Agri Drone: खेती में नई तकनीकों का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। अब किसान अपनी फसल को बीमारियों से बचाने के लिए ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग कर सकते हैं, जिससे उनका समय भी बचेगा और सही मात्रा में दवाई का छिड़काव भी होगा। पहले किसान पंप या अन्य उपकरणों से स्प्रे करते थे, जिसमें अधिक समय और मेहनत लगती थी। साथ ही कई बार स्प्रे सही तरीके से खेतों में नहीं पहुंच पाता, जिससे फसलें बीमारियों की चपेट में आ जाती थीं। लेकिन अब ड्रोन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से यह काम मिनटों में किया जा सकेगा।
6 मिनट में 1 हेक्टेयर खेत में स्प्रे
ड्रोन विक्रेता कुलदीप किरण ने बताया कि आधुनिक ड्रोन किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रहे हैं। किसान गेहूं, धान, सरसों, गन्ना सहित विभिन्न फसलों में दवा का छिड़काव करते हैं। पारंपरिक तरीकों से दवाई ज्यादा खर्च होती है, जिससे किसानों की लागत बढ़ जाती है। लेकिन ड्रोन टेक्नोलॉजी से 1 हेक्टेयर खेत में सिर्फ 6 मिनट में स्प्रे किया जा सकता है।
इस ड्रोन में आधुनिक सेंसर टेक्नोलॉजी लगी है, जिससे यह सिर्फ उतनी ही मात्रा में दवाई का छिड़काव करता है, जितनी जरूरत होती है। इससे न सिर्फ फसलों को सही मात्रा में दवा मिलेगी, बल्कि किसानों की लागत भी घटेगी।
एक दिन में 25 हेक्टेयर खेत में स्प्रे करने की क्षमता
यह ड्रोन एक बार में 10 लीटर तक दवा भर सकता है और 1 हेक्टेयर खेत में एक बार में स्प्रे कर सकता है। किसान 1 दिन में 25 हेक्टेयर तक फसल पर स्प्रे कर सकते हैं। इसमें कैमरे और सेंसर डिवाइस लगी होती है, जिससे यह अपने आप खेतों में ऊपर-नीचे होकर सही दिशा में स्प्रे करता है और पेड़ों या अन्य बाधाओं से टकराने की संभावना नहीं रहती।
ड्रोन पर सरकार दे रही है 50% सब्सिडी
अगर कोई किसान इस ड्रोन को खरीदना चाहता है, तो इसकी कीमत ₹11.5 लाख रखी गई है। लेकिन सरकार इसके लिए 50% तक सब्सिडी दे रही है। सब्सिडी का लाभ पाने के लिए किसानों को सरकारी योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ड्रोन ऑपरेशन के लिए ट्रेनिंग और लाइसेंस भी कंपनी द्वारा दिया जाएगा, जिसकी कोई अलग से कीमत नहीं लगेगी।
मेरठ और अन्य शहरों के कई किसान अब आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर खेती में बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं। अब जो काम घंटों में होता था, वह मिनटों में पूरा हो रहा है। किसान ड्रोन किराए पर देकर भी कमाई कर सकते हैं। आधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ खेती करना अब जरूरी हो गया है, ताकि किसान अपनी लागत घटाकर अधिक मुनाफा कमा सकें।
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