उत्तर प्रदेश में रबी सीजन 2025 की तैयारियाँ जोरों पर हैं। योगी सरकार ने इस बार सभी 75 जिलों में एक बड़ा अभियान शुरू करने का फैसला किया है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने हाल ही में नई दिल्ली में हुए राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह अभियान ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के नाम से चलाया जाएगा। इसका मकसद है किसानों को समय पर सही जानकारी और संसाधन उपलब्ध कराना, ताकि उनकी फसल की पैदावार बढ़े और मेहनत का पूरा फल मिले। यह अभियान केंद्र सरकार की ‘लैब टू लैंड’ पहल का हिस्सा है, जिसके तहत वैज्ञानिक खेती के नए तरीके किसानों तक पहुँचाए जाएँगे।
वैज्ञानिकों और किसानों का सहयोग
इस अभियान के तहत वैज्ञानिकों, कृषि विशेषज्ञों और अधिकारियों की टीमें गाँव-गाँव जाकर किसानों से मिलेंगी। ये टीमें कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों और किसान उत्पादक संगठनों के लोगों को शामिल करेंगी। सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि ये विशेषज्ञ किसानों को गेहूं, चना, सरसों और अन्य रबी फसलों की बुवाई, खाद और कीट प्रबंधन के बारे में सलाह देंगे। मुरादाबाद के एक किसान रामपाल ने कहा कि ऐसी योजनाएँ पहले भी आई थीं, लेकिन इस बार सरकार का जोर गाँव स्तर पर जाकर किसानों की समस्याएँ सुनने और समाधान देने पर है। यह कदम किसानों के लिए नई तकनीकों को अपनाने में मददगार साबित हो सकता है।
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फसल बीमा से मिलेगी राहत
कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत किसानों को फसल खराब होने की स्थिति में समय पर और पूरा मुआवजा मिलेगा। कई बार सूखा, बाढ़ या कीटों की वजह से फसल को नुकसान होता है। ऐसे में यह बीमा किसानों के लिए आर्थिक सुरक्षा का काम करता है। लखनऊ के एक किसान संगठन के नेता सुरेश यादव ने बताया कि बीमा की प्रक्रिया को और आसान करने की जरूरत है, ताकि छोटे किसानों को भी इसका लाभ जल्दी मिल सके। सरकार ने इस दिशा में कदम उठाने का वादा किया है।
सम्मेलन में हुई अहम चर्चा
नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन में कई जरूरी मुद्दों पर बात हुई। इसमें जलवायु परिवर्तन, अच्छी गुणवत्ता वाले बीज, जैविक खेती और बागवानी जैसे विषय शामिल थे। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस सम्मेलन की अध्यक्षता की। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री ने बताया कि यह सम्मेलन ‘एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम’ के विजन को साकार करने का मौका देता है। इस बार सम्मेलन को दो दिन का किया गया, ताकि हर मुद्दे पर गहराई से चर्चा हो सके।
किसानों के लिए सलाह
किसानों को सलाह है कि वे इस अभियान का फायदा उठाएँ। अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें और नई तकनीकों के बारे में जानें। साथ ही, फसल बीमा योजना में पंजीकरण कराएँ, ताकि प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान होने पर आर्थिक मदद मिल सके। यह अभियान उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक सुनहरा मौका है, जिससे खेती को और बेहतर बनाया जा सकता है।
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