बरसात में बंजर जमीन पर बांस की खेती: किसानों के लिए लाखों की कमाई का रास्ता

Bamboo Farming In Monsoon: अगर आपके पास बंजर या खाली पड़ी जमीन है, तो अब उसे सोने में बदलने का समय आ गया है। बांस की खेती, जिसे हरा सोना भी कहा जाता है, किसानों के लिए कम मेहनत में ज्यादा मुनाफे का शानदार मौका दे रही है। बाराबंकी के डीएफओ आकाश दीप ने बताया कि जुलाई का महीना बांस की खेती के लिए सबसे सही है। बांस की लकड़ी बाजार में महंगे दामों पर बिकती है, और इसका उपयोग सजावटी सामान से लेकर कपड़े और फर्नीचर बनाने तक में होता है। इसकी खेती न सिर्फ बंजर जमीन को हरा-भरा करती है, बल्कि 40 साल तक कमाई का जरिया बन सकती है।

कम लागत में ज्यादा मुनाफा

बांस की खेती की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे किसी खास उपजाऊ मिट्टी की जरूरत नहीं होती। बंजर, रेतीली, या कमजोर जमीन पर भी बांस आसानी से उग जाता है। बाराबंकी के किसान संग्राम सिंह ने अपनी एक एकड़ बंजर जमीन पर बांस की खेती शुरू की। उन्होंने मध्य प्रदेश से बाल कुआं किस्म के 600 पौधे 56 रुपये प्रति पौधे की दर से मंगवाए। कुल 40 हजार रुपये की लागत से शुरू हुई उनकी खेती ने चार साल बाद 4 लाख रुपये का मुनाफा दिया। संग्राम बताते हैं कि बांस की खेती में मेहनत कम लगती है और बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।

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जुलाई में बुवाई

बांस की खेती शुरू करना बहुत आसान है। जून से जुलाई का मानसून सीजन इसके लिए सबसे अच्छा समय है। बाराबंकी के डीएफओ आकाश दीप के मुताबिक, खेत तैयार करने की ज्यादा जरूरत नहीं होती। बस 2 फीट गहरा और 2 फीट चौड़ा गड्ढा खोदकर बांस का पौधा लगाएं। गोबर की सड़ी खाद डालने से पौधों की बढ़त तेज होती है। एक हेक्टेयर में 1500 तक पौधे लगाए जा सकते हैं। रोपाई के बाद पहले महीने रोजाना पानी देना चाहिए, फिर 6 महीने बाद हफ्ते में एक बार सिंचाई काफी है। बरसात में पानी की जरूरत और कम हो जाती है।

सरकार की सब्सिडी से बढ़ेगी कमाई

केंद्र और राज्य सरकारें बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय बांस मिशन चला रही हैं। इस योजना के तहत किसानों को 50 फीसदी तक सब्सिडी मिलती है। एक पौधे पर 120 रुपये तक की सहायता दी जाती है। गोंडा के किसान आसाराम सिंह ने इस सब्सिडी का फायदा उठाकर अपनी बंजर जमीन पर बांस की खेती शुरू की। वो बताते हैं कि चार साल बाद उनकी फसल ने लाखों की कमाई दी। सब्सिडी के लिए किसान राष्ट्रीय बांस मिशन की वेबसाइट nbm.nic.in पर आवेदन कर सकते हैं या अपने जिले के नोडल अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

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40 साल तक कमाई

बांस की खेती का सबसे बड़ा फायदा यह है कि एक बार पौधा लगाने के बाद यह 40 से 50 साल तक फसल देता रहता है। तीन से चार साल में बांस कटाई के लिए तैयार हो जाता है। कटाई के बाद यह दोबारा उग जाता है, यानी बार-बार रोपाई की जरूरत नहीं। बाजार में एक बांस 100 से 300 रुपये तक बिकता है। एक हेक्टेयर से सालाना 3 से 5 लाख रुपये की कमाई हो सकती है। बांस के बीच खाली जगह में तिल, मूंग, या हल्दी जैसी फसलें उगाकर अतिरिक्त कमाई भी की जा सकती है।

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  • Shashikant

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