Aaj Ka Mausam: उत्तर में कड़ाके की ठंड, दक्षिण में भारी बारिश का अलर्ट! इन राज्यों के किसान रहें सावधान

Aaj Ka Mausam: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 19 नवंबर 2025 को देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम का अलग-अलग रूप देखने को मिल रहा है। मध्य भारत में शीतलहर का प्रभाव बढ़ गया है जबकि दक्षिणी राज्यों में बारिश की गतिविधि जारी है। उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 से 5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया जा रहा है। पश्चिम मध्य प्रदेश के राजगढ़ में मैदानी इलाकों में सबसे कम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ जो सामान्य से काफी नीचे है। दिल्ली में न्यूनतम तापमान 9 से 11 डिग्री और अधिकतम 24 से 27 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है।

मध्य भारत में शीतलहर की स्थिति

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में शीतलहर से लेकर भीषण शीतलहर का प्रभाव बना हुआ है। पश्चिम मध्य प्रदेश और मध्य महाराष्ट्र में 19 नवंबर को शीतलहर जारी रहने का पूर्वानुमान है। पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और विदर्भ क्षेत्र में भी ठंड का असर बढ़ रहा है। राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। अगले दो-तीन दिनों तक इन क्षेत्रों में शीतलहर बनी रह सकती है जिससे रात और सुबह के समय कड़ाके की ठंड पड़ेगी।

दक्षिणी राज्यों में बारिश का अलर्ट

बंगाल की खाड़ी में बने मौसमी सिस्टम के कारण तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में बारिश जारी है। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 19 से 22 नवंबर तक तेज से बहुत भारी बारिश की चेतावनी है जिसमें 21 नवंबर को बहुत अधिक वर्षा हो सकती है। तमिलनाडु में 24 नवंबर तक भारी बारिश का दौर चल सकता है। केरल और लक्षद्वीप में भी 22 नवंबर तक गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। इन क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।

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उत्तर भारत और दिल्ली का मौसम

दिल्ली-एनसीआर में हल्का से मध्यम कोहरा छाने की संभावना है और तापमान सामान्य से कम बना रहेगा। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी ठंड बढ़ रही है। कोहरे के कारण दृश्यता कम हो सकती है जिससे वाहन चलाते समय सावधानी बरतने की जरूरत है।

किसानों के लिए महत्वपूर्ण सलाह

शीतलहर प्रभावित क्षेत्रों जैसे मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में खड़ी फसलों को ठंड से बचाने के लिए हल्की सिंचाई करें। गेहूँ, चना, सरसों और सब्जियों की नर्सरी को पुआल, घास-फूस या पॉलीशीट से ढकें। नाजुक पौधों और युवा फलों को ठंडी हवाओं से सुरक्षा प्रदान करें। केले के गुच्छों पर प्लास्टिक कवर लगाएं ताकि ठंड का असर कम हो।

दक्षिणी राज्यों तमिलनाडु और केरल में धान, गन्ना, कपास और सब्जी फसलों के खेतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था रखें ताकि जलभराव न हो। केले के पौधों को सहारा दें और तैयार फसलों को तुरंत काटकर सुरक्षित स्थान पर भंडारित करें। अंडमान-निकोबार में पकी फसलों की शीघ्र कटाई करें। बारिश वाले क्षेत्रों में कीटनाशक या फफूंदनाशक दवाओं का छिड़काव सावधानी से करें।

मौसम की इन बदलती स्थितियों पर कृषि विश्वविद्यालयों और IMD की सलाह मानकर फसलों की सुरक्षा की जा सकती है। स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क करके क्षेत्र विशेष की जानकारी प्राप्त करें।

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  • Shashikant

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