Subsidy On Solar Light Trap: भाइयों, हमारे खेतों में फसलें हमारी मेहनत का फल हैं, लेकिन कीड़े-मकोड़े इन्हें नुकसान पहुँचाकर सारी मेहनत पर पानी फेर देते हैं। फसलों पर कीड़े लगना आम बात है, पर ये छोटे-छोटे कीट पैदावार को चौपट कर देते हैं। जैसे-जैसे फसल बढ़ती है, ये कीड़े सिरदर्द बन जाते हैं और बीमारियाँ भी फैलाते हैं।
ऐसे में हरियाणा सरकार ने किसानों की इस मुसीबत को दूर करने के लिए एक बढ़िया जुगाड़ निकाला है सोलर लाइट ट्रैप मशीन। ये पीले रंग की मशीन न सिर्फ कीटों से फसलों को बचाती है, बल्कि सरकार इसे खरीदने पर 75% सब्सिडी भी दे रही है। प्रदेश में करीब 2500 एकड़ के लिए ये सब्सिडी देने का लक्ष्य है। तो चलिए, इस देसी तरीके से फायदा कैसे उठाएँ, ये समझते हैं।
सस्ती मशीन, भारी सब्सिडी
बाज़ार में आजकल निजी कंपनियाँ पीले रंग की सोलर लाइट ट्रैप मशीनें बेच रही हैं। इनकी कीमत 3000 से 4000 रुपये या इससे ज़्यादा होती है। लेकिन हरियाणा सरकार की कृषि यंत्र योजना के तहत आपको 75% सब्सिडी मिलेगी। यानी 4000 रुपये की मशीन पर 3000 रुपये सरकार देगी, और आपको बस 1000 रुपये देने होंगे।
इतने कम खर्च में आप अपनी फसलों को कीटों से बचा सकते हैं। ये मशीन छोटी-सी लगती है, लेकिन फायदा बड़ा देती है। सरकार का मकसद है कि किसानों को कम खर्च में ज़्यादा पैदावार मिले और फसलें सुरक्षित रहें। अगर आप भी इसका फायदा उठाना चाहते हैं, तो अभी से तैयारी शुरू कर दें।
कीटों से बचाव का बढ़िया तरीका
कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि कीटों से छुटकारा पाने के लिए कई किसान रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इनसे मिट्टी बंजर हो रही है, पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, और कीटों में सहनशक्ति बढ़ती जा रही है। नतीजा ये कि ज़्यादा दवा छिड़कनी पड़ती है, खर्च बढ़ता है, और सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है। ऐसे में सोलर लाइट ट्रैप एक देसी और सुरक्षित उपाय है।
ये मशीन रसायनों की ज़रूरत को कम करती है, जिससे खर्च घटता है और फायदा बढ़ता है। खेतों में इसे लगाने से न सिर्फ फसलें बचती हैं, बल्कि मिट्टी की सेहत भी बनी रहती है। ये पर्यावरण का भी ख्याल रखता है और जैव विविधता को बढ़ाता है।
सोलर लाइट ट्रैप कैसे करता है कमाल?
ये मशीन कैसे काम करती है, ये समझना ज़रूरी है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, सोलर लाइट ट्रैप को बाहरी बिजली की ज़रूरत नहीं पड़ती। इसकी बैटरी सूरज की रोशनी से चार्ज हो जाती है। शाम को जब कीट खेतों में निकलते हैं, तो इसकी रोशनी उन्हें अपनी ओर खींचती है। मशीन में लगी जाली में कीट फँस जाते हैं और खत्म हो जाते हैं।
इसे फसल से दो फीट ऊपर लगाएँ और रात 7 से 10 बजे तक चलाएँ। बस इतना करना है, और आपके खेत कीटों से मुक्त हो जाएँगे। ये तरीका इतना आसान है कि कोई भी किसान इसे आज़मा सकता है। सूरज की मुफ्त ऊर्जा से चलने वाली ये मशीन सचमुच कमाल की है।
लंबे समय तक फायदा, कम खर्च
रोहतक के उद्यान विभाग के अधिकारी बताते हैं कि सोलर लाइट ट्रैप एक बार खरीदने के बाद कई सालों तक चलती है। इसे लगाने से कीट मरते हैं, रसायनों का खर्च बचता है, और फसल की पैदावार बढ़ती है। ये मशीन न सिर्फ किसानों की जेब का ख्याल रखती है, बल्कि खेतों को भी नई ताकत देती है। इससे नुकसान कम होता है और मुनाफा ज़्यादा।
पर्यावरण को बचाने के साथ-साथ ये जैव विविधता को भी बढ़ावा देती है। तो भाइयों, अगर आप भी अपने खेतों को कीटों से बचाना चाहते हैं, तो सोलर लाइट ट्रैप लगाएँ और सरकार की सब्सिडी का फायदा उठाएँ। मेहनत आपकी, फायदा आपका—बस थोड़ा स्मार्ट काम करें।
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