फरवरी में करें अगेती खीरे की खेती और अप्रैल में कमाएँ बंपर मुनाफा

फरवरी का महीना किसानों के लिए अगेती खीरे की खेती शुरू करने का सही समय है। इस विधि से अप्रैल तक फसल तैयार हो जाती है, जब बाजार में खीरे की मांग अधिक और आपूर्ति कम होती है। इससे किसानों को बेमौसमी भाव पर अच्छा मुनाफा मिलता है। आइए जानते हैं कैसे करें अगेती खीरे की सफल खेती:

1. मिट्टी की तैयारी और बुवाई

अगेती खीरे की खेती के लिए सबसे पहले बलुई दोमट मिट्टी का चयन करें, जिसमें पानी जमा न हो। मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 6.8 के बीच होना चाहिए। अगर मिट्टी अम्लीय है, तो चूने का इस्तेमाल करके पीएच संतुलित करें। वैज्ञानिक डॉ. अरविंद कुमार के अनुसार, मल्चिंग विधि (खेत को प्लास्टिक शीट से ढककर) और ड्रिप सिंचाई का उपयोग करना चाहिए। इससे नमी बनी रहती है, खरपतवार कम होते हैं, और पौधों को सही मात्रा में पानी मिलता है।

2. उन्नत किस्मों का चयन

अगेती फसल के लिए लांग ग्रीन, पोइन सेट, और पूसा उदय जैसे उन्नत बीज चुनें। लांग ग्रीन किस्म के खीरे लंबे और हरे होते हैं, जिनकी बाजार में अधिक डिमांड रहती है। पोइन सेट जल्दी पकने वाली और कीटों से मजबूत किस्म है, जबकि पूसा उदय संकर बीज उच्च उत्पादन क्षमता के लिए जाना जाता है।

फरवरी में करें अगेती खीरे की खेती और अप्रैल में कमाएँ बंपर मुनाफा

3. खेत की व्यवस्था और सिंचाई

खेत में 1-1.5 फीट ऊँचे बेड बनाकर पौधे लगाएँ। इससे जड़ों को हवा मिलती है और पानी निकासी आसान होती है। पानी की बचत के लिए ड्रिप सिंचाई का उपयोग करें, जिससे पौधों को सही मात्रा में नमी मिलती रहे। पौधों को लकड़ी या रस्सी की मदद से सहारा दें ताकि फल जमीन को न छुएँ और सड़न से बचें।

4. फसल प्रबंधन के टिप्स

बुवाई से पहले खेत में गोबर की खाद डालें और फूल आने पर फॉस्फोरस-पोटाश युक्त खाद दें। कीट नियंत्रण के लिए नीम का तेल या गोमूत्र का छिड़काव करें। खीरे को दिन के ठंडे समय (सुबह या शाम) में तोड़ें ताकि वे ताज़े रहें और बाजार में अच्छी कीमत मिले।

5. बाजार और मुनाफा

अप्रैल में फसल तैयार होने पर सीधे होलसेल मंडी या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेचें। अगेती खीरे की कीमत सामान्य से 30-40% अधिक मिलती है। एक एकड़ से 80-100 क्विंटल तक उत्पादन संभव है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा होता है।

फरवरी में अगेती खीरे की खेती करके किसान कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। मल्चिंग, ड्रिप सिंचाई और उन्नत बीजों का उपयोग करके आप बेमौसमी उत्पादन पा सकते हैं। हजारीबाग जिले के किसान इस तकनीक से सफलता पा चुके हैं, अब आपकी बारी है!

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  • Shashikant

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