Kisan Drone Subsidy: बिहार के किसान भाइयों, अब खेती को और आसान और फायदेमंद बनाने का समय आ गया है। बिहार सरकार ने ड्रोन से कीटनाशक और खाद छिड़काव की एक खास योजना शुरू की है, जिसका नाम है पोपुलराइजेशन ऑफ एरियल स्प्रे ऑफ पेस्टीसाइड एंड लिक्विड फर्टिलाइजर बाई ड्रोन। इस योजना में आपको ड्रोन खरीदने के लिए 3.65 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी, और ड्रोन चलाने की मुफ्त ट्रेनिंग भी दी जाएगी। यह योजना गाँव के किसानों को आधुनिक खेती की तरफ ले जाएगी, जिससे मेहनत कम होगी, फसल बेहतर होगी, और मुनाफा बढ़ेगा। आइए, देसी अंदाज़ में इस योजना को समझें।
ड्रोन से खेती का नया तरीका
खेती में कीटनाशक और तरल खाद डालना बड़ा मेहनत का काम है। कई बार कीटनाशक छिड़कते वक्त किसानों की सेहत पर भी असर पड़ता है। लेकिन अब ड्रोन इस काम को आसान कर रहा है। ड्रोन हवा में उड़कर खेतों में कीटनाशक और खाद का छिड़काव करता है, वो भी बिल्कुल सटीक और तेज़ी से। इससे न सिर्फ़ समय बचता है, बल्कि खाद और कीटनाशक की बर्बादी भी कम होती है। बिहार सरकार इस आधुनिक तकनीक को हर गाँव तक पहुँचाना चाहती है, ताकि छोटे-बड़े सभी किसान इसका फायदा उठा सकें। इस योजना से फसल की गुणवत्ता बढ़ेगी और खेती का खर्च भी कम होगा।
ड्रोन खरीदने पर भारी सब्सिडी
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा है ड्रोन खरीदने पर मिलने वाली सब्सिडी। बिहार के 101 अनुमंडलों में किसानों को ड्रोन खरीदने के लिए 60 परसेंट तक या अधिकतम 3.65 लाख रुपये की मदद मिलेगी। मान लीजिए, अगर ड्रोन की कीमत 6 लाख रुपये है, तो आपको सिर्फ़ 2.35 लाख रुपये देने होंगे, बाकी सरकार देगी। इस योजना के लिए सरकार ने 368.65 लाख रुपये का बजट रखा है, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा किसान भाई इसका लाभ ले सकें। यह सब्सिडी न सिर्फ़ किसानों, बल्कि कृषि यंत्र बैंक, स्वयं सहायता समूह (SHG), और किसान उत्पादक संगठन (FPO) को भी मिलेगी।
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मुफ्त ड्रोन पायलट ट्रेनिंग
ड्रोन खरीदना तो ठीक है, लेकिन उसे चलाना भी तो आना चाहिए। इसके लिए सरकार ने मुफ्त ट्रेनिंग का इंतज़ाम किया है। इस योजना में चुने गए हर लाभार्थी को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसका पूरा खर्च सरकार उठाएगी। एक व्यक्ति की ट्रेनिंग पर 35,000 रुपये खर्च होंगे, और पूरे बिहार में 101 लोगों को यह ट्रेनिंग दी जाएगी। यानी, आपको सिर्फ़ आवेदन करना है, बाकी सरकार आपको ड्रोन चलाने का गुर सिखाएगी। इससे गाँव के नौजवान भी नई तकनीक सीखकर खेती में कुछ नया कर सकते हैं।
कौन-कौन ले सकता है फायदा
इस योजना का लाभ सिर्फ़ किसानों तक सीमित नहीं है। अगर आप गाँव में कृषि यंत्र बैंक चलाते हैं, स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़े हैं, कीटनाशक बेचने का लाइसेंस रखते हैं, या किसान उत्पादक संगठन (FPO) का हिस्सा हैं, तो आप भी इस योजना में हिस्सा ले सकते हैं। मतलब, गाँव में खेती से जुड़ा कोई भी व्यक्ति या समूह इस योजना का फायदा उठा सकता है। बस आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा, और अगर आपका नाम लॉटरी में चुना गया, तो सब्सिडी और ट्रेनिंग आपके लिए तैयार है।
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आवेदन कैसे करें
इस योजना में शामिल होने के लिए आपको बिहार कृषि विभाग की वेबसाइट farmech.bih.nic.in पर जाना होगा। यहाँ OFMAS (ऑनलाइन फार्म मशीनाइजेशन एप्लिकेशन सिस्टम) पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना है। आवेदन करते वक्त आपको अपने आधार कार्ड, बैंक खाते की जानकारी, और खेती से जुड़े कागज़ात जमा करने होंगे। अगर आपको इंटरनेट चलाने में दिक्कत हो, तो अपने नज़दीकी कृषि कार्यालय या अटल सेवा केंद्र पर जाकर मदद ले सकते हैं। आवेदन के बाद लाभार्थियों का चयन लॉटरी के ज़रिए होगा, तो जल्दी से आवेदन कर लें, ताकि मौका न छूटे।
खेती को बनाएँ स्मार्ट और मुनाफेदार
यह योजना बिहार के किसानों के लिए एक बड़ा तोहफा है। ड्रोन से कीटनाशक और खाद का छिड़काव करने से खेतों में दवा और खाद बराबर बँटती है, जिससे फसल की सेहत सुधरती है। साथ ही, यह तकनीक पर्यावरण को भी कम नुकसान पहुँचाती है, क्योंकि कीटनाशक की बर्बादी कम होती है। गाँव के छोटे किसानों से लेकर बड़े कृषि समूहों तक, यह योजना सबके लिए खेती को आसान और सस्ता बनाएगी। इससे न सिर्फ़ आपकी कमाई बढ़ेगी, बल्कि बिहार की खेती भी आधुनिक और टिकाऊ बनेगी।
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