Onion Procurement: केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 में प्याज की कीमतों को स्थिर रखने के लिए बफर स्टॉक बनाने की मुहिम शुरू कर दी है। नेफेड और एनसीसीएफ जैसी सरकारी एजेंसियों ने नासिक के किसानों से 23 हजार 517 टन प्याज खरीदा है। सरकार का लक्ष्य इस साल 15 लाख टन प्याज खरीदने का है, जो पिछले साल के 47 लाख टन से कम है। उपभोक्ता मामलों के विभाग का कहना है कि त्योहारी सीजन में अगर प्याज के दाम बढ़े, तो बफर स्टॉक से इसे बाजार में रियायती दर पर उतारा जाएगा। इससे न सिर्फ किसानों को उचित दाम मिलेगा, बल्कि आम लोगों को भी महंगाई से राहत मिलेगी।
सस्ते दाम पर बंपर खरीद की उम्मीद
कृषि मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस साल रबी सीजन में प्याज का उत्पादन 30.77 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के 24.2 मिलियन टन से 27 फीसदी ज्यादा है। इस बंपर पैदावार की वजह से मंडी भाव कम हैं। नेफेड और एनसीसीएफ ने नासिक में औसतन 16.75 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज खरीदा है, जो पिछले साल के 29 रुपये प्रति किलो से काफी कम है। सूत्रों का मानना है कि कम दामों की वजह से सरकार इस साल अपने 3 लाख टन के लक्ष्य से कहीं ज्यादा, यानी 15 लाख टन तक प्याज खरीद सकती है।
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नासिक बनेगा खरीद का केंद्र
महाराष्ट्र का नासिक जिला प्याज खरीद का सबसे बड़ा केंद्र है। इसके अलावा पुणे, अहमदनगर, मध्य प्रदेश, और गुजरात के कुछ हिस्सों में भी खरीद शुरू होगी। नासिक की लासलगांव मंडी में प्याज का भाव 15-16 रुपये प्रति किलो चल रहा है, जो पिछले साल की तुलना में 30 फीसदी कम है। उपभोक्ता मामलों के विभाग के मुताबिक, शुक्रवार को प्याज की खुदरा कीमत 25 रुपये प्रति किलो थी। इस साल मई में प्याज की महंगाई सालाना आधार पर 10.71 फीसदी घटी, जिससे आम लोगों को राहत मिली।
मंडी भाव पर खरीद की मांग
नासिक की लासलगांव कृषि उपज मंडी समिति के निदेशक जयदत्त होलकर का कहना है कि किसानों को उचित दाम दिलाने के लिए सरकारी एजेंसियों को मंडी में बाजार भाव पर प्याज खरीदना चाहिए। उनका मानना है कि पिछले कुछ सालों से खरीद प्रक्रिया में यह नहीं हो रहा, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। जयदत्त जी की सलाह है कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के करीब खरीद करनी चाहिए, ताकि किसानों को उनकी मेहनत का पूरा फल मिले।
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निर्यात शुल्क हटने से बढ़ी उम्मीद
केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से प्याज पर 20 फीसदी निर्यात शुल्क हटा लिया है, जो 13 सितंबर 2024 से लागू था। इससे पहले 8 दिसंबर 2023 से 3 मई 2024 तक प्याज निर्यात पर प्रतिबंध था। शुल्क हटने से नासिक के किसानों को विदेशी बाजारों में बेहतर दाम मिलने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने 11.65 लाख टन प्याज का निर्यात किया, जिसमें बांग्लादेश, मलेशिया, और यूएई जैसे देश शामिल थे। निर्यात खुलने से किसानों को अपनी फसल के लिए अच्छी कीमत मिल सकती है।
बफर स्टॉक से कीमतें रहेंगी काबू में
प्याज की कीमतों को काबू में रखने के लिए सरकार बफर स्टॉक का सहारा ले रही है। पिछले साल सितंबर 2024 में जब प्याज के खुदरा दाम बढ़े, तो नेफेड और एनसीसीएफ ने 35 रुपये प्रति किलो की रियायती दर पर प्याज बेचा था। इस साल बंपर उत्पादन की वजह से कीमतें और कम होने की उम्मीद है। सरकार क्षेत्रीय भंडारण केंद्र बनाने पर भी काम कर रही है, ताकि नासिक पर निर्भरता कम हो और परिवहन लागत घटे।
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