खेती के क्षेत्र में कीटों का प्रकोप एक बड़ी समस्या है, जो किसानों की मेहनत और फसल दोनों को नुकसान पहुंचाता है। फसलों पर कीटों का हमला आमतौर पर पैदावार में 30 से 40 फीसदी तक की कमी का कारण बनता है। महंगे कीटनाशकों और आधुनिक मशीनों का उपयोग करने के बावजूद किसान अक्सर निराश होते हैं। ऐसे में, किसानों के लिए एक सस्ता और असरदार समाधान ग्रीस लगी पीली बोरी है, जो न केवल कीटों से बचाव करती है बल्कि लागत भी कम करती है।
आइए, इस लेख में हम जानेंगे इस देसी जुगाड़ की पूरी प्रक्रिया, इसके लाभ, और इसे इस्तेमाल करने का सही तरीका।
कीटों के लिए ग्रीस लगी पीली बोरी का देसी जुगाड़
भाई, बात ऐसी है कि खेती में जब कीटों का प्रकोप बढ़ता है, तो फसलें बरबाद होने लगती हैं। लेकिन हमारे देशी किसान तो बड़े जुगाड़ू होते हैं। उन्होंने एक आसान तरीका खोज निकाला है—ग्रीस लगी पीली बोरी। ये जुगाड़ न केवल सस्ता है, बल्कि बेहद असरदार भी है। इसके लिए आपको चाहिए सिर्फ पीली डीएपी बोरी और थोड़ा सा ग्रीस। बस, इसे खेत में सही तरीके से लगाएं और देखिए कैसे कीट फसलों से दूर भागते हैं।
कैसे लगाएं ग्रीस लगी पीली बोरी?
इस जुगाड़ को अपनाना बहुत ही आसान है। सबसे पहले पीली डीएपी बोरी लें और उसे उल्टा कर दें। फिर दोनों तरफ ग्रीस लगाएं। इसके बाद इसे बांस के सहारे खेत के चारों तरफ लगा दें। इसे फसल के अंकुरण के तुरंत बाद लगाएं और फसल पकने तक इसे लगे रहने दें। याद रहे, महीने में एक बार बोरी पर फिर से ग्रीस लगाना न भूलें। इससे खर्च भी कम होगा और फसल भी सुरक्षित रहेगी।
इस देसी तरीके का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसमें आपका पैसा बहुत कम खर्च होता है। महंगे फेरोमोन ट्रैप की जगह ये देसी जुगाड़ अपनाएं और अपनी फसल को सुरक्षित रखें। इस पीली बोरी पर ग्रीस लगाने से कीट इसमें फंस जाते हैं और फसल को नुकसान नहीं पहुंचा पाते। इस तरीके से आपका समय, पैसा और मेहनत तीनों बचते हैं।
क्यों खास है ये देसी जुगाड़?
भाई, बात ये है कि ग्रीस लगी पीली बोरी एकदम देशी तरीका है, जिसे कोई भी किसान अपना सकता है। इसे लगाने में ज्यादा मेहनत नहीं लगती और खर्चा भी केवल 60 से 80 रुपये का आता है। जबकि महंगे कीटनाशक और मशीनों पर हजारों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। ये जुगाड़ हर तरह की फसलों के लिए काम करता है, चाहे वह गेहूं हो, धान हो या सब्जियां।
आधुनिक फेरोमोन ट्रैप मशीनें बहुत महंगी होती हैं, लेकिन ग्रीस लगी पीली बोरी उसी सिद्धांत पर काम करती है। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि पीला रंग कीटों को आकर्षित करता है। इसलिए, ये देशी तरीका न केवल वैज्ञानिक आधार पर खरा उतरता है, बल्कि किसानों के लिए किफायती भी है।
ग्रामीण इलाकों में लोकप्रियता
गांव-देहात में किसान इस जुगाड़ को बड़े चाव से अपना रहे हैं। ये तरीका उनकी फसल को सुरक्षित रखता है और पैसे की भी बचत करता है। कई किसानों ने बताया है कि इस जुगाड़ की वजह से उनकी पैदावार में सुधार हुआ है और कीटों का असर काफी कम हुआ है।
सस्ता और सरल समाधान
खेती में कीटों से बचाव के लिए ग्रीस लगी पीली बोरी एक बेहतरीन देसी तरीका है। ये सस्ता, सरल और प्रभावी है। हर किसान इसे आसानी से अपना सकता है और अपनी फसल को सुरक्षित रख सकता है। इसलिए, अगर आप भी अपनी फसल को कीटों से बचाना चाहते हैं, तो इस देसी जुगाड़ को आजमाकर जरूर देखें।
खेती में देसी तरीकों का उपयोग न केवल सस्ता होता है, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर भी बनाता है। ग्रीस लगी पीली बोरी इसका एक शानदार उदाहरण है। इसे अपनाइए और अपनी मेहनत की कमाई को बचाइए।
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