काशी सहिष्णु भिंडी की नई वैरायटी से 60% तक ज्यादा पैदावार, जानें कैसे करें खेती

किसान भाइयों के लिए बड़ी खुशखबरी! वाराणसी के भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR) ने पुणे की Adoor Seeds India Private Limited के साथ मिलकर भिंडी की उन्नत किस्म ‘काशी सहिष्णु भिंडी’ के बीज उत्पादन के लिए समझौता किया है। यह साझेदारी ICAR की कंपनी AgriInnovate के CEO डॉ. प्रवीण मलिक की मध्यस्थता से हुई। इस समझौते से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, और पंजाब के किसानों को इस उन्नत किस्म के बीज आसानी से मिलेंगे। यह किस्म न सिर्फ ज्यादा पैदावार देगी, बल्कि लागत कम करके किसानों की आय 20-25% तक बढ़ाएगी। आइए, जानते हैं इसकी खासियतें।

काशी सहिष्णु भिंडी की खासियतें

IIVR के निदेशक डॉ. राजेश कुमार ने Adoor Seeds के साथ तकनीकी हस्तांतरण के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। इस किस्म को विकसित करने वाले वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप करमाकर के अनुसार, ‘काशी सहिष्णु’ (VRO-111) को 2024 में पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, और झारखंड के लिए अनुशंसित किया गया है। इसके पौधे मध्यम ऊँचाई (130-140 सेमी) के होते हैं, जिनमें छोटे इंटरनोड्स और 1-3 संकीर्ण शाखाएँ होती हैं।

बुआई के 40-43 दिन बाद 5-6 नोड्स पर पहला फूल आता है। इसके फल गहरे हरे, आकर्षक, और बेसल रिंग रहित होते हैं, जिससे कटाई आसान होती है। पहली कटाई 45-48 दिन में शुरू होती है, और फलन 48-110 दिन तक चलता है। यह किस्म 135-145 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार देती है, जो सामान्य किस्मों से 20-23% ज्यादा है।

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वायरल रोगों से सुरक्षा

‘काशी सहिष्णु भिंडी’ की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह येलो वेन मोज़ेक वायरस (YVMV) और एंटेशन लीफ कर्ल वायरस (ELCV) जैसे खतरनाक वायरल रोगों के प्रति प्रतिरोधी है। इन रोगों की वजह से भिंडी की खेती में भारी नुकसान होता है, लेकिन इस किस्म के साथ किसानों को कीटनाशकों का कम इस्तेमाल करना पड़ेगा। इससे खेती की लागत कम होगी, और पर्यावरण को भी फायदा होगा। IIVR के वैज्ञानिकों ने वर्षों की मेहनत और गहन शोध से इस किस्म को विकसित किया है, जिसमें संस्थान की टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट यूनिट (ITMU) की बड़ी भूमिका रही।

किसानों की आय में इजाफा

IIVR के निदेशक डॉ. राजेश कुमार के अनुसार, यह किस्म किसानों के लिए वरदान है। कम कीटनाशकों की जरूरत और 20-23% ज्यादा पैदावार से किसानों की आय में 20-25% की वृद्धि हो सकती है। फसल उन्नयन विभाग के अध्यक्ष डॉ. नागेंद्र राय ने बताया कि इसके फल उच्च गुणवत्ता वाले हैं, जिससे बाजार में अच्छी कीमत मिलेगी। फलों की कटाई और पैकिंग आसान होने से मजदूरी का खर्च भी कम होगा। यह किस्म लंबे समय तक फल देती है, जिससे किसानों को लगातार आय मिलेगी।

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साझेदारी से बढ़ेगा उत्पादन

Adoor Seeds India Private Limited अब ‘काशी सहिष्णु भिंडी’ के बीजों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करेगी। इससे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, और पंजाब के किसानों को उन्नत बीज आसानी से मिलेंगे। डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि कई अन्य बीज कंपनियाँ भी इस किस्म के लाइसेंस के लिए आवेदन कर रही हैं। यह साझेदारी न सिर्फ भिंडी की गुणवत्तापूर्ण पैदावार बढ़ाएगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी।

किसानों के लिए सलाह

किसान भाइयों, ‘काशी सहिष्णु भिंडी’ के बीज खरीदने के लिए अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या Adoor Seeds के डीलर से संपर्क करें। बुआई से पहले मिट्टी की जाँच करवाएँ और IIVR की सलाह के अनुसार उर्वरक व कीटनाशकों का उपयोग करें। यह किस्म खरीफ और गर्मी दोनों मौसमों में उगाई जा सकती है। ज्यादा जानकारी के लिए IIVR की वेबसाइट (iivr.icar.gov.in) पर जाएँ। इस किस्म के साथ आप कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।

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  • Shashikant

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