विंध्यक्षेत्र के हमारे किसान भाइयों को पानी की कमी से जूझना कोई नई बात नहीं है। कई गांवों में तो 500-600 फीट तक बोरवेल खोदने के बाद भी पानी मुश्किल से मिलता है। पेयजल की जरूरत तो किसी तरह पूरी हो जाती है, लेकिन खेतों को सींचना आसान नहीं होता। ऐसे में सरकार का एक शानदार तोहफा है प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना। इस योजना के तहत ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम लगाने पर छोटे किसानों को 90 फीसदी तक और बड़े किसानों को 65-80 फीसदी तक अनुदान मिल रहा है। यानी अब कम पानी में ज्यादा खेती कर सकते हैं, और जेब पर भी बोझ नहीं पड़ेगा। आइए जानें कि ये योजना आपके लिए कैसे फायदेमंद है।
ड्रिप सिंचाई: कम पानी, ज्यादा फायदा
ड्रिप सिंचाई का मतलब है बूंद-बूंद करके पानी सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाना। ये तरीका पुराने ढर्रे की सिंचाई से बिल्कुल अलग है, जिसमें पानी खेत में भर जाता था और आधा बेकार चला जाता था। मिर्जापुर के किसान रमेश यादव ने अपने आम के बाग में ड्रिप सिस्टम लगाया। वो बताते हैं कि पहले वो एक खेत को सींचने में पूरा दिन लगाते थे, और पानी भी बहुत खर्च होता था।
अब ड्रिप सिस्टम से कुछ ही घंटों में पूरा खेत सींच जाता है, और पानी की बचत भी होती है। सबसे बड़ी बात, उनकी फसल अब पहले से ज्यादा चमक रही है, क्योंकि पौधों को सही मात्रा में पानी और खाद मिलता है। ड्रिप सिस्टम से गन्ना, केला, सब्जियां, और फूलों की खेती में जबरदस्त फायदा हो रहा है। पानी की कमी से जूझ रहे विंध्यक्षेत्र के लिए ये किसी वरदान से कम नहीं।
ये भी पढ़ें- खेती के साथ शुरू करें नर्सरी बिज़नेस! सरकार दे रही है 10 लाख तक की मदद, जल्दी करें आवेदन
सरकार की सब्सिडी: छोटे और बड़े, सबके लिए
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सरकार ने विंध्यक्षेत्र के किसानों के लिए खास इंतजाम किया है। अगर आपके पास 8 बीघा से कम जमीन है, तो आप छोटे किसान की श्रेणी में आते हैं। ऐसे किसानों को ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर 90% तक सब्सिडी मिलेगी। यानी आपको बस थोड़ा सा पैसा लगाना है, बाकी खर्च सरकार उठाएगी। जिनके पास 8 बीघा से ज्यादा जमीन है, उन्हें भी 65-80 फीसदी अनुदान का फायदा मिलेगा।
पोर्टेबल स्प्रिंकलर सिस्टम के लिए छोटे किसानों को 75% और बड़े किसानों को 65% सब्सिडी दी जा रही है। उद्यान विभाग के अधिकारी मेवाराम जी बताते हैं कि ड्रिप सिस्टम से 5 हेक्टेयर तक और पोर्टेबल स्प्रिंकलर से 2 हेक्टेयर तक की जमीन पर सब्सिडी मिल सकती है। विंध्यक्षेत्र में अब तक 33 हजार हेक्टेयर खेतों में ड्रिप सिस्टम लग चुका है, और सरकार ने 4795 हेक्टेयर का नया लक्ष्य रखा है।
आवेदन कैसे करें, आसान है प्रक्रिया
अगर आप इस योजना का फायदा उठाना चाहते हैं, तो ज्यादा झंझट की जरूरत नहीं। बस अपनी खतौनी और आधार कार्ड लेकर नजदीकी उद्यान विभाग के दफ्तर जाएं। अगर आप ऑनलाइन काम करने में सहज हैं, तो http://dbt.uphorticulture.in/ पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। वहां आपको अपनी जमीन और बैंक खाते की जानकारी देनी होगी।
ये भी पढ़ें- 60% तक सब्सिडी पर लगवाएं सोलर पंप! यूपी सरकार ने शुरू की योजना, पात्रता और अप्लाई तरीका यहां देखें
आवेदन करने के बाद आपको अपना हिस्सा, यानी फार्मर शेयर, जमा करना होगा। इसके बाद प्राइवेट कंपनी आपके खेत में ड्रिप सिस्टम लगाएगी। थर्ड पार्टी की जांच के बाद लखनऊ से सब्सिडी की राशि सीधे आपके खाते में आएगी। मेवाराम जी कहते हैं कि ये योजना ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर चल रही है, तो देर न करें। जल्दी आवेदन करें, ताकि आपका नंबर पक्का हो जाए।
क्यों जरूरी है ड्रिप सिंचाई?
विंध्यक्षेत्र में पानी की कमी कोई नई बात नहीं। कई बार किसान भाई बारिश के भरोसे रहते हैं, लेकिन बारिश समय पर नहीं होती। नहरों का पानी भी हर खेत तक नहीं पहुंचता। ऐसे में ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम आपके लिए गेम-चेंजर हो सकता है। ये सिस्टम पानी को बूंद-बूंद करके पौधों तक पहुंचाता है, जिससे 50-70% पानी की बचत होती है।
साथ ही, फसल को सही समय पर सही मात्रा में पानी मिलता है, जिससे पैदावार बढ़ती है। रीवा के एक किसान, श्यामलाल, ने अपने सब्जी के खेत में मिनी स्प्रिंकलर लगाया। वो बताते हैं कि पहले टमाटर और मिर्च की फसल में पानी की कमी से पौधे सूख जाते थे। अब स्प्रिंकलर से सारी फसल को एकसमान पानी मिलता है, और उनकी आमदनी दोगुनी हो गई।
ये भी पढ़ें- यूपी सरकार ग्रामीण युवाओं को देगी 10 लाख रुपये तक का लोन और सब्सिडी, जानें पूरी जानकारी