प्लास्टिक शीट पर धान की नर्सरी : नया और फायदेमंद तरीका, पौधा उखाड़ना भी आसान

किसान भाइयों, धान की नर्सरी तैयार करने का पारंपरिक तरीका मेहनत और समय माँगता है, लेकिन प्लास्टिक की पतली परत (पॉलीथीन शीट) बिछाकर नर्सरी बनाने से उखाड़ना आसान हो जाता है। ये विधि उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। प्लास्टिक शीट जड़ों को मिट्टी से चिपकने से रोकती है, जिससे पौधे बिना नुकसान उखाड़े जा सकते हैं। इससे 20-30% ज्यादा स्वस्थ पौधे मिलते हैं, और उपज बढ़ती है। लागत कम (2,000-3,000 रुपये/बीघा) और मुनाफा ज्यादा (50,000-80,000 रुपये/बीघा) होता है। आइए जानें इस विधि से नर्सरी कैसे बनाएँ।

प्लास्टिक शीट विधि की खासियत

प्लास्टिक शीट पर धान की नर्सरी बनाने से कई फायदे हैं। पौधों की जड़ें मिट्टी से नहीं चिपकतीं, जिससे उखाड़ते समय 90-95% पौधे स्वस्थ रहते हैं। पारंपरिक विधि में 20-30% पौधे खराब हो जाते हैं। शीट पानी और पोषक तत्वों को संतुलित रखती है, जिससे अंकुरण तेज (5-7 दिन) और एकसमान होता है। ये विधि कम पानी और मेहनत माँगती है। छोटे किसानों के लिए 100-200 वर्ग फीट में भी नर्सरी बनाना आसान है। बासमती, काला नमक, या हाइब्रिड धान (पूसा 1121) के लिए उपयुक्त। लागत 500-1,000 रुपये अतिरिक्त होने पर भी उपज बढ़ने से मुनाफा 10,000-15,000 रुपये ज्यादा होता है।

नर्सरी के लिए जगह और मिट्टी

प्लास्टिक शीट पर नर्सरी के लिए समतल, धूप वाली जगह चुनें। 100-150 वर्ग फीट जगह 1 बीघा के लिए काफी है। दोमट मिट्टी (pH 5.5-7) बेस्ट है। जगह को साफ करें, खरपतवार और पत्थर हटाएँ। 5-7 सेमी ऊँची क्यारी बनाएँ। क्यारी में 10 किलो गोबर खाद और 1 किलो नीम की खली मिलाएँ। 50-100 माइक्रोन की पॉलीथीन शीट (200-300 रुपये) बिछाएँ। शीट को किनारों से मिट्टी या पत्थर से दबाएँ। जलनिकासी के लिए छोटे छेद बनाएँ। मई-जून (खरीफ) में नर्सरी शुरू करें। सही जगह से पौधे मजबूत और स्वस्थ उगते हैं।

बीज और बिछाने की प्रक्रिया

उन्नत बीज (पूसा 1121, काला नमक, सरजू 52) चुनें। प्रति बीघा 2-3 किलो बीज (200-300 रुपये/किलो) चाहिए। बीज को 12 घंटे पानी में भिगोएँ, फिर जीवामृत (500 मिलीलीटर/किलो) से उपचारित करें। पॉलीथीन शीट पर 2-3 सेमी मोटी मिट्टी-खाद की परत बिछाएँ। बीज को एकसमान छिड़कें, 2-3 सेमी दूरी रखें। ऊपर से 1 सेमी मिट्टी की पतली परत डालें। हल्की सिंचाई करें। 5-7 दिन में अंकुरण शुरू होता है। 20-25 दिन में पौधे 15-20 सेमी ऊँचे होकर रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं। सही बिछाने से अंकुरण 90% तक होता है।

देखभाल और उखाड़ने की प्रक्रिया

नर्सरी की देखभाल आसान है। हर 2-3 दिन हल्की सिंचाई करें, ताकि मिट्टी नम रहे। ज्यादा पानी से बचें। 10-15 दिन बाद 500 ग्राम वर्मी कम्पोस्ट छिड़कें। खरपतवार हटाएँ। कीटों (दीमक, पत्ती खाने वाले) के लिए नीम तेल (5 मिलीलीटर/लीटर) छिड़कें। 20-25 दिन बाद पौधे उखाड़ने के लिए तैयार होते हैं। शीट के किनारे उठाएँ, मिट्टी हटाएँ, और पौधों को जड़ों सहित आसानी से निकालें। पौधों को गीले गमछे में लपेटकर रोपाई के लिए ले जाएँ। इस विधि से जड़ें 95% सुरक्षित रहती हैं, और रोपाई में नुकसान नहीं होता।

रोपाई और खेत की तैयारी

उखाड़े गए पौधों को 4-5 घंटे में खेत में रोपें। खेत में 1-2 टन गोबर खाद और 20 किलो नाइट्रोजन डालें। 45×30 सेमी दूरी पर 20-25 सेमी ऊँचे पौधे रोपें। रोपाई से पहले खेत में 5 सेमी पानी रखें। जुलाई में रोपाई करें। सही रोपाई से पौधे तेजी से बढ़ते हैं, और फसल 100-120 दिन में पकती है। पॉलीथीन शीट से तैयार पौधे मजबूत होते हैं, जिससे बाली में 40-50 दाने ज्यादा बनते हैं।

स्वस्थ, उन्नत बीज चुनें। शीट की गुणवत्ता (50-100 माइक्रोन) चेक करें। ज्यादा पानी न दें। पौधों को उखाड़ते समय जड़ें न टूटें। छोटे स्तर (0.5 बीघा) से शुरू करें। स्थानीय कृषि केंद्र से सलाह लें। सरकारी योजनाओं (PMKSY) से बीज पर सब्सिडी लें। प्लास्टिक शीट पर धान की नर्सरी आसान, कम मेहनत, और बंपर उपज का रास्ता है।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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