किसान भाइयों, पुदीना वो फसल है जो कम मेहनत में बड़ा फायदा देती है। अप्रैल का महीना इसके लिए खास है, क्योंकि गर्मी शुरू होते ही इसकी मांग बढ़ जाती है। चाहे चटनी हो, रायता हो, या ठंडाई पुदीने के बिना स्वाद अधूरा लगता है। ऊपर से इसका तेल दवा और सौंदर्य की चीजों में काम आता है। अगर सही तरीके से खेती करें, तो एक एकड़ से 80-100 किलो तेल और ढेर सारी पत्तियाँ मिल सकती हैं। बाजार में तेल 1200-2000 रुपये प्रति किलो तक बिकता है। तो चलिए, जानते हैं कि अप्रैल में इसे कैसे उगाएं कि खेत हरा रहे और जेब भरी रहे।
जमीन और मौसम की तैयारी
पुदीना हर मिट्टी में उग जाता है, लेकिन दोमट या बलुई मिट्टी इसके लिए सबसे अच्छी है। अप्रैल में तापमान बढ़ता है, जो पुदीने के लिए ठीक रहता है। बस खेत में पानी रुकने न पाए, इसलिए जल निकासी का इंतजाम रखें। खेत की दो-तीन बार जुताई करें, मिट्टी को भुरभुरी बनाएं। फिर प्रति एकड़ 8-10 टन गोबर की खाद डालें। थोड़ी नाइट्रोजन (50 किलो) और फॉस्फोरस (30 किलो) भी मिलाएं। मिट्टी का पीएच 6-7.5 के बीच हो तो पुदीना तेजी से बढ़ता है। अप्रैल की गर्मी और हल्की नमी इसके लिए बिल्कुल सही है।
सही रोपण का तरीका
पुदीना बीज से कम, जड़ों से ज्यादा उगाया जाता है। अप्रैल में रोपण के लिए जापानी पुदीना या मेंथा पिपरिटा जैसी किस्में चुनें, ये ज्यादा तेल और पत्तियाँ देती हैं। नर्सरी से स्वस्थ जड़ें लें या पुराने पौधों से 8-10 इंच की कटिंग काटें। खेत में 1-2 फीट की दूरी पर लाइनें बनाएं। हर लाइन में 6-8 इंच की दूरी पर जड़ें 2-3 इंच गहरा रोपें। रोपण के बाद हल्का पानी डालें। 10-15 दिन में जड़ें पकड़ लेती हैं, और पौधे हरे-भरे होने लगते हैं। अगर पास में नर्सरी नहीं है, तो ऑनलाइन इंडिया मार्ट से भी जड़ें मंगा सकते हैं।
देखभाल के आसान टिप्स
पुदीना को ज्यादा पानी पसंद नहीं, लेकिन नमी जरूरी है। अप्रैल में शुरू में हर 4-5 दिन में हल्की सिंचाई करें। गर्मी बढ़ने पर हफ्ते में दो बार पानी दें। खरपतवार नजर आएं, तो 15-20 दिन बाद पहली निराई-गुड़ाई करें। दूसरी गुड़ाई 40 दिन बाद करें। कीड़ों से बचाने के लिए नीम का तेल पानी में मिलाकर छिड़कें। दीमक लगे तो खेत की जुताई के वक्त 5 किलो नीम की खली प्रति एकड़ डालें। थोड़ी मेहनत से पौधे स्वस्थ रहेंगे, और उत्पादन बढ़ेगा।
कटाई और उत्पादन बढ़ाने का तरीका
पुदीना 60-70 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाता है। अप्रैल में रोपण करें, तो जून-जुलाई में पहली कटाई होगी। पौधों को जमीन से 2-3 इंच ऊपर से काटें, ताकि फिर से पत्तियाँ उग आएं। एक मौसम में 2-3 बार कटाई हो सकती है। पत्तियाँ ताजी बेचें या सुखाकर तेल निकालें। भाप विधि से एक एकड़ से 80-100 किलो तेल मिल सकता है। ज्यादा उत्पादन के लिए हर कटाई के बाद हल्की खाद और पानी दें। सही समय पर कटाई करें, सुबह जल्दी, जब पत्तियाँ ताजी हों।
मुनाफा कैसे बढ़ाएं
पुदीने की पत्तियाँ बाजार में 100-150 रुपये किलो बिकती हैं। तेल का दाम 1200-2000 रुपये प्रति किलो तक जाता है। गाँव से मंडी दूर हो, तो लोकल दुकानदारों को बेचें। बड़ी कमाई के लिए तेल निकालकर मसाला या दवा कंपनियों से संपर्क करें। एक एकड़ से 50-60 हजार की पत्तियाँ और 1-2 लाख का तेल मिल सकता है। लागत निकालकर भी बंपर मुनाफा हाथ में आएगा। गाँव में दूसरों को भी ये तरीका बताएं, मिलकर बेचें तो और फायदा होगा।
खेत में पानी ज्यादा न रुके, वरना जड़ें सड़ सकती हैं। गर्मी में पौधे मुरझाएं, तो हल्की छाया दें। रसायन कम इस्तेमाल करें, जैविक खाद से फसल स्वस्थ रहेगी। कटाई के बाद पत्तियों को जल्दी बेचें, ताकि ताजगी बनी रहे। अप्रैल में शुरू करें, तो बारिश से पहले दो कटाई आसानी से हो जाएगी। सरकार की सब्सिडी योजनाओं का भी फायदा उठाएं।
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