ब्रोकली की खेती से किसान कमा रहे लाखों, जानें खास किस्में और सही तरीका

Special varieties of broccoli: आज के समय में खेती-किसानी में कुछ ऐसी फसलें हैं, जो कम मेहनत और कम समय में अच्छा मुनाफा दे सकती हैं। ब्रोकली इन्हीं फसलों में से एक है, जिसकी बाजार में मांग साल भर बनी रहती है। चाहे शहर के बड़े होटल हों या गाँव की सब्जी मंडी, ब्रोकली की हरी-हरी फलियां हर जगह पसंद की जाती हैं। ये न सिर्फ़ पौष्टिक है, बल्कि इसकी खेती करके किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं। खास बात ये है कि अगर सही समय और सही किस्मों का चयन किया जाए, तो ब्रोकली का खेत सचमुच सोना उगल सकता है। आइए जानते हैं ब्रोकली की खेती के बारे में और इसकी कुछ खास किस्मों के बारे में।

बुवाई का सही समय

ब्रोकली की खेती के लिए सर्दियों का मौसम सबसे अच्छा माना जाता है। अक्टूबर और नवंबर के महीने में इसकी बुवाई करना सबसे बेहतर होता है। इस समय मौसम ठंडा होने लगता है, जो ब्रोकली के पौधों के लिए अनुकूल होता है। अगर सही समय पर बुवाई की जाए, तो फसल 70 से 140 दिन में तैयार हो जाती है, जो किस्म पर निर्भर करता है। इस दौरान किसान न सिर्फ़ अच्छी पैदावार पा सकते हैं, बल्कि बाजार में अच्छे दाम भी हासिल कर सकते हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड शुरू होने से पहले बुवाई करने से फसल को रोगों का खतरा भी कम रहता है।

ब्रोकली की खास किस्में

ब्रोकली की कई उन्नत किस्में हैं, जो भारतीय किसानों के लिए खास तौर पर फायदेमंद हैं। इनमें से कुछ किस्में ऐसी हैं, जो कम समय में अच्छी पैदावार देती हैं और बाजार में इनकी कीमत भी अच्छी मिलती है। मिसाल के तौर पर, आरिया किस्म की ब्रोकली काफी लोकप्रिय है। इसके फूल बड़े और गहरे हरे रंग के होते हैं, जिनका वजन 1 से 1.5 किलो तक हो सकता है। इसकी फसल 90 से 95 दिन में तैयार हो जाती है।

दूसरी ओर, ग्रीन स्प्राउटिंग किस्म सबसे जल्दी तैयार होने वाली किस्म है, जो 70 से 80 दिन में फल देने लगती है। इसकी पैदावार 120 से 150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है। इसके फूलों का रंग गहरा हरा और सिरा गुंथा हुआ होता है, जो बाजार में खूब पसंद किया जाता है।

ये भी पढ़ें- घर पर गमले में लगाएं ब्रोकली की ये खास किस्म, यहां से मंगवाएं ऑनलाइन बीज

भारतीय खेतों के लिए खास किस्में

भारत में कुछ ऐसी किस्में भी हैं, जो खास तौर पर हमारे मौसम और मिट्टी के लिए तैयार की गई हैं। पूसा पर्पल-1 इसका अच्छा उदाहरण है। इसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने विकसित किया है। इस किस्म के पौधे मध्यम ऊंचाई के होते हैं और इसके फूलों का वजन 350 से 450 ग्राम तक होता है। ये किस्म 125 से 140 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर 16 टन तक की पैदावार देती है।

दूसरी ओर, लकी किस्म भी किसानों की पसंद है। इसके फूल 600 से 800 ग्राम के होते हैं और ये 80 से 90 दिन में तैयार हो जाते हैं। खास बात ये है कि ये किस्म कई रोगों के खिलाफ प्रतिरोधी है, जिससे किसानों को नुकसान का डर कम रहता है।

विदेशी किस्म का कमाल

ब्रोकली की कुछ विदेशी किस्में भी भारतीय खेतों में उगाई जा रही हैं। इनमें इटालियन ग्रीन स्प्राउटिंग प्रमुख है। इस किस्म के फूल गोभी की तरह दिखते हैं, लेकिन इनका रंग हरा होता है। ये प्रति हेक्टेयर 100 क्विंटल तक की पैदावार दे सकती है। हालाँकि, इसे भारत में कम उगाया जाता है, लेकिन जिन किसानों ने इसे अपनाया है, वे इसकी पैदावार और कीमत से खुश हैं। ऐसी किस्मों को चुनते समय किसानों को अपने इलाके के मौसम और मिट्टी की जाँच कर लेनी चाहिए, ताकि उन्हें ज्यादा से ज्यादा फायदा हो।

ये भी पढ़ें- किसान भाई अक्टूबर में बोएं ये सब्जियां, कम समय में मिलेगा शानदार मुनाफा

खेती के टिप्स और मुनाफा

ब्रोकली की खेती में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले, अच्छी गुणवत्ता वाले बीज चुनें और मिट्टी को अच्छे से तैयार करें। मिट्टी में जैविक खाद का इस्तेमाल करने से फसल की गुणवत्ता बढ़ती है। साथ ही, समय-समय पर सिंचाई और खरपतवार नियंत्रण भी जरूरी है। ब्रोकली की फसल में रोगों का खतरा कम होता है, लेकिन फिर भी फफूंदनाशी और कीटनाशकों का सही समय पर इस्तेमाल करना चाहिए।

बाजार में ब्रोकली की कीमत मौसम के हिसाब से बदलती रहती है, लेकिन सर्दियों में इसकी मांग बढ़ने से अच्छा दाम मिलता है। कुछ किसानों का कहना है कि ऑफ-सीजन में ब्रोकली की कीमत 50 से 100 रुपये प्रति किलो तक पहुँच जाती है, जिससे उनकी कमाई दोगुनी हो जाती है।

क्यों है ब्रोकली खास?

ब्रोकली की खेती न सिर्फ़ मुनाफे का सौदा है, बल्कि ये पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। ये फसल कम समय में तैयार होती है और मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने में मदद करती है। साथ ही, ये पौष्टिक होने की वजह से स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी है, जिससे इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। अगर किसान सही किस्म और सही तरीके से इसकी खेती करें, तो ये उनके लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है।

ये भी पढ़ें- Mustard Varieties: अक्टूबर में सरसों की 5 उन्नत किस्में बोएं, पायें बंपर उपज और बेहतरीन तेल गुणवत्ता से लाखों का मुनाफा

Author

  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

    View all posts

Leave a Comment