यूपी सरकार दे रही बाजरे की संकर किस्मों के बीज पर सब्सिडी, ये है पात्रता और प्रक्रिया

उत्तर प्रदेश में धान, गेहूँ, और मक्का के बाद बाजरा (श्री अन्न) चौथी सबसे बड़ी फसल है, जिसकी खेती 10 लाख हेक्टेयर में होती है। बाजरा न केवल पौष्टिकता से भरपूर है, बल्कि कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी बंपर पैदावार देता है। योगी सरकार बाजरा की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सब्सिडी, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), और उन्नत बीज उपलब्ध करा रही है। इसकी उन्नत किस्में जैसे 8684, बायो-8145, और धनशक्ति 35-40 क्विंटल/हेक्टेयर तक पैदावार देती हैं। कम लागत और ज्यादा मुनाफे के कारण बाजरा की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। आइए, जानें इसकी खेती और सरकारी योजनाओं के लाभ।

बाजरा की पौष्टिकता और माँग

बाजरा में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन B-कॉम्प्लेक्स, कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। ये रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, मधुमेह नियंत्रण, हृदय स्वास्थ्य, और मोटापा कम करने में मदद करते हैं। ग्लूटेन-मुक्त होने के कारण यह पेट के रोगों में भी लाभकारी है। बाजरा के प्रसंस्कृत उत्पाद जैसे बिस्किट, नमकीन, और औषधियाँ बाजार में लोकप्रिय हैं। ICAR के अनुसार, बाजरा की माँग खाद्य और फार्मास्यूटिकल उद्योग में 20% वार्षिक बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश के 29 जनपदों में कम वर्षा के कारण धान की खेती मुश्किल है, वहाँ बाजरा की खेती किसानों के लिए मुनाफेदार विकल्प है।

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कम वर्षा में बंपर पैदावार

उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के अनुसार, बाजरा की खेती कम वर्षा वाले क्षेत्रों जैसे बुंदेलखंड, आगरा, और झाँसी में आसानी से की जा सकती है। यह फसल 80-85 दिनों में तैयार हो जाती है, जिससे किसान 10 नवंबर तक कटाई कर रबी फसलों की बुआई समय पर कर सकते हैं। सामान्य किस्में 25-30 क्विंटल/हेक्टेयर, जबकि संकर प्रजातियाँ (8684, बायो-8145, NBH-5929, धनशक्ति) 35-40 क्विंटल/हेक्टेयर तक पैदावार देती हैं। धान की तुलना में बाजरा की खेती में लागत 30-40% कम और मुनाफा अधिक है। MSP 2025 के तहत बाजरा का समर्थन मूल्य 2,625 रुपये/क्विंटल निर्धारित है, जिससे किसानों को उचित दाम मिल रहा है।

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उन्नत बीजों पर सब्सिडी

कृषि विभाग ने किसानों को राजकीय बीज भंडारों के माध्यम से संकर बाजरा बीजों पर 50% तक सब्सिडी देने की घोषणा की है। संकर प्रजातियों के लिए 2-3 किलो/हेक्टेयर बीज पर्याप्त है। बुआई से पहले बीज को ट्राइकोडर्मा हारजियनम 2% पाउडर (2.5 किलो/हेक्टेयर) से उपचारित करें ताकि भूमिजन्य रोगों से बचाव हो। सब्सिडी के लिए किसान अपने जिला कृषि कार्यालय पर संपर्क करें। UP कृषि विभाग ने 2022-23 से MSP पर बाजरा खरीद शुरू की है, जिसके तहत 2024-25 में 15 लाख क्विंटल खरीद का लक्ष्य है।

खेती और देखभाल के टिप्स

बाजरा की बुआई अगस्त मध्य तक करें। दोमट या बलुई मिट्टी और अच्छी जल निकास वाली भूमि चुनें। गड्ढों में 5-10 किलो गोबर की खाद मिलाएँ। पंक्तियों में 45 सेमी और पौधों में 15 सेमी की दूरी रखें। ड्रिप सिंचाई और जैविक खाद (40:20:20 किलो NPK/हेक्टेयर) का उपयोग करें। खरपतवार नियंत्रण के लिए पेटलाक्लोरो (1.5 लीटर/हेक्टेयर) का छिड़काव करें। खैरा रोग से बचाव के लिए जिंक सल्फेट (5 किलो/हेक्टेयर) का उपयोग करें। नियमित निगरानी और KVK से सलाह लें।

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  • Shashikant

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