बिहार जैसे कृषि प्रधान राज्य में मछली पालन अब सिर्फ़ एक व्यवसाय नहीं, बल्कि किसान भाइयों के लिए कमाई का एक मज़बूत ज़रिया बन गया है। हमारे खेतों और तालाबों में मछली पालन से कई परिवार अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना रहे हैं। इस क्षेत्र को और मज़बूत करने के लिए बिहार सरकार ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के ज़रिए कई योजनाएँ शुरू की हैं।
इनमें से एक खास योजना है भ्रमण दर्शन कार्यक्रम योजना, जो मछली पालकों को आधुनिक तकनीकों से रूबरू कराने का सुनहरा मौका देती है। इस योजना के तहत 2025-26 में 5880 किसान भाइयों को एक दिवसीय भ्रमण का अवसर मिलेगा। सिर्फ़ 100 रुपये के मामूली शुल्क के साथ आप इस योजना का हिस्सा बन सकते हैं। आइए, इस योजना को और करीब से समझें।
मछली पालन को नया जोश
भ्रमण दर्शन कार्यक्रम योजना का मकसद है मछली पालकों को नई और वैज्ञानिक तकनीकों की जानकारी देना। बिहार सरकार चाहती है कि हमारे खेतों के तालाबों में मछली पालन न सिर्फ़ ज़्यादा हो, बल्कि उसका उत्पादन भी बेहतर हो। इसके लिए 2025-26 में 5880 मछली पालकों को 294 बैचों में बाँटा जाएगा, जिसमें हर बैच में 20 किसान होंगे। ये किसान बिहार के उन उन्नत मत्स्य प्रक्षेत्रों का दौरा करेंगे, जहाँ बायोफ्लॉक, रेसवे सिस्टम, और एकीकृत मछली पालन जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल हो रहा है। ये दौरा एक दिन का होगा, जिसमें विशेषज्ञ किसानों को प्रैक्टिकल ज्ञान देंगे। इससे किसान भाई अपने तालाबों में नई तकनीकों को अपनाकर ज़्यादा मुनाफा कमा सकेंगे।
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सिर्फ़ 100 रुपये में बड़ा अवसर
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा है इसका मामूली शुल्क। भ्रमण में हिस्सा लेने के लिए आपको सिर्फ़ 100 रुपये अपने ज़िले के मत्स्य कार्यालय में जमा करने होंगे। ये छोटा-सा निवेश आपके लिए बड़ा मुनाफा ला सकता है। इस भ्रमण में आपको न सिर्फ़ नई तकनीकों की जानकारी मिलेगी, बल्कि आप उन मछली पालकों से भी मिलेंगे, जो पहले से इन तकनीकों का इस्तेमाल कर अच्छी कमाई कर रहे हैं। बिहार के सभी ज़िलों में ये योजना लागू होगी, तो चाहे आप पटना, मुजफ्फरपुर, या दरभंगा से हों, इस अवसर को हाथ से न जाने दें। ये योजना आपके तालाबों को और समृद्ध बनाएगी।
कौन उठा सकता है फायदा
भ्रमण दर्शन योजना (Bihar Bhraman Darshan Yojana) का लाभ कई तरह के मछली पालकों को मिलेगा। अगर आप निजी, पट्टे पर लिए, या सरकारी तालाब में मछली पालन करते हैं, तो ये योजना आपके लिए है। इसके अलावा, अगर आपने पहले विभाग की किसी योजना के तहत आवेदन किया है या प्रखंड स्तर की मत्स्यजीवी सहयोग समिति के सक्रिय सदस्य हैं, तो आप भी पात्र हैं। जो प्रगतिशील मछली पालक हैं और विभागीय प्रशिक्षण लेकर सफलता हासिल कर चुके हैं, उनके लिए भी ये योजना खुली है। अगर आप नए हैं, लेकिन मछली पालन शुरू करना चाहते हैं और आपके पास ज़रूरी संसाधन (जैसे तालाब या पानी) हैं, तो आप भी इस योजना का हिस्सा बन सकते हैं।
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ऑनलाइन आवेदन, आसान प्रक्रिया
इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट fisheries.bihar.gov.in पर जाएँ। वहाँ आपको अपना पंजीकरण कराना होगा, जिसमें आधार कार्ड, तालाब का विवरण, और बैंक खाते की जानकारी देनी होगी। आवेदन की आखिरी तारीख 31 अगस्त 2025 है, इसलिए समय रहते आवेदन कर लें। अगर आपको ऑनलाइन प्रक्रिया में दिक्कत हो, तो अपने नज़दीकी ज़िला मत्स्य कार्यालय से संपर्क करें। वहाँ के कर्मचारी आपकी मदद करेंगे। आप चाहें तो https://state.bihar.gov.in/ahd/CitizenHome.html पर भी ज़्यादा जानकारी पा सकते हैं। ये प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और किसान हित में बनाई गई है।
मछली पालन, आत्मनिर्भरता की नई उड़ान
भ्रमण दर्शन कार्यक्रम योजना बिहार के मछली पालकों के लिए एक ऐसा मौका है, जो न सिर्फ़ उनके ज्ञान को बढ़ाएगा, बल्कि उनकी कमाई को भी दोगुना करेगा। ये योजना नई तकनीकों को अपनाने और मछली उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेगी। चाहे आप पुराने मछली पालक हों या नए, इस योजना के ज़रिए आप अपने तालाबों को और मुनाफेदार बना सकते हैं। सिर्फ़ 100 रुपये के शुल्क के साथ आप आधुनिक मछली पालन की दुनिया में कदम रख सकते हैं। तो देर न करें, आज ही fisheries.bihar.gov.in पर आवेदन करें और अपने खेतों को समृद्ध बनाएँ।
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