किसानों की सेहत पर मंडराया खतरा, खेतों की मिट्टी और पानी में मिला संक्रमण, जारी हुए दिशा-निर्देश

मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में किसानों के लिए खतरे की घंटी बज रही है। खेतों में काम करते समय संक्रमित मिट्टी और दूषित पानी से मेलियोइडोसिस नामक घातक बीमारी फैलने का डर है। जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.परेश उपलव ने किसानों के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। गांव जंक्शन की रिपोर्ट के अनुसार, धान की खेती वाले इलाकों में यह संक्रमण तेजी से पनप रहा है। AIIMS भोपाल के एक अध्ययन से पता चला है कि खेतों में बैक्टीरिया की मौजूदगी बढ़ गई है। किसान भाइयों,फसलों की तरह अपनी सेहत का भी ख्याल रखें। साधारण सावधानियों से आप इस बीमारी से बच सकते हैं।

मेलियोइडोसिस: मिट्टी का बैक्टीरिया जो जान ले सकता है

यह बीमारी Burkholderia pseudomallei नामक जीवाणु से होती है, जो मिट्टी और पानी में छिपा रहता है। डॉ.उपलव बताते हैं कि यह संक्रमण चोट के जरिए, सांस लेते हुए या निगलने से फैलता है। मधुमेह,किडनी या कमजोर इम्यून सिस्टम वाले किसानों को ज्यादा खतरा है। लक्षणों में बुखार,खांसी,फोड़े,फेफड़ों में सूजन या गंभीर मामलों में रक्त संक्रमण शामिल हैं। 2016 की लैंसेट रिपोर्ट के मुताबिक,दुनिया में सालाना 1.65 लाख लोग इससे प्रभावित होते हैं। दक्षिण एशिया में 44% मामले हैं और मृत्यु दर 50% तक पहुंच सकती है। बालाघाट जैसे धान क्षेत्रों में यह खतरा ज्यादा है।

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धान खेती के दौरान बढ़ा संक्रमण का जोखिम

AIIMS भोपाल के अध्ययन से सामने आया है कि धान के खेतों में दूषित पानी और मिट्टी से बैक्टीरिया फैल रहा है। बालाघाट जिले में किसान खेतों में घुटने तक पानी में काम करते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। डॉ.उपलव ने कहा कि मानसून के बाद मिट्टी में नमी रहने से यह बैक्टीरिया सक्रिय हो जाता है। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में किसान सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। यह बीमारी मनुष्यों के साथ-साथ जानवरों को भी चपेट में ले सकती है। समय रहते सावधानी बरतें,वरना छोटी चोट जानलेवा साबित हो सकती है।

किसानों के लिए आसान बचाव के उपाय

डॉ.उपलव की गाइडलाइन के अनुसार,खेत में काम करते समय रबर के जूते और दस्ताने जरूर पहनें। घाव हो तो उसे अच्छे से ढक लें और गंदे पानी से दूर रहें। पीने के लिए हमेशा उबला या क्लोरीनयुक्त पानी ही इस्तेमाल करें। अगर बुखार,खांसी या फोड़े हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मधुमेह या किडनी रोगी किसान विशेष सतर्क रहें। नियमित हाथ धोना और साफ-सफाई बनाए रखना भी जरूरी है। ये छोटे कदम आपकी जान बचा सकते हैं। स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर मुफ्त जांच करवाएं।

सरकार की मुहिम

मध्य प्रदेश सरकार किसानों की सेहत को प्राथमिकता दे रही है। CMHO ने जिले भर में जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग किसानों को ट्रेनिंग और दवाओं की जानकारी देगा। लैंसेट जैसे अध्ययनों से प्रेरित होकर,सरकार मिट्टी-पानी की जांच को बढ़ावा देगी। किसान भाइयों,खेती के साथ सेहत का ध्यान रखें। अगर आप बालाघाट या आसपास के इलाकों में खेती करते हैं,तो डॉ.उपलव की सलाह मानें। इससे न सिर्फ आप सुरक्षित रहेंगे,बल्कि परिवार को भी।

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  • Shashikant

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