उत्तर प्रदेश के किसान भाइयों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार ने चना, मटर और मसूर जैसी लाभदायक रबी फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए मुफ्त बीज वितरण योजना शुरू की है। इस योजना के तहत किसानों को निशुल्क मिनी किट उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिसमें इन फसलों के उच्च गुणवत्ता वाले बीज शामिल हैं। महंगे बाजार के बीजों की चिंता अब किसानों को नहीं सताएगी। कृषि विभाग के इस कदम से न केवल खेती की लागत कम होगी, बल्कि इन फसलों की ओर किसानों का रुझान भी बढ़ेगा। अक्टूबर का महीना इन फसलों की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त है, और यह योजना समय पर आ गई है।
योजना के तहत क्या मिलेगा
इस योजना में हर योग्य किसान को एक मिनी किट मिलेगी, जिसमें करीब 2 किलो बीज होंगे। कुल मिलाकर चना के लिए 50 मिनी किट, मटर के लिए 75 और मसूर के लिए 750 किट वितरित की जाएंगी। कृषि उपनिदेशक गिरीश चंद्र ने बताया कि ये किटें राज्य के विकास खंड स्तर पर राजकीय कृषि निवेश बीज भंडार से ई-पॉस मशीन के जरिए दी जाएंगी। अगर आवेदनों की संख्या लक्ष्य से ज्यादा हो गई, तो ऑनलाइन लॉटरी से चयन होगा। यह व्यवस्था निष्पक्षता सुनिश्चित करेगी और ज्यादा से ज्यादा किसानों तक फायदा पहुंचाएगी। इन फसलों की खेती क्षेत्र में कम हो रही थी, लेकिन मुफ्त बीजों से किसान फिर से इन्हें अपना सकेंगे।
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आवेदन कैसे करें
आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन रखी गई है, ताकि किसान घर बैठे ही इसे पूरा कर सकें। सबसे पहले कृषि विभाग के आधिकारिक पोर्टल agridarshan.up.gov.in पर जाएं। वहां रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें, जिसमें अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड और जमीन का विवरण डालना होगा। फसल का चयन करें – चना, मटर या मसूर – और सबमिट कर दें। आवेदन स्वीकृत होने पर आपको मैसेज या ईमेल से सूचना मिलेगी। चयनित किसान अपने नजदीकी विकास खंड कार्यालय जाकर किट प्राप्त कर लें। समय पर आवेदन करें, क्योंकि किटों की संख्या सीमित है और जल्दी खत्म हो सकती हैं।
इन फसलों से कम लागत में अच्छा मुनाफा
चना, मटर और मसूर जैसी फसलें कम पानी और कम देखभाल में अच्छी पैदावार देती हैं। अक्टूबर में बुवाई करने से ये फसलें नवंबर-दिसंबर में ही तैयार हो जाती हैं, और बाजार में इनकी अच्छी मांग रहती है। विशेषज्ञों का कहना है कि सही बीजों से उपज 20-30 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। मुफ्त किट मिलने से किसानों को शुरुआती खर्च बचेगा, और वे जैविक खेती की ओर भी बढ़ सकेंगे। यह योजना न केवल आय बढ़ाएगी, बल्कि मिट्टी की सेहत को भी सुधारेगी। छोटे किसान जो सीमित संसाधनों में खेती करते हैं, उनके लिए यह सुनहरा अवसर है।
सफल खेती के लिए छोटी सलाह
योजना का फायदा उठाने के बाद बुवाई से पहले बीजों को अच्छी तरह उपचारित करें। मिट्टी की जांच करवाकर जैविक खाद डालें और नियमित सिंचाई का ध्यान रखें। अगर कोई समस्या हो, तो नजदीकी कृषि केंद्र से संपर्क करें। उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मजबूत कदम है। जल्दी आवेदन करें और इस मौसम में अच्छी फसल उगाकर मुनाफा कमाएं।
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