सब्जी की फसल रहेगी कीट-मुक्त! बुवाई से पहले ऐसे करें चूने का इस्तेमाल

Agri Tips: किसान भाइयों, हमारे यहाँ सब्जियाँ उगाना हर खेत की शान है। अगर शुरू से सही तरीका अपनाएँ तो फसल लहलहाती है। बुआई से पहले खेत में चूना छिड़कना पुराना देसी नुस्खा है, जो मिट्टी को तंदुरुस्त बनाता है। मार्च का महीना चल रहा है, और अब टमाटर, बैंगन, भिंडी जैसी सब्जियों की तैयारी का वक्त है। चूना मिट्टी को बीमारियों से बचाता है और पौधों को ताकत देता है। तो चलिए, अपनी आसान भाषा में समझते हैं कि चूना छिड़कने से क्या फायदे हैं और ये पैदावार कैसे बढ़ाता है।

मिट्टी को ताकत देता है चूना

चूना यानी कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड मिट्टी के लिए दवा का काम करता है। खेत में ये मिट्टी की खटास को कम करता है, जो बारिश या ज्यादा खाद से बढ़ जाती है। अगर मिट्टी ज्यादा खट्टी हो तो पौधों की जड़ें कमजोर पड़ती हैं और बढ़वार रुक जाती है। चूना डालने से मिट्टी का पीएच ठीक होता है, और पौधों को खुराक आसानी से मिलती है। हमारे बुजुर्ग कहते थे कि चूना मिट्टी को साँस लेने लायक बनाता है। इससे सब्जियों की जड़ें मजबूत होती हैं और फसल बढ़िया निकलती है। ये सस्ता भी है, 20-30 रुपये किलो में मिल जाता है।

कीट और बीमारी से बचाव

चूना छिड़कने का बड़ा फायदा ये है कि ये मिट्टी में छिपे कीटों और फफूंद को खत्म करता है। खेतों में दीमक, जड़ सड़न या फफूंदी की परेशानी आम है। चूना इन सब पर काबू पाता है और मिट्टी को साफ रखता है। टमाटर और बैंगन में फफूंदी का डर रहता है, लेकिन चूने से ये खतरा कम हो जाता है। मिट्टी की ऊपरी परत सख्त होती है, और हानिकारक कीट पनप नहीं पाते। इससे सब्जियाँ शुरू से स्वस्थ रहती हैं और बीमार होने का जोखिम घट जाता है।

चूना डालने का आसान तरीका

चूना छिड़कना बिल्कुल आसान है। बुआई से 10-15 दिन पहले खेत को हल्का जोत लें। प्रति बीघा 50-60 किलो बुझा चूना लें और इसे खेत में बराबर बिखेर दें। फिर हल्की जुताई करें, ताकि चूना मिट्टी में मिल जाए। इसके बाद थोड़ा पानी डालें, जिससे ये अच्छे से समा जाए। गोबर की खाद के साथ मिलाने से मिट्टी और उपजाऊ बनती है। बस ध्यान रखें कि ज्यादा चूना न डालें, वरना मिट्टी सख्त हो सकती है। इस तरीके से खेत बुआई के लिए तैयार हो जाता है।

पैदावार और मुनाफे का हिसाब

चूना छिड़कने से सब्जियों की पैदावार 15-20% बढ़ सकती है। एक बीघे से भिंडी या टमाटर के 20-25 क्विंटल मिलते हैं, तो चूने के बाद 4-5 क्विंटल ज्यादा हो सकता है। बाजार में ये 20-30 रुपये किलो बिकती हैं, यानी 8-10 हज़ार रुपये का फायदा। चूने का खर्च 1,000-1,500 रुपये से ज्यादा नहीं। पौधे स्वस्थ रहते हैं, और कीटनाशकों का पैसा भी बचता है। सब्जियाँ जल्दी बढ़ती हैं और स्वाद-रंग में भी बढ़िया होती हैं। ये सस्ता तरीका मेहनत का पूरा फल देता है।

हमारे लिए चूने की खासियत

ये तरीका हमारे लिए इसलिए बढ़िया है, क्यूँकि ये सस्ता और प्राकृतिक है। मार्च में सब्जियों की तैयारी करते वक्त चूना मिट्टी को ताकत देता है। पौधे शुरू से मजबूत होते हैं और सब्जियाँ ज्यादा दिन ताज़ा रहती हैं। मिट्टी को सालों तक अच्छा रखने का ये आसान ढंग है। तो किसान भाइयों, बुआई से पहले चूना छिड़कें, फसल को लहलहाएँ और जेब भरें। खेत खुश रहेगा और मेहनत रंग लाएगी!

ये भी पढ़ें- कद्दू की फसल पर कीटों का हमला! तुरंत करें ये उपाय, नहीं तो हो जाएगा भारी नुकसान

Author

  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

    View all posts

Leave a Comment