बाढ़ प्रभावित राज्यों को केंद्र की मदद, शिवराज बोले– किसानों को मिलेगा फसल बीमा का पूरा लाभ

रबी फसल की तैयारी जोरों पर है, लेकिन इस बार बाढ़ ने कई किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। नई दिल्ली में हुए ‘राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन-रबी अभियान 2025’ में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने साफ कहा कि बाढ़ प्रभावित राज्यों के किसानों के लिए सरकार हर संभव मदद करेगी। साथ ही, रबी फसल के लिए बीज, खाद और उर्वरक की कोई कमी नहीं होगी। ये सम्मेलन हमारे गाँव के किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है, ताकि उनकी खेती फिर से लहलहाए।

बाढ़ पीड़ित राज्यों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता

बाढ़ ने इस साल कई राज्यों में भारी तबाही मचाई है। पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हरियाणा और असम में फसलें डूब गईं, और गाँव के किसान परेशान हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इन राज्यों में लाखों हेक्टेयर खेत प्रभावित हुए हैं। सरकार इन किसानों के साथ खड़ी है और कोई कसर नहीं छोड़ेगी। खासकर, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत शामिल राज्यों में बीमा राशि जल्द और उचित तरीके से पहुँचाने की पूरी कोशिश हो रही है। गाँवों में कई किसान इस बीमा की आस में हैं, क्योंकि ये उनकी बर्बाद फसलों का एकमात्र सहारा है।

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रबी के लिए बीज की कोई कमी नहीं

रबी फसल की बुआई के लिए सबसे जरूरी है अच्छे बीज। सम्मेलन में शिवराज सिंह ने भरोसा दिलाया कि इस बार बीजों की पूरी व्यवस्था है। बुआई के लिए 229 लाख मीट्रिक टन बीज चाहिए, लेकिन सरकार के पास 250 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा बीज उपलब्ध हैं। ये अतिरिक्त स्टॉक सुनिश्चित करेगा कि हर गाँव तक समय पर बीज पहुँचे। गाँव के किसान भाई-बहन जो बाढ़ से परेशान हैं, उनके लिए ये खबर राहत की साँस लाएगी। सम्मेलन में ये भी तय हुआ कि बीज वितरण को तेज और पारदर्शी बनाया जाएगा, ताकि कोई किसान छूट न जाए।

इस साल अच्छी बारिश की वजह से बुआई का क्षेत्रफल बढ़ा है, जिससे खाद और उर्वरक की मांग भी ज्यादा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में हैं, और हर राज्य को उसकी जरूरत के हिसाब से खाद मिलेगी। गाँवों में कई बार खाद समय पर नहीं मिलती, लेकिन इस बार सरकार ने वितरण चेन को मजबूत करने का भरोसा दिया है। ये सुनिश्चित करेगा कि रबी फसल की बुआई और देखभाल में कोई रुकावट न आए। गाँव के किसान अब बिना चिंता के खेती की तैयारी कर सकते हैं।

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गाँव-गाँव वैज्ञानिक सलाह: विकसित कृषि संकल्प अभियान

रबी फसल को और बेहतर बनाने के लिए सरकार ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ फिर से शुरू कर रही है। इसके तहत 2000 से ज्यादा वैज्ञानिक टीमें गाँव-गाँव जाएंगी। इनमें केंद्र और राज्य के कृषि अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्रों के विशेषज्ञ, विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिक, एफपीओ और प्रगतिशील किसान शामिल होंगे। ये टीमें बीज चयन, खाद का सही इस्तेमाल और कीट नियंत्रण जैसे मुद्दों पर सलाह देंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लैब टू लैंड’ के सपने को पूरा करने के लिए ये अभियान पिछले साल भी बहुत कामयाब रहा था। गाँव के किसान भाई-बहन इस सलाह से अपनी फसल को और मजबूत कर सकते हैं।

देश में धान और गेहूँ की खेती वैश्विक स्तर की है, लेकिन दलहन और तिलहन में अभी और मेहनत चाहिए। शिवराज सिंह ने कहा कि प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाने पर जोर है। इसके लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है, जिसमें कपास और सोयाबीन जैसी फसलों पर पहले ही काम शुरू हो चुका है। रबी अभियान के बाद बाकी फसलों के लिए भी ठोस कदम उठाए जाएंगे। इस साल 2025-26 के लिए 362.50 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य है, जो पिछले साल से 6.5 प्रतिशत ज्यादा है। ये महत्वाकांक्षी लक्ष्य गाँव के किसानों की मेहनत और सरकार की योजनाओं से ही पूरा होगा।

नकली बीज और कीटनाशक पर सख्ती

नकली बीज, कीटनाशक और उर्वरक किसानों की मेहनत को बर्बाद कर देते हैं। सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राजस्थान समेत कई राज्यों ने नकली सामान बेचने वालों पर छापेमारी की है, और इसका अच्छा असर हुआ है। केंद्र और राज्य मिलकर ऐसी गतिविधियों पर और सख्ती करेंगे। गाँवों में किसान भाई-बहन को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाए जाएंगे, ताकि वे सही और सत्यापित उत्पाद ही खरीदें। ये कदम न सिर्फ फसल को बचाएंगे, बल्कि विश्वास भी बढ़ाएंगे।

‘राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन-रबी अभियान 2025’ ने बाढ़ से जूझ रहे किसानों को राहत और रबी फसल के लिए नई उम्मीद दी है। पर्याप्त बीज, खाद, बीमा और वैज्ञानिक सलाह से गाँव के किसान अपनी खेती को फिर से हरा-भरा कर सकते हैं। सरकार का उत्पादन बढ़ाने और नकली सामान पर सख्ती का रुख किसानों के लिए बड़ा सहारा है। इस रबी सीजन में सही समय पर बुआई और सरकारी योजनाओं का फायदा उठाकर अपनी फसल को मजबूत करें।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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