अक्टूबर में करें बैगन के इन 5 किस्मों की खेती, मिलेगी बम्पर पैदावार हो जायेंगे मालामाल

Brinjal Top 5 Variety: भारत के किसान भाई जानते हैं कि रबी का मौसम ऐसी फसलों का है, जो कम मेहनत में अच्छी कमाई दिला दें। बैंगन जैसी सब्जी इसकी मिसाल है, जहां ठंडी हवाओं में फसल तेजी से पनपती है और बाजार में हमेशा खरीदारों की भीड़ लगी रहती है। चाहे उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाके हों या राजस्थान के सूखे क्षेत्र, बैंगन की खेती से किसान साल भर आय का स्रोत बना लेते हैं।

बाराबंकी के जिला कृषि अधिकारी राजित राम बताते हैं कि इस महीने रोपाई करने से फसल 60-70 दिनों में तैयार हो जाती है, और कम पानी-खाद में भी बंपर पैदावार मिलती है। आइए, जानते हैं ऐसी पांच उन्नत किस्मों के बारे में, जो छोटे खेतों वाले किसानों के लिए भी फायदेमंद हैं। इनसे न केवल लागत बचेगी, बल्कि जेब भी भरेगी।

पंत सम्राट

पंत सम्राट बैंगन की एक ऐसी किस्म है, जो रोपाई के महज 70 दिनों में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। इसके पौधे 80 से 120 सेंटीमीटर ऊंचे मजबूत होते हैं, और फल लंबे व गहरे बैंगनी रंग के निकलते हैं। आकार मध्यम रहने से बाजार में इन्हें लोग खूब पसंद करते हैं। प्रति हेक्टेयर 30 टन तक पैदावार मिलना कोई बड़ी बात नहीं, जो पारंपरिक किस्मों से कहीं ज्यादा है। राजित राम की सलाह है कि ऐसी किस्में चुनें, जो ठंड के मौसम में अच्छा प्रदर्शन करें, ताकि किसान की मेहनत व्यर्थ न जाए।

स्वर्ण शक्ति

स्वर्ण शक्ति बैंगन की हाइब्रिड किस्म है, जो छोटे किसानों को भी लुभा रही है। इसके पौधे 70 से 80 सेंटीमीटर ऊंचे रहते हैं, और फल मध्यम आकार के चमकदार बैंगनी रंग के होते हैं। हर फल का वजन 150 से 200 ग्राम तक होता है, जो बिक्री को आसान बनाता है। यह किस्म सिर्फ 55 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है, और प्रति हेक्टेयर 70 से 75 टन तक उपज दे सकती है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में, जहां बाजार नजदीक होता है, यह किस्म किसानों की आय को तेजी से बढ़ा रही है।

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पूसा पर्पल लॉन्ग

पूसा पर्पल लॉन्ग बैंगन की वह किस्म है, जो अपने लंबे चमकदार बैंगनी फलों के लिए जानी जाती है। यह उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब जैसे इलाकों के लिए बिल्कुल सही है, जहां मैदानी मिट्टी में आसानी से उगती है। प्रति हेक्टेयर 25 से 27 टन पैदावार मिलती है, जो किसानों को अच्छा मुनाफा दिलाती है। राजित राम कहते हैं कि सही रोपाई से यह किस्म रोगों से भी बची रहती है, और बाजार में हमेशा ऊंचे दाम पाती है।

अर्का नवनीत

अर्का नवनीत बैंगन की संकर किस्म है, जो गोल चमकीले बैंगनी फलों के लिए मशहूर है। इसके गूदे में बीज ज्यादा होते हैं, लेकिन सब्जी बनने पर स्वाद लाजवाब आता है। हर फल का वजन 350 से 400 ग्राम तक होता है, जो ग्राहकों को आकर्षित करता है। प्रति हेक्टेयर 63 से 65 टन तक पैदावार संभव है, और यह किस्म कम पानी वाले क्षेत्रों में भी चलती है। किसान इसे अपनाकर न केवल ताजा बिक्री कर सकते हैं, बल्कि सुखाकर भी अतिरिक्त आय कमा सकते हैं।

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पूसा उत्तम 31

पूसा उत्तम 31 बैंगन की एक और मजबूत किस्म है, जो अंडाकार गोल चमकदार गहरे बैंगनी फलों के लिए पहचानी जाती है। यह उत्तरी मैदानी और पश्चिमी क्षेत्रों के लिए आदर्श है, जहां रोपाई के 80 से 90 दिनों बाद पहली तुड़ाई हो जाती है। प्रति हेक्टेयर 43 टन पैदावार मिलती है, जो किसानों को स्थिर आय का भरोसा देती है। राजित राम की टीम ने किसानों को सलाह दी है कि ऐसी किस्में चुनें, जो मिट्टी की उर्वरता बनाए रखें।

सफल बैंगन खेती का राज

बैंगन की रोपाई के लिए इस महीने का समय बिल्कुल सही है। अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी चुनें, और सड़ी गोबर की खाद मिलाकर रोपें। बीजों को पहले उपचारित करें और 60 से 70 सेंटीमीटर की दूरी रखें। नियमित सिंचाई का ध्यान रखें, लेकिन ज्यादा पानी से बचें। अगर कीट लगें, तो नीम का घोल छिड़कें। राजित राम कहते हैं कि उन्नत किस्में अपनाकर किसान न केवल पैदावार बढ़ा सकते हैं, बल्कि बाजार में अपनी फसल की कीमत भी मजबूत कर सकते हैं। इन तरीकों से बैंगन की खेती न केवल लाभदायक बनेगी, बल्कि मिट्टी की सेहत भी बनी रहेगी।

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  • Shashikant

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