आज 3 अगस्त 2025 विज्ञान केंद्र आवागढ़, जनपद एटा में एक ऐसा आयोजन हुआ, जो किसानों के दिलों में उम्मीद की किरण बन गया। माननीय केंद्रीय मंत्री श्री एस.पी. सिंह बघेल, भारत सरकार की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम हुआ, जहां उन्होंने खेती और पशुपालन को आधुनिक व टिकाऊ बनाने का आह्वान किया। मंत्री जी ने किसानों से पशुओं का टीकाकरण और कृत्रिम गर्भाधान अपनाने की सलाह दी, जिसमें 90% तक बछिया होने की संभावना है। साथ ही, प्राकृतिक खेती, संतुलित उर्वरकों-कीटनाशकों के प्रयोग, मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण, और फॉर्मर रजिस्ट्री कराने की बात कही। यह संदेश न सिर्फ खेतों को हरा-भरा करेगा, बल्कि किसान के जीवन को भी समृद्ध बनाएगा। आइए, इस बदलाव की गहराई में डुबकी लगाएं।
पशुधन को सुरक्षा, बछिया से समृद्धि का रास्ता
मंत्री श्री एस.पी. सिंह बघेल ने कहा कि पशुधन किसान का परिवार का हिस्सा है, और उसकी सेहत ही घर की खुशहाली है। पशुओं का टीकाकरण बीमारियों से बचाव का ढाल है, जो गाय-भैंसों को लंबी आयु देगा। कृत्रिम गर्भाधान की सलाह और भी खास है, जहां 90% तक बछिया पैदा होने की उम्मीद है, जो दूध की नदियां बहाएंगी। एटा के गांवों में यह कदम पशुपालकों के लिए वरदान साबित हो सकता है। बारिश के इस मौसम में टीकाकरण शिविरों का लाभ उठाएं, और अपनी गायों को नई जिंदगी दें। मंत्री जी का यह संकल्प पशुओं की सेहत के साथ-साथ किसान की जेब को भी मोटा करेगा।
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प्राकृतिक खेती, मिट्टी का सम्मान, फसल का पोषण
विज्ञान केंद्र एटा में मंत्री जी ने मिट्टी को खेती की आत्मा बताया और प्राकृतिक खेती को अपनाने का आग्रह किया। रासायनिक उर्वरकों से मुक्ति पाकर गोबर-घास और जैविक खाद से मिट्टी को नया जीवन दें। संतुलित उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग से फसलों को स्वाद और सेहत मिलेगी, जो बाजार में उनकी कीमत बढ़ाएगी। बारिश की नमी इस प्रक्रिया को आसान बनाती है—गांव की मिट्टी में हाथ डालें और प्रकृति के साथ दोस्ती निभाएं। मंत्री जी का यह कदम न सिर्फ फसल को बढ़ाएगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती को उपजाऊ रखेगा।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड, खेत की कहानी, किसान का मार्गदर्शक
मंत्री श्री एस.पी. सिंह बघेल ने एटा के किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड का तोहफा दिया, जो खेत की सेहत का आईना है। यह कार्ड बताता है कि मिट्टी में क्या कमी है, क्या चाहिए, और कैसे पैदावार दोगुनी हो सकती है। बारिश के बाद मिट्टी की जांच का यह सही वक्त है—कार्ड के आधार पर उर्वरकों का सही मिश्रण करें, और लहलहाती फसलों का आनंद लें। यह कदम न सिर्फ उत्पादन बढ़ाएगा, बल्कि खर्च को भी कम करेगा, जो किसान के घरेलू बजट को संभालेगा। मंत्री जी का यह प्रयास खेतों को नई दिशा दे रहा है।
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फॉर्मर रजिस्ट्री, अधिकार का आधार, भविष्य का सहारा
फॉर्मर रजिस्ट्री कराने का आग्रह मंत्री जी का एक दूरदर्शी कदम है। रजिस्ट्री से किसान सरकार की योजनाओं—बीमा, सब्सिडी, या ऋण का पूरा लाभ ले सकेगा। यह कागज उसकी पहचान बनेगा, जो उसे हक दिलाएगा। एटा के गांवों में पंचायत कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर यह प्रक्रिया पूरी करें। बारिश की इस रात में घर बैठे रजिस्ट्री कराएं, और अपनी जमीन को मजबूत आधार दें। मंत्री जी का यह आह्वान न सिर्फ व्यक्तिगत लाभ देगा, बल्कि समुदाय को भी एकजुट करेगा।
मंत्री श्री एस.पी. सिंह बघेल का विज्ञान केंद्र एटा में यह कार्यक्रम खेती के भविष्य को चमकाने वाला है। पशुओं की सेहत से लेकर मिट्टी के स्वास्थ्य तक, हर सलाह किसान को आत्मनिर्भर बनाएगी। बारिश की इस रात में खेतों की मिट्टी को छुएं, पशुओं को टीका लगवाएं, और प्राकृतिक खेती की नींव डालें। मृदा स्वास्थ्य कार्ड को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाएं और रजिस्ट्री से हक हासिल करें। यह वक्त मेहनत और विश्वास का है—अगली फसलें इस संकल्प की गवाह होंगी। एटा से लेकर देश के कोने-कोने तक, मंत्री जी का यह संदेश खेती को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
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