आ गयी लहसुन की सबसे धाकड़ वैरायटी, खेती कर किसान बन सकते हैं लखपति, जानिए मुनाफे का मंत्र

भारत में लहसुन की मांग कभी कम नहीं होती। घर की रसोई से लेकर आयुर्वेदिक दवाओं तक, यह हर जगह इस्तेमाल होता है। यही वजह है कि लहसुन की खेती किसानों के लिए मुनाफे का अच्छा सौदा साबित हो सकती है। अगर सही किस्म चुन ली जाए, तो उत्पादन बढ़ेगा और बाजार में अच्छे दाम मिलेंगे। परंपरागत फसलों के साथ लहसुन को मिलाकर खेती करने से किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं। खासकर उन इलाकों में जहां मिट्टी उपजाऊ है, यह फसल आसानी से उगाई जा सकती है।

हिमाचल की धाकड़ किस्में

हिमाचल प्रदेश की लहसुन की किस्में अपने बड़े दानों और सफेद रंग के लिए मशहूर हैं। इनका स्वाद तीखा और खुशबू तेज होती है, जो बाजार में इनकी डिमांड को बढ़ाती है। हिमगिरी और हिमलहसुन जैसी किस्में खास तौर पर लोकप्रिय हैं। ये किस्में अच्छी पैदावार देती हैं और रोगों से लड़ने की ताकत रखती हैं। एक हेक्टेयर में इनसे 8-10 टन तक उपज हो सकती है। इनकी खेती उत्तरी भारत के ठंडे इलाकों में आसान है, और सही देखभाल से दाने मोटे और चमकदार बनते हैं।

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मध्य प्रदेश की मशहूर किस्में

मध्य प्रदेश में लहसुन की खेती का अपना अलग दम है। यहां गदरवाड़ और धार लहसुन की किस्में बहुत पसंद की जाती हैं। गदरवाड़ की फलियां मोटी होती हैं और उत्पादन ऊंचा रहता है, जबकि धार की किस्म लंबे समय तक स्टोर की जा सकती है। इससे किसान मौसम के हिसाब से बेच सकते हैं और ज्यादा दाम पा सकते हैं। इन किस्मों ने कई किसानों को लाखों का फायदा पहुंचाया है। बाजार में साधारण लहसुन 100-150 रुपये किलो बिकता है, लेकिन ये विशेष किस्में इससे कहीं ज्यादा कीमत पाती हैं।

खेती का सही तरीका

लहसुन की इन किस्मों की खेती के लिए मिट्टी की अच्छी तैयारी जरूरी है। भुरभुरी मिट्टी में जैविक खाद मिलाकर खेत तैयार करें। बुवाई अक्टूबर-नवंबर में करें, जब मौसम ठंडा होने लगे। प्रति हेक्टेयर 400-500 किलो कंद की जरूरत पड़ती है। समय-समय पर सिंचाई करें, लेकिन पानी जमा न होने दें। खरपतवारों को साफ रखें और रोगों पर नजर रखें। कटाई फरवरी-मार्च में करें, जब पत्तियां पीली पड़ने लगें। सही तरीके से की गई खेती से उपज बढ़ती है और दाने की क्वालिटी बेहतर रहती है।

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मुनाफे का राज

ये किस्में न सिर्फ ज्यादा पैदावार देती हैं, बल्कि बाजार मूल्य भी ऊंचा रखती हैं। कम लागत में शुरू होने वाली यह खेती किसानों को साल भर आय दे सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में लहसुन की डिमांड और बढ़ेगी, इसलिए सही किस्म चुनना ही सबसे बड़ा निवेश है। इन किस्मों को अपनाकर किसान अपनी कमाई को मजबूत बना सकते हैं।

किसानों को सलाह है कि स्थानीय कृषि केंद्र से इन किस्मों के कंद लें और बुवाई से पहले मिट्टी की जांच करवाएं। जैविक खेती पर जोर दें, ताकि उत्पाद की गुणवत्ता बनी रहे। बाजार के भाव पर नजर रखें और स्टोरेज का इंतजाम करें। सही योजना से लहसुन की खेती मालामाल का रास्ता खोल सकती है।

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  • Shashikant

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