उत्तर प्रदेश के किसान भाइयों के लिए राहत भरी खबर है। खरीफ सीजन 2025 की बुवाई शुरू हो चुकी है, और इस बार खाद की किल्लत से बचने के लिए सरकार ने पहले से पक्की तैयारी कर ली है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि प्रदेश में अभी 27 लाख मीट्रिक टन यूरिया का स्टॉक मौजूद है। जुलाई में केंद्र सरकार 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया और भेजेगी। इससे कुल स्टॉक 37 लाख मीट्रिक टन हो जाएगा।
पिछले साल खरीफ सीजन में 32.84 लाख मीट्रिक टन यूरिया की खपत हुई थी। इस बार उससे ज्यादा खाद पहले से तैयार है। यानी, चाहे धान हो, मक्का हो, या अरहर, आपके खेतों को खाद की कमी नहीं सताएगी।
जायद फसलों की बुवाई शुरू, समय पर मिलेगी खाद
गांवों में जायद फसलों की बुवाई जोरों पर है। गर्मी का मौसम हो या खरीफ की शुरुआत, किसान अपने खेतों को हरा-भरा करने में जुटे हैं। कृषि मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार के साथ मिलकर राज्य सरकार खाद और बीज की आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है। यूरिया के अलावा डीएपी, एनपीके, एमओपी, और एसएसपी की भी भरपूर मात्रा उपलब्ध है।
ये भी पढ़ें- सीएम योगी ने किया आम महोत्सव का उद्घाटन! लखनऊ से लंदन-दुबई भेजे गए आम, विदेशों में गूंजेगा यूपी का स्वाद
अभी स्टॉक में 15 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 2.90 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 2.91 लाख मीट्रिक टन एनपीके, 0.77 लाख मीट्रिक टन एमओपी, और 3.14 लाख मीट्रिक टन एसएसपी मौजूद है। बलिया से लेकर बस्ती तक, हर जिले में खाद के गोदाम भरे हुए हैं। अगर आपके गांव में खाद समय पर नहीं मिल रही, तो तुरंत जिला कृषि अधिकारी से शिकायत करें।
कालाबाजारी पर सरकार की सख्त नजर
खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। बलरामपुर के उतरौला में खाद वितरण में गड़बड़ी पकड़ी गई, जिसके बाद जिला कृषि अधिकारी को निलंबित कर दिया गया। एक अन्य अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है। पूरे प्रदेश में कालाबाजारी के खिलाफ 26 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 580 फुटकर विक्रेताओं को नोटिस भेजा गया है। कृषि मंत्री ने कहा कि कोई भी दुकानदार खाद छुपाए या ज्यादा दाम वसूले, उसे बख्शा नहीं जाएगा। मिर्जापुर के एक किसान रामू यादव ने बताया कि पहले दुकानदार मनमाने दाम मांगते थे, लेकिन अब सरकार की सख्ती से खाद सही दाम पर मिल रही है।
ये भी पढ़ें- गन्ने की खेती में क्रांति! बिहार सरकार देगी ₹49 करोड़ की सहायता, मिलेंगी 16 नई हाई-टेक किस्में
खाद कंपनियों के साथ समीक्षा, वितरण होगा पारदर्शी
हाल ही में सरकार ने 26 खाद उत्पादक कंपनियों के साथ बड़ी बैठक की। इसमें खाद की आपूर्ति और वितरण की पूरी समीक्षा हुई। कृषि मंत्री ने बताया कि निजी कंपनियों के रैक पॉइंट से होने वाली यूरिया सप्लाई का 25 फीसदी हिस्सा अब प्राइमरी कोऑपरेटिव फेडरेशन के जरिए बांटा जाएगा। इससे वितरण में पारदर्शिता आएगी और कालाबाजारी रुकेगी। सरकार ने साफ कर दिया है कि हर किसान को सही समय पर और सही दाम पर खाद मिलेगी। अगर आपके इलाके में कोई दुकानदार गड़बड़ी कर रहा हो, तो अपने नजदीकी कृषि केंद्र पर शिकायत करें।
किसानों को सरकार का संदेश
खरीफ सीजन में धान, मक्का, और गन्ने की बुवाई का समय है। सरकार ने सलाह दी है कि खाद का इस्तेमाल मिट्टी की जांच के बाद करें। इससे खाद की बर्बादी रुकेगी और फसल की पैदावार बढ़ेगी। नजदीकी कृषि केंद्र पर मिट्टी जांच की सुविधा मुफ्त या कम खर्च में उपलब्ध है। साथ ही, नीम कोटेड यूरिया का इस्तेमाल करें, जो फसल को लंबे समय तक पोषण देता है। उत्तर प्रदेश सरकार आपके साथ है। इस खरीफ सीजन में अपने खेतों को तैयार करें और अच्छी फसल के साथ समृद्धि लाएं।
ये भी पढ़ें- उत्तरप्रदेश के जनपद संत कबीर नगर में, NFSM योजना के तहत धान के प्रदर्शन प्लाट का सफल निरीक्षण