Paddy Mandi Bhav: खरीफ सीजन की धूम मचाने वाली धान फसल अब किसानों की जेब भरने पर तुली हुई है। मध्य प्रदेश की कृषि मंडियों से आ रही ताजा खबरें दिल खुश करने वाली हैं, जहां धान का भाव 3220 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। यह उछाल न सिर्फ किसानों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर रहा है, बल्कि बाजार में भी एक नई ऊर्जा का संचार कर रहा है।
मानसून की अच्छी बरसात और मांग की तेजी ने इस भाव को नई ऊंचाई दी है। विशेषज्ञ किसानों को सलाह दे रहे हैं कि सरकारी खरीद शुरू होने पर यह और मजबूत हो सकता है, लेकिन अभी से मंडी में पहुंचकर फायदा उठाएं। आइए, जानते हैं मध्य प्रदेश के अलावा आंध्र प्रदेश और गुजरात की प्रमुख मंडियों का आज का हाल, जहां धान की कीमतें अलग-अलग रंग दिखा रही हैं।
मध्य प्रदेश: ऊंचे दामों से किसानों का जोर
प्रदेश की मंडियों में धान का खेल कुछ इस कदर गर्म है कि किसान सुबह-सुबह ही ट्रैक्टर लोड करके निकल पड़ते हैं। बरेली मंडी में भाव 3220 रुपये क्विंटल पर पहुंच गया है, जो पिछले हफ्ते से 200 रुपये की छलांग लगाई है। इसी तरह, होशंगाबाद में यह 3240 रुपये तक चढ़ा है, जबकि आलमपुर में स्थिर 3050 रुपये पर टिका हुआ है। लेकिन बालाघाट और बिछिया जैसी जगहों पर 1761 से 2175 रुपये के बीच भाव है, जो मिट्टी की गुणवत्ता और लोकल मांग पर निर्भर करता है।
एक स्थानीय किसान रामेश्वर सिंह बताते हैं कि इस बार अच्छी उपज के साथ भाव भी सही मिला तो साल भर की चिंता खत्म। बुधर मंडी में 2000 रुपये का भाव स्थिर है, लेकिन कुल मिलाकर प्रदेश में औसत 2800 रुपये के आसपास घूम रहा है। यह बढ़ोतरी बफर स्टॉक की मांग और मिलरों की खरीदारी से जुड़ी हुई लगती है।
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आंध्र प्रदेश: मिश्रित रुझान, लेकिन उम्मीद बरकरार
दक्षिण के इस राज्य में धान का बाजार थोड़ा उतार-चढ़ाव वाला दिख रहा है, लेकिन कुल मिलाकर किसानों को संतोषजनक दाम मिल रहे हैं। तिरुवुरु मंडी में भाव 2400 से 2800 रुपये के बीच पहुंचा है, जो प्रखंड के 2350 रुपये मॉडल प्राइस से कहीं बेहतर है। रामपुर में 2450 रुपये का औसत भाव किसानों को आकर्षित कर रहा है, जबकि आत्मकुर और नांदयाल में 2300-2320 रुपये पर स्थिरता बनी हुई है।
एक मिलर की मानें तो यहां की अच्छी क्वालिटी वाली धान को बाहर के राज्य भी खरीद रहे हैं, जिससे ऊपरी भाव संभव है। लेकिन छोटे किसानों को सलाह है कि जल्दबाजी न करें, क्योंकि सरकारी खरीद एमएसपी 2300 रुपये पर शुरू हो रही है। यह सीजन आंध्र के तटीय इलाकों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है, जहां फसल की गुणवत्ता बाजार तय करती है।
गुजरात: स्थिर लेकिन कमजोर भाव
पश्चिमी राज्य गुजरात की मंडियों में धान का भाव थोड़ा फीका पड़ रहा है, जो सूखे की आशंका और लोकल मांग की कमी से जुड़ा है। दाहोद में महज 1700 रुपये क्विंटल का भाव है, जबकि देवगढ़बरिया में 1525 रुपये तक सिमट गया है। देहगाम मंडी में थोड़ी बेहतरी दिख रही है, जहां 1887 रुपये का मॉडल प्राइस है और अधिकतम 2150 रुपये तक गया।
दावगाडबरिया जैसे इलाकों में 1510 रुपये पर भाव लुढ़क रहा है, जो किसानों के लिए चिंता का विषय है। एक गुजराती किसान की जुबानी सुनें तो लगता है कि वे अन्य फसलों की ओर रुख कर रहे हैं, लेकिन जो धान उगा चुके हैं, उनके लिए निर्यात की उम्मीद बंधी हुई है। विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर मानसून ने साथ दिया तो भाव में सुधार संभव है, वरना एमएसपी पर निर्भर रहना पड़ेगा।
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