

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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