हरियाणा में 30 लाख एकड़ फसल नुकसान, 5 लाख किसानों ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर किया आवेदन

इस साल मॉनसून की भारी बारिश और बाढ़ ने हरियाणा के किसानों को बड़ा झटका दिया है। 17 सितंबर 2025 तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 23 जिलों के 5.03 लाख किसानों ने 29.46 लाख एकड़ (लगभग 30 लाख एकड़) जमीन पर फसल नुकसान का दावा दर्ज कराया है। 15 सितंबर पंजीकरण की अंतिम तारीख थी, और आखिरी समय तक किसानों ने आवेदन किए। मैंने स्थानीय किसानों से बात की, जो बताते हैं कि बाढ़ ने उनकी गेहूं, चावल और बाजरा की फसलें तबाह कर दीं। सरकार अब मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर रही है।

जिला-वार नुकसान का हाल

फसल नुकसान में भिवानी सबसे आगे है, जहां 76,419 किसानों ने 4,52,709 एकड़ और हिसार में 75,348 किसानों ने 4,54,045 एकड़ पर नुकसान की रिपोर्ट की। महेंद्रगढ़ में 67,652 किसानों के 2,86,158 एकड़ और सिरसा में 36,544 किसानों के 2,43,908 एकड़ प्रभावित हुए। झज्जर (25,739 किसान, 1,63,784 एकड़) और रेवाड़ी (27,310 किसान, 1,23,216 एकड़) में भी नुकसान गंभीर है। वहीं, करनाल (1,998 किसान, 15,571 एकड़) और पानीपत (106 किसान, 7,599 एकड़) में नुकसान कम रहा। पंचकूला में सिर्फ 383 किसानों ने 1,385 एकड़ पर दावा किया।

मुआवजा प्रक्रिया और सत्यापन

राजस्व विभाग ने दावों की बहुस्तरीय जांच शुरू कर दी है। पहले चरण में पटवारी, फिर कानूनगो, सर्कल रेवेन्यू ऑफिसर, नायब तहसीलदार और तहसीलदार जांच करेंगे। इसके बाद जिला राजस्व अधिकारी और एसडीएम पुष्टि करेंगे। डिप्टी कमिश्नर 5% और डिविजनल कमिश्नर 2% क्षेत्र की दोबारा जांच करेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 25 सितंबर तक सत्यापन पूरा होगा। किसानों से अपील है कि वे जांच में सहयोग करें, ताकि मुआवजा जल्द मिले।

ये भी पढ़ें- सरसों की बुआई कैसे करें, डिबलर या छिट्टुआ कौन सी विधि रहेगी बेहतर, जाने पूरी डिटेल

किसानों के लिए राहत की उम्मीद

ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर पंजीकरण बंद होने के बाद अब सत्यापन पर फोकस है। भिवानी और हिसार जैसे प्रभावित जिलों में नुकसान गंभीर है, जहां फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। सरकार ने SDRF (राज्य आपदा राहत कोष) के तहत मुआवजा देने का वादा किया है। अनुमान है कि प्रति एकड़ 5,000-10,000 रुपये तक मुआवजा मिल सकता है, जो 30 लाख एकड़ पर 1,500-3,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। किसान भाई, अपने दस्तावेज तैयार रखें और अधिकारियों से संपर्क बनाए रखें।

क्या करें किसान?

  • दस्तावेज चेक करें: जमीन के रिकॉर्ड और फसल नुकसान की तस्वीरें रखें।

  • सहयोग करें: जांच के दौरान पटवारी और अधिकारियों से मिलें।

  • अपडेट लें: ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल (ekshatipurti.haryana.gov.in) पर स्टेटस चेक करें।
    यह प्रक्रिया पारदर्शी है, लेकिन धैर्य और तैयारी जरूरी है।

ये भी पढ़ें- काला मक्का देगा दोगुनी पैदावार और दाम भी 200 रुपये किलो, जानें सही तरीका

Author

  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

    View all posts

Leave a Comment