धान की कटाई के बाद खेत खाली होने लगे हैं, और अब किसान भाई रबी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे में अगेती गेहूं की खेती से अच्छा मुनाफा कमाने का मौका है, खासकर सिंचित इलाकों में। नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन (NSC) ने किसानों के लिए एक खास वैरायटी लाई है, जो उत्तर-पश्चिम भारत के मौसम के हिसाब से बनी है। ये DBW 303 या करण वैष्णवी नाम की किस्म है, जो जल्दी तैयार हो जाती है और भरपूर पैदावार देती है।
किसान विज्ञान केंद्रों और विशेषज्ञों का कहना है कि सही समय पर बोने से ये फसल न सिर्फ मजबूत बढ़ेगी बल्कि बाजार में भी अच्छे दाम दिलाएगी। NSC की ये पहल छोटे किसानों को भी क्वालिटी बीज आसानी से उपलब्ध करा रही है, ताकि खेती में कोई रुकावट न आए।
DBW 303 वैरायटी क्यों है अगेती गेहूं के लिए बेस्ट चॉइस
DBW 303 वैरायटी को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ व्हीट एंड बार्ली रिसर्च, करनाल ने विकसित किया है, और 2021 में इसे सरकारी मान्यता मिली। ये खासतौर पर सिंचित खेतों के लिए तैयार की गई है, जहां अगेती बुवाई से फसल को फायदा होता है। पौधे मजबूत बढ़ते हैं, और दाने मोटे-स्वादिष्ट बनते हैं, जो बाजार में पसंद किए जाते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि ये किस्म उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में खूब चलती है, क्योंकि ये ठंड सह लेती है और रोगों से लड़ने की ताकत रखती है। किसान भाई जो जल्दी कटाई चाहते हैं, उनके लिए ये वैरायटी गेम चेंजर साबित हो सकती है, क्योंकि ये पारंपरिक किस्मों से कहीं बेहतर उपज देती है।
उच्च गुणवत्ता वाले गेंहू की भरपूर पैदावार के लिए बोए – DBW-303 किस्म के प्रमाणित बीज|
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— National Seeds Corporation Limited (@NSCLIMITED) September 23, 2025
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बुवाई का सही समय और खेत तैयार करने का आसान तरीका
अगेती गेहूं के लिए बुवाई 25 सितंबर से 25 नवंबर तक का समय सबसे बढ़िया रहता है। इस दौरान बोएं तो पौधे ठंड के मौसम में अच्छे से विकसित हो जाते हैं, और फसल पर कीट-पतंगों का असर कम पड़ता है। खेत तैयार करने के लिए गहरी जुताई करें, ताकि पुरानी फसल के अवशेष साफ हो जाएं और मिट्टी नरम बने। इसके बाद पाटा चलाकर सतह को समतल रखें, जिससे बीज अच्छे से अंकुरित हों। एक एकड़ के लिए 40 किलो बीज काफी होते हैं, लेकिन इन्हें बोने से पहले कार्बेंडाजिम 50% डब्ल्यू जैसे फंगीसाइड से उपचारित करें। इससे रोगों का खतरा शुरुआत में ही टल जाता है।
बुवाई से सिंचाई तक, फसल को मजबूत रखने के टिप्स
बीज बोने के लिए सीड ड्रिल का इस्तेमाल करें, और कतारों के बीच 22-25 सेंटीमीटर दूरी रखें। इससे पौधों को हवा और रोशनी अच्छे से मिलेगी, और खरपतवार भी कम होंगे। बुवाई के समय ही डीएपी, यूरिया और पोटाश जैसी खादें डाल दें, ताकि पोषक तत्व जड़ों तक सीधे पहुंचें। फसल उगने के बाद 3-4 बार सिंचाई करें पहली बुवाई के 20-25 दिन बाद, फिर फूल आने पर और दाने भरने के समय। ज्यादा पानी न दें, वरना जड़ें कमजोर पड़ सकती हैं। ये साधारण कदम अपनाने से गेहूं की फसल हरी-भरी रहेगी, और कटाई के समय अच्छा वजन मिलेगा।
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NSC से बीज कैसे खरीदें, सस्ते दामों पर घर डिलीवरी
NSC की वेबसाइट और ऑनलाइन स्टोर से DBW 303 के बीज आसानी से मंगवा सकते हैं। अभी 20 किलो का पैकेट 20 प्रतिशत छूट पर सिर्फ 1200 रुपये में मिल रहा है, जो किसानों की जेब पर भारी न पड़ेगा। ऑर्डर करने पर बीज घर तक पहुंच जाएंगे, और क्वालिटी की गारंटी भी है। ऐसे में किसान भाई बाजार घूमने की मजूरी बचाकर सीधे खेती पर ध्यान दे सकेंगे। अगर आपके इलाके में NSC का केंद्र है तो वहां भी चेक कर लें, लेकिन ऑनलाइन सुविधा सबसे सुविधाजनक है।
अगेती गेहूं से बदलें अपनी खेती की दिशा
DBW 303 जैसी वैरायटी और NSC की सुविधा से इस रबी सीजन में गेहूं की खेती ज्यादा फायदेमंद हो जाएगी। सही टिप्स अपनाकर आप न सिर्फ उपज बढ़ा सकेंगे बल्कि कमाई भी दोगुनी कर सकेंगे। लोकल कृषि केंद्र से और जानकारी लें, और छोटे स्तर से शुरू करें।
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