फूलगोभी की फास्ट किस्म मेघना F1 सिर्फ 40–50 दिन में तैयार, रबी सीजन में तगड़ी कमाई

रबी सीजन की शुरुआत के साथ ही किसान भाइयों के लिए फूलगोभी की खेती कमाई का बेहतरीन मौका बन सकती है। राष्ट्रीय बीज निगम ने फूलगोभी की मेघना F1 हाइब्रिड वैरायटी को बहुत ही सस्ती कीमत में उपलब्ध कराया है। सिर्फ ₹696 में 10 ग्राम का पैकेट घर बैठे ऑर्डर किया जा सकता है और यह सीधे किसान के पते पर डिलीवर हो जाता है। इस वैरायटी की सबसे खास बात यह है कि फसल सिर्फ 40 से 50 दिन में तैयार हो जाती है, इसलिए देर से बुवाई करने वाले किसानों के लिए यह एकदम सही विकल्प है। एक हेक्टेयर में यह किस्म बेहतर पैदावार देती है और बाजार में इसे हमेशा अच्छे दाम मिलते हैं।

मेघना किस्म क्यों है किसानों की पसंदीदा

मेघना F1 एक उन्नत हाइब्रिड वैरायटी है जिसे खासतौर पर रबी सीजन के लिए तैयार किया गया है। इसकी गोभी सफेद, कॉम्पैक्ट और भारी होती है, जिसका वजन आमतौर पर 2 से 3 किलो तक पहुंच जाता है। इस पौधे की पत्तियां मजबूत होती हैं, जो ठंड और हल्के रोगों से फसल की सुरक्षा करती हैं। कम पानी, हल्की ठंड और कम देखभाल में भी यह वैरायटी बेहतरीन ग्रोथ दिखाती है। बाजार में इसकी मांग अधिक रहती है क्योंकि इसका स्वाद, रंग और ताजगी लंबे समय तक बनी रहती है। छोटे किसान भी इस वैरायटी से कम समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

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बीज कैसे खरीदें

राष्ट्रीय बीज निगम ने मेघना F1 वैरायटी को ONDC के माय स्टोर प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराया है। यहां से 10 ग्राम का पैकेट ₹696 में आसानी से खरीदा जा सकता है। किसान भाई NSC की वेबसाइट या माय स्टोर से तत्काल ऑर्डर कर सकते हैं और डिलीवरी पूरे देश में उपलब्ध है। ऑनलाइन ऑर्डर करने का फायदा यह है कि किसानों को बाजार जाने की जरूरत नहीं पड़ती और प्रमाणित बीज की गारंटी भी मिलती है। यह ऑफर सीमित स्टॉक तक है, इसलिए जल्द से जल्द ऑर्डर करना बेहतर रहेगा।

गमले या छोटे स्थान पर उगाने का आसान तरीका

अगर आपके पास बड़ा खेत नहीं है, तो चिंता न करें फूलगोभी को गमलों में भी आसानी से उगाया जा सकता है। अक्टूबर में बुवाई शुरू करें, क्योंकि ठंडा मौसम पौधों को मजबूत बनाता है। गमला चुनते समय 12 से 15 इंच गहरा लें, ताकि जड़ों को फैलने की जगह मिले। मिट्टी तैयार करने के लिए थोड़ी रेत, वर्मी कंपोस्ट, कोकोपीट और एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर अच्छे से हिलाएं। इस मिश्रण में बीज बो दें और हल्का पानी डालें। नियमित देखभाल से पौधे जल्दी बढ़ेंगे। यह तरीका शहरों में रहने वाले किसानों या घरेलू बागवानी करने वालों के लिए खासतौर पर उपयोगी है।

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फूलगोभी की खेती का सही तरीका

रबी सीजन में फूलगोभी की बुवाई सितंबर से अक्टूबर के बीच करना सबसे अच्छा माना जाता है। बीज नर्सरी में बोएं और 25 से 30 दिन पुराने पौधों की रोपाई मुख्य खेत में करें। खेत को अच्छी तरह जुताई कर समतल बनाएं और गोबर की सड़ी खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालकर मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाएं। रोपाई करते समय पौधों के बीच 10 से 15 इंच की दूरी रखें ताकि पौधों को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके। पहली सिंचाई रोपाई के तुरंत बाद करें और आगे हर 7 से 10 दिन में पानी देते रहें। ठंड के मौसम में पौधों को हल्के कवर नेट से बचाना भी फायदेमंद रहता है। मेघना F1 की फसल 40 से 50 दिन में तैयार हो जाती है, जिससे किसानों को तेजी से आय मिलती है।

फसल की देखभाल

फूलगोभी की खेती में खरपतवार पर शुरुआत से ही निगरानी रखना जरूरी है। समय पर 2 से 3 बार गुड़ाई करने से खेत साफ रहता है और पौधे अच्छी तरह विकसित होते हैं। कीट नियंत्रण के लिए नीम का तेल या जैविक कीटनाशक का छिड़काव करना कारगर रहता है। मेघना F1 वैरायटी रोगों के प्रति काफी हद तक प्रतिरोधी है, इसलिए दवाइयों की जरूरत बहुत कम पड़ती है। मिट्टी में उचित नमी बनाए रखें, लेकिन पानी का ठहराव बिलकुल न होने दें। ठंडी हवाओं से बचाने के लिए हल्का कवर उपयोग में लाना भी फायदेमंद है।

कमाई का हिसाब

मेघना F1 वैरायटी एक हेक्टेयर में अच्छी पैदावार देती है और बाजार में फूलगोभी का भाव आम तौर पर 2000 से 3000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहता है। इस वैरायटी से कुल कमाई लगभग 150000 से 250000 रुपये तक हो सकती है। बीज, खाद, सिंचाई और मजदूरी मिलाकर कुल खर्च करीब 40000 से 50000 रुपये आता है। यानी किसान भाइयों को 1 लाख रुपये से अधिक शुद्ध मुनाफा आराम से मिल सकता है। छोटे किसान भी 2 से 3 कटाई में अच्छी कमाई कर सकते हैं।

किसानों के लिए क्यों खास है यह मौका

फूलगोभी की खेती पूरे साल संभव है, लेकिन अक्टूबर में शुरू करने से फसल दिसंबर-जनवरी तक तैयार हो जाती है, जब कीमतें चरम पर होती हैं। मेघना जैसी किस्में नई तकनीक का नमूना हैं, जो कम मेहनत में ज्यादा फायदा देती हैं। अगर आप व्यावसायिक स्तर पर सोच रहे हैं, तो यह सही समय है बीज मंगवाने का। सरकार और संस्थानों के प्रयासों से ऐसी उन्नत वैरायटी आसानी से उपलब्ध हो रही हैं, जो किसानों को आत्मनिर्भर बनाती हैं। देर न करें, आज ही प्लान बनाएं और इस सीजन की तैयारी शुरू कर दें।

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  • Shashikant

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