Peanut Crop Tips: मूंगफली की खेती आजकल खेतिहर किसानों के लिए अच्छा मुनाफा देने वाली फसल बन रही है। ये फसल न सिर्फ मेहनत का सही दाम देती है, बल्कि बाजार में भी अच्छी कीमत पाती है। लेकिन भाइयों, मूंगफली की फसल तभी लहलहाएगी, जब सही समय पर सही देखभाल हो। खासकर अब, जब फसल एक महीने की होने वाली है और फूल आने का वक्त करीब है। इस नाजुक समय में थोड़ी सी सावधानी फसल को बंपर बना सकती है। आइए, जानते हैं कि इस वक्त फसल को कैसे संभालना है, ताकि फलियों में ढेर सारे दाने हों।
फूलों का समय है सबसे खास
मूंगफली की फसल में फूल आने का वक्त बहुत अहम होता है। यही वो समय है, जब फूलों के बाद फलियां बनती हैं और उनमें दाने पकते हैं। अगर इस दौरान फसल की अच्छे से देखभाल की जाए, तो हर फली में दो से तीन दाने आसानी से मिल सकते हैं। कृषि वैज्ञानिक डॉ.अरविंद कुमार बताते हैं कि फूल आने से पहले और बाद में खेत में नमी का खास ख्याल रखना चाहिए। ज्यादा पानी फसल को नुकसान पहुंचा सकता है, और कम पानी से दाने छोटे रह जाते हैं। इसलिए, खेत को न तो सूखने देना है और न ही दलदल बनने देना है।
सही समय पर सही सिंचाई
मूंगफली की फसल को पानी देते समय थोड़ा समझदारी से काम लेना पड़ता है। गर्मी का मौसम है, और दिन में पानी का तापमान बढ़ जाता है। अगर गर्म पानी खेत में डाला, तो पौधों को नुकसान हो सकता है। इसलिए, सिंचाई के लिए सुबह जल्दी या फिर शाम को 4 बजे के बाद का समय चुनें। खेत में पानी जमा न होने दें, क्योंकि इससे फफूंदी जैसे रोग लग सकते हैं। अगर कहीं पानी भर गया है, तो उसे तुरंत निकाल दें। रात में पानी देने से फसल को ज्यादा फायदा होता है। सुबह खेत देख लें कि कहीं पानी तो नहीं रुका। अगर रुका हो, तो उसे हटा दें।
खाद से दें फसल को ताकत
मूंगफली की फसल को मजबूत करने के लिए खाद का सही इस्तेमाल बहुत जरूरी है। बुवाई के समय नाइट्रोजन वाली खाद डालें, लेकिन ज्यादा न डालें, वरना पौधे तो बढ़ेंगे, पर दाने कम बनेंगे। अगर मिट्टी की जांच करवा लें, तो पता चल जाएगा कि खेत को और क्या चाहिए। गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट भी मूंगफली के लिए बहुत अच्छी होती है। ये मिट्टी को उपजाऊ बनाती है और फसल को ताकत देती है। सही खाद से न सिर्फ दाने ज्यादा होंगे, बल्कि फसल भी रोगों से बचेगी।
रोगों से बचाव की सावधानी
गर्मी और नमी के कारण मूंगफली की फसल में रोग लगने का खतरा बढ़ जाता है। खासकर फफूंदी का रोग, जो पानी के जमाव से फैलता है। इसके अलावा, कीट-पतंगे भी परेशान कर सकते हैं। अगर पौधों की पत्तियां पीली पड़ रही हैं या फूल कम आ रहे हैं, तो तुरंत किसी कृषि विशेषज्ञ से सलाह लें। खेत में साफ-सफाई रखें और पुरानी फसल के अवशेष हटा दें। इससे रोगों का खतरा कम होगा। नीम का तेल या जैविक कीटनाशक भी इस समय फसल को सुरक्षित रख सकते हैं।
मेहनत रंग लाएगी
मूंगफली की खेती में थोड़ी सी मेहनत और सावधानी फसल को बंपर बना सकती है। फूल आने के इस खास समय में सही सिंचाई, खाद और रोगों से बचाव का ध्यान रखें। अगर सब कुछ सही रहा, तो फलियां दानों से भरी होंगी, और बाजार में अच्छा दाम मिलेगा। तो भाइयों, अपने खेतों का ख्याल रखें, सही समय पर पानी और खाद डालें, और रोगों से फसल को बचाएं। यकीन मानें, आपकी मेहनत जरूर रंग लाएगी।
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