बिहार में मशरूम खेती को बढ़ावा, महिलाओं को मिलेगी 90% सब्सिडी का लाभ

Bihar Mushroom Kheti Yojana 2025:  बिहार सरकार ने किसानों के लिए एक नई उम्मीद जगाई है। मशरूम जैसी लाभदायक फसल की खेती को बढ़ावा देने के लिए 2025-26 में विशेष योजना शुरू की जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को मशरूम किट और झोपड़ी निर्माण पर 50 से 90 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलेगी। खासकर महिलाओं को प्राथमिकता देकर सरकार उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है। कम जगह और कम लागत में शुरू होने वाली यह खेती ग्रामीण परिवारों की आय को दोगुना करने का बेहतरीन जरिया बन सकती है। बिहार के छोटे किसान, जो पारंपरिक फसलों से ऊब चुके हैं, अब मशरूम की ओर रुख कर सकते हैं।

कम लागत में ऊंचा मुनाफा

मशरूम की खेती की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें ज्यादा जगह की जरूरत नहीं पड़ती। एक छोटे से कमरे या झोपड़ी में ही साल भर कई फसलें ली जा सकती हैं। बिहार के ग्रामीण इलाकों में, जहां जमीन की कमी है, यह फसल किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। सरकार की योजना से किसानों को महंगे रासायनिक खादों या बड़े निवेश की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। इसके बजाय, प्राकृतिक संसाधनों से बनी किटों का इस्तेमाल करके वे जल्दी ही अच्छी कमाई शुरू कर सकेंगे। विशेषज्ञ बताते हैं कि मशरूम बाजार में हमेशा अच्छी कीमत पर बिकता है, जिससे किसानों का मुनाफा कई गुना बढ़ जाता है।

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मशरूम किट पर 90% तक सब्सिडी

योजना के तहत पैडी और ऑयस्टर मशरूम किट पर 90 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। हर किट की कुल लागत 75 रुपये है, जिसमें से 67.50 रुपये सरकार देगी और किसान को सिर्फ 7.50 रुपये चुकाने होंगे। इसी तरह, बटन मशरूम किट की कीमत 90 रुपये है, जिसमें 81 रुपये की सब्सिडी के बाद किसान को 9 रुपये ही देने पड़ेंगे। हर किसान कम से कम 25 किट और ज्यादा से ज्यादा 100 किट ले सकता है। इससे छोटे स्तर पर भी खेती शुरू करने वाले किसान आसानी से लाभ उठा सकेंगे। यह व्यवस्था न केवल खेती को सस्ता बनाएगी, बल्कि किसानों को नई तकनीक सीखने का मौका भी देगी।

झोपड़ी निर्माण पर 50% मदद

मशरूम उगाने के लिए एक सुरक्षित झोपड़ी या कमरा जरूरी होता है। सरकार इस पर भी 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है, जिससे किसान कम खर्च में अपनी यूनिट लगा सकेंगे। बिहार के उद्यान निदेशालय ने इस योजना को कृषि विभाग के सहयोग से चलाने का फैसला किया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में नई मशरूम इकाइयां खड़ी होंगी और स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। किसान अपनी झोपड़ी में नियंत्रित तापमान बनाकर मशरूम की अच्छी पैदावार ले सकेंगे, जो बाजार में ताजा बिक्री के लिए तैयार होगी।

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पहले आओ पहले पाओ

यह योजना पूरी तरह पहले आओ पहले पाओ के आधार पर चलेगी। जो किसान सबसे पहले आवेदन करेंगे, उन्हें लाभ मिलेगा। इसलिए, बिहार के किसानों को नजदीकी कृषि केंद्र या उद्यान कार्यालय से संपर्क करके फॉर्म भरवाना चाहिए। आवेदन प्रक्रिया सरल रखी गई है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें शामिल हो सकें। सरकार का लक्ष्य है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाते हुए किसानों को वैकल्पिक आय के स्रोत उपलब्ध कराए।

महिलाओं के लिए सुनहरा मौका

महिलाओं को इस योजना में 30 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। बिहार के गांवों में महिलाएं घरेलू स्तर पर मशरूम खेती शुरू करके अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकती हैं। यह न केवल परिवार की आय बढ़ाएगी, बल्कि महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में भी मदद करेगी। कई सफल महिला किसान पहले ही मशरूम से अच्छी कमाई कर चुकी हैं, जो दूसरों के लिए प्रेरणा हैं। सरकार का यह कदम ग्रामीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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मशरूम के फायदे

मशरूम न केवल किसानों के लिए फायदेमंद है, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी। यह प्रोटीन, विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है और इसमें वसा की मात्रा बहुत कम होती है। बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है, खासकर शहरी इलाकों में। खेती के दौरान कृषि अपशिष्टों का इस्तेमाल होने से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। बल्कि, यह अपशिष्ट प्रबंधन में भी मदद करता है। बिहार जैसे राज्य में, जहां स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ रही है, मशरूम की खेती से किसान और उपभोक्ता दोनों को फायदा होगा।

बिहार मशरूम खेती योजना 2025 ग्रामीण किसानों के लिए एक नई शुरुआत है। कम लागत, ज्यादा मुनाफा और सरकारी सहायता के साथ यह योजना लाखों परिवारों की किस्मत बदल सकती है। अगर आप बिहार के किसान हैं, तो आज ही नजदीकी केंद्र से संपर्क करें और इस मौके को हाथ से न जाने दें। मशरूम खेती न केवल आय का स्रोत बनेगी, बल्कि स्वस्थ जीवनशैली को भी बढ़ावा देगी। सरकार और किसानों की मेहनत मिलकर बिहार को कृषि का नया केंद्र बना सकती है।

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  • Shashikant

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