मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में डीएपी खाद की भारी किल्लत से परेशान किसानों ने मंगलवार को अपना गुस्सा सड़क पर उतार दिया। विजयपुर क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने क्वारी नदी के पुल पर चक्काजाम कर दिया, जिससे ग्वालियर-मुरैना और श्योपुर को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर 3 घंटे तक यातायात पूरी तरह ठप हो गया। प्रदर्शन में महिलाएं और बच्चे भी सड़क पर उतरे, और जाम में एक एम्बुलेंस तक 2 घंटे फंस गई।
प्रदर्शन की शुरुआत
सुबह-सुबह किसानों ने पुल पर धरना देना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि खाद वितरण केंद्रों पर अव्यवस्था मची हुई है। रात से लाइन लगाने के बावजूद सुबह 6 बजे तक टोकन नहीं मिला। एक टोकन पर सिर्फ दो बोरे डीएपी मिल रहा है, जो रबी सीजन की फसल के लिए नाकाफी है। किसानों ने नारेबाजी करते हुए सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया। एक सप्ताह पहले भी विजयपुर में खाद केंद्र पर पत्थरबाजी हो चुकी थी, लेकिन उसके बाद भी स्थिति सुधरी नहीं।
महिलाओं और बच्चों की भागीदारी
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हुए। किसानों का कहना है कि खाद न मिलने से उनकी फसलें खतरे में हैं। जाम में सैकड़ों वाहन, ट्रक और बसें फंस गईं। राहगीरों को भारी परेशानी हुई, और एम्बुलेंस के फंसने से स्थिति और गंभीर हो गई। किसानों ने कहा, “हम रात भर लाइन में खड़े रहते हैं, फिर भी खाली हाथ लौटते हैं। सरकार सो रही है।”
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प्रशासन का हस्तक्षेप
जाम की खबर मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। विजयपुर एसडीओपी राघवेंद्र सिंह तौमर ने किसानों से बातचीत की और 3 दिनों में पर्याप्त खाद उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। काफी समझाइश के बाद किसानों ने जाम खत्म किया, और ट्रैफिक बहाल हो गया। लेकिन किसानों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द खाद न मिली, तो वे फिर से बड़ा आंदोलन करेंगे।
किसानों की मांगें
किसानों का मुख्य मुद्दा डीएपी खाद की कमी है। उनका कहना है कि वितरण प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और अव्यवस्था है। एक किसान ने बताया, “एक हफ्ते पहले केंद्र पर तोड़फोड़ हुई, लेकिन खाद की सप्लाई नहीं बढ़ी। रबी बुवाई का समय नजदीक है, अगर खाद न मिली तो फसल बर्बाद हो जाएगी।” प्रशासन ने वरिष्ठ अधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया है।
यह घटना मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में खाद संकट की गंभीरता को उजागर करती है। किसान उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार जल्द कदम उठाएगी, वरना ऐसे प्रदर्शन बढ़ सकते हैं।
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