मुजफ्फरनगर में धांधली का पर्दाफाश, नकली उर्वरक और कीटनाशक का बड़ा जखीरा बरामद

Agriculture Scam Muzaffarnagar: मुजफ्फरनगर जनपद में रूडकी रोड स्थित श्रीराम कृष्ण विहार कालोनी में शनिवार, 22 जून 2025 की रात एक बड़ी कार्रवाई हुई। उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग की टीम ने वहाँ एक गोदाम पर छापा मारा, जहाँ नकली उर्वरक और कीटनाशक का बड़ा स्टॉक पाया गया। इस कार्रवाई के दौरान विभागीय अधिकारियों ने मौके पर सामान की जाँच की, लेकिन गोदाम का मालिक टीम को देखकर फरार हो गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए दुकान को तुरंत सील कर दिया गया, और दुकानदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। आइए, इस घटना के पीछे के कारण और इसके असर को समझते हैं।

कार्रवाई का मकसद, किसानों की सुरक्षा

कृषि विभाग की इस कार्रवाई का मकसद नकली उत्पादों की बिक्री रोकना और किसानों को सही सामान उपलब्ध कराना था। तस्वीर में आप अधिकारियों को गोदाम से सामान जब्त करते देख सकते हैं, जहाँ पैकेटों पर नकली लेबल और घटिया गुणवत्ता के नमूने मिले। मॉनसून के इस मौसम में, जब धान, कपास, और मक्का की बुवाई शुरू होती है, खाद और कीटनाशक की मांग बढ़ जाती है। नकली उत्पादों से फसल खराब होने का खतरा रहता है, जिससे किसानों का नुकसान होता है। विभाग का कहना है कि यह छापेमारी एक सतर्कता अभियान का हिस्सा है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्ता का ध्यान रखा जा सके और कालाबाजारी पर लगाम लगे।

Agriculture Scam Muzaffarnaga

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नकली उत्पादों का खतरा, फसलों और मिट्टी पर असर

नकली उर्वरक और कीटनाशक किसानों के लिए जहर की तरह हैं। ये उत्पाद मिट्टी की उर्वरता को कम करते हैं और फसलों की पैदावार घटाते हैं। उदाहरण के लिए, अगर उर्वरक में नाइट्रोजन की कमी हो, तो पौधे पीले पड़ जाते हैं और बढ़वार रुक जाती है। कीटनाशक अगर असरहीन हों, तो कीट जैसे पिंक बॉल वर्म और सफेद मक्खी फसल को बर्बाद कर देते हैं। वेबसाइट्स जैसे croplife.org के अनुसार, नकली कीटनाशकों से कीटों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे भविष्य में नुकसान और बढ़ता है।

कृषि विभाग ने इस मामले में सख्त रवैया अपनाया है। गोदाम सील करने के बाद नमूनों की लैब में जाँच होगी, और दोषी दुकानदार पर कानूनी कार्रवाई होगी। यह कदम नकली सामान की सप्लाई पर रोक लगाने की दिशा में है। साथ ही, विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे खाद-बीज खरीदते समय पैकिंग, निर्माण तारीख, और लाइसेंस चेक करें। मॉनसून के इस मौसम में, जब फसलों की रक्षा जरूरी है, सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता शिविर शुरू करने का फैसला लिया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि हर किसान को सही सामान मिले, नकली उत्पादों की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जा सकते हैं।

किसानों के लिए सलाह सावधानी ही बचाव

किसानों को इस घटना से सबक लेना चाहिए। खाद-बीज खरीदते समय हमेशा विश्वसनीय दुकान से लें और बिल जरूर रखें। बीजों को बुवाई से पहले गोमूत्र या ट्राइकोडर्मा से उपचारित करें, ताकि उनकी गुणवत्ता जाँच हो सके। अगर कीटनाशक इस्तेमाल करना हो, तो नीम का तेल (5 मिली प्रति लीटर पानी) जैसे प्राकृतिक विकल्प चुनें, जो सस्ता और सुरक्षित है। मॉनसून की बारिश में खेतों की निगरानी रखें और अगर कोई सामान संदिग्ध लगे, तो तुरंत स्थानीय कृषि अधिकारी से संपर्क करें। यह सावधानी फसल की सेहत और मुनाफे को बचा सकती है।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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