सीएम योगी ने किया आम महोत्सव का उद्घाटन! लखनऊ से लंदन-दुबई भेजे गए आम, विदेशों में गूंजेगा यूपी का स्वाद

लखनऊ का अवध शिल्प ग्राम इन दिनों आमों की मिठास और खुशबू से गुलजार है। 4 से 6 जुलाई 2025 तक चलने वाले तीन दिवसीय आम महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इस खास मौके पर देश-विदेश से आए लोग 800 से ज्यादा किस्मों के आमों का स्वाद चख रहे हैं और उनकी खूबसूरती देखकर हैरान हैं। सीएम योगी ने लंदन और दुबई के लिए आम के कंटेनर को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि ये महोत्सव सिर्फ आमों का उत्सव नहीं, बल्कि आधुनिक तकनीक से यूपी की बागवानी और खेती को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का बड़ा मौका है।

यूपी के आमों की वैश्विक धमक

सीएम योगी ने उद्घाटन समारोह में कहा कि यूपी के बागवानों ने जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियों को मात देकर कमाल कर दिखाया है। ढाई से तीन किलो के बड़े-बड़े दशहरी, लंगड़ा, गवर्जीत और रटोल जैसे आम न सिर्फ स्वाद में लाजवाब हैं, बल्कि वैश्विक बाजार में यूपी का नाम रोशन कर रहे हैं। लखनऊ की दशहरी, वाराणसी का लंगड़ा, गोरखपुर का गवर्जीत और मेरठ-बागपत का रटोल दुनिया भर में मशहूर हैं। सरकार ने लखनऊ, अमरोहा, सहारनपुर और वाराणसी में चार आधुनिक पैक हाउस बनाए हैं। ये पैक हाउस बागवानों को आम की गुणवत्ता और निर्यात के मानकों की जानकारी देते हैं, जिससे उनकी फसल को बेहतर दाम मिलते हैं।

आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार

मुख्यमंत्री ने बताया कि ये आम महोत्सव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के सपने को सच कर रहा है। सरकार की नीतियों ने बागवानी फसलों के निर्यात को कई गुना बढ़ाया है। महोत्सव के पहले दिन ही लंदन और दुबई के लिए आमों का एयर कार्गो रवाना हुआ, जिसमें सरकार की सब्सिडी ने बागवानों को अच्छा मुनाफा दिलाया। सीएम ने सभी स्टॉलों का दौरा किया और बागवानों की मेहनत की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यूपी के बागवान नई तकनीक और मेहनत से न सिर्फ अपनी कमाई बढ़ा रहे हैं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी ताकत दे रहे हैं।

ये भी पढ़ें- कुपोषण को हराने वाला चावल! जानिए वो खास किस्में जो खेत में उगेंगी और सेहत बनाएंगी

कम भूमि, अधिक आय: नई फसलों की राह

उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि यूपी में अब ऐसी फसलों पर जोर है, जो कम जमीन में ज्यादा मुनाफा दें। जैसे, जहाँ गेहूँ से 38 हजार रुपये की कमाई होती है, वहीं उसी जमीन पर शिमला मिर्च उगाकर 15 लाख रुपये तक कमाए जा सकते हैं। हल्दी, अदरक और फूड प्रोसेसिंग को अपनाकर बागवान अपनी आय और बढ़ा सकते हैं। यूपी में 61 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन हो रहा है और 28 करोड़ पौधे नर्सरियों के जरिए बाँटे गए हैं। ये पौधे यूपी की जलवायु को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं।

इंटीग्रेटेड टेस्टिंग और ट्रीटमेंट पार्क

यूपी के आमों को दुनिया भर में और आसानी से पहुँचाने के लिए जेवर एयरपोर्ट के पास इंटीग्रेटेड टेस्टिंग और ट्रीटमेंट पार्क बन रहा है। ये पार्क बागवानों के आम और अन्य फसलों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक तैयार करेगा, ताकि कम लागत में विदेशों तक निर्यात हो सके। इससे यूपी के बागवान वैश्विक बाजार में और बड़ी छलाँग लगाएँगे।

तीन फसलों ने बदली किसानों की तकदीर

सीएम योगी ने बताया कि पहले यूपी में एक या दो फसलें ही हो पाती थीं, लेकिन अर्जुन सहायक, बांध सागर और सरयू नहर जैसी परियोजनाओं ने पानी की समस्या हल की है। अब बुंदेलखंड और पूर्वी यूपी में किसान तीन फसलें ले रहे हैं। हरदोई, कानपुर और औरैया में मक्का की खेती से किसान प्रति एकड़ एक लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा कमा रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्रों और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ने नई तकनीकों और बीजों के जरिए किसानों की कमाई को कई गुना बढ़ाया है।

ये भी पढ़ें- यूपी के लिए इन सोयाबीन किस्मों को ICAR ने माना सबसे ‘बेस्ट’, जानें खेती का समय और तैयारी

पर्यावरण के लिए बड़ा कदम

मुख्यमंत्री ने पर्यावरण के प्रति यूपी की प्रतिबद्धता का जिक्र किया। 2017 में 5 करोड़ पौधे लगाना चुनौती था, लेकिन अब 9 जुलाई 2025 को ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत 50 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। ये कदम यूपी को हरा-भरा बनाने के साथ-साथ बागवानी को और ताकत देगा।

स्थानीय स्तर पर भी हों आयोजन

सीएम योगी ने सुझाव दिया कि कमिश्नरी स्तर पर भी ऐसे आम महोत्सव होने चाहिए, ताकि छोटे बागवानों को अपनी फसलों की प्रदर्शनी और बिक्री का मौका मिले। उन्होंने प्रगतिशील बागवानों और निर्यातकों को प्रशस्ति पत्र और पौधे देकर सम्मानित किया और महोत्सव की स्मारिका का विमोचन किया। इस मौके पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह, राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह मौजूद रहे।

बागवानों के लिए सुनहरा मौका

ये आम महोत्सव यूपी के बागवानों के लिए नई राह खोल रहा है। पैक हाउस, इंटीग्रेटेड टेस्टिंग पार्क और कम भूमि में अधिक आय वाली फसलों से बागवानों की कमाई बढ़ रही है। यूपी के आम अब सिर्फ थाली की शान नहीं, बल्कि वैश्विक बाजार में भारत की ताकत बन रहे हैं। इस महोत्सव में शामिल होकर बागवान नई तकनीक सीखें और अपनी खेती को नई ऊँचाइयों तक ले जाएँ।

ये भी पढ़ें- शकरकंदी की खेती से लाखों की कमाई का रहे मुजफ्फरपुर के किसान, महज 700 रुपए है लागत जानें तरीका

Author

  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

    View all posts

Leave a Comment