गेंदे की इस नई वैरायटी ने मचाया धमाल, ₹1 लाख किलो बीज की कीमत और मुनाफा दोगुना!

Arka Bhanu Marigold New Variety : पश्चिम चंपारण के किसान भाई अब गेंदा फूल की नई किस्म ‘आर्का भानू’ (New variety of marigold flower ‘Arka Bhanu’) की खेती से मालामाल हो रहे हैं। बेंगलुरु से आए रिसर्च बीज ने खेती का रंग बदल दिया है। कम समय में ज्यादा पैदावार, ऊँची कीमत और बीज का बिजनेस ये सब मिलकर किसानों की जेब भर रहा है। गेंदा फूल की खेती अब सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि कमाई का शानदार जरिया बन गई है। ‘आर्का भानू’ किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। ये वैरायटी आने वाले दिनों में बिहार की फूल खेती को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकती है। चलिए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

ट्रायल से शुरूआत, सफलता की कहानी

‘आर्का भानू’ की शुरुआत पूर्वी चंपारण के कृषि विज्ञान केंद्र से हुई। यहाँ ट्रायल के तौर पर बीज मँगवाया गया। पिपरकोठी के पंडित दीनदयाल हॉर्टिकल्चर कॉलेज में 2 कट्ठे और पड़ौलिया गाँव के किसान व भूतपूर्व सैनिक राजेश कुमार ने 6 कट्ठे में इसकी खेती की। नतीजा चौंका देने वाला रहा फूलों की पैदावार उम्मीद से कहीं ज्यादा थी। बाजार में बिक्री शुरू हुई और किसानों के चेहरे खिल गए। अब इस वैरायटी से स्थानीय स्तर पर बीज तैयार करने की योजना है। इससे लागत घटेगी और मुनाफा बढ़ेगा। छोटी सी कोशिश ने बड़ी कामयाबी दिखाई।

हल्का पीला रंग, बाजार में धूम

‘आर्का भानू’ का हल्का पीला रंग लोगों का दिल जीत रहा है। जनवरी-फरवरी में बाजार में उतरने वाली इस मिर्च की माँग तेजी से बढ़ी है। सामान्य गेंदा से ज्यादा कीमत मिल रही है। किसान भाई सिर्फ फूल नहीं, बल्कि बीज भी तैयार कर बेच रहे हैं। यानी एक फसल से दोहरी कमाई का रास्ता खुल गया। बाजार में इसकी डिमांड और ऊँचे दाम इसे खास बनाते हैं। पश्चिम चंपारण में ये फूल नई उम्मीद बनकर उगा है।

‘आर्का भानू’ की खासियत

ये नई किस्म बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चर रिसर्च (IIHR) की देन है। फूल 40-45 दिनों में खिलने लगते हैं और 60-70 दिन तक फूलते रहते हैं। इसका रंग हल्का पीला (RHS येलो ग्रुप 12-A) और आकार मध्यम (5-6.5 सेमी) है। प्रति एकड़ 18 टन तक पैदावार दे सकती है। गर्मी और बारिश दोनों में उगने वाली ये वैरायटी कम मेहनत में ज्यादा फायदा देती है। दोमट मिट्टी और 6.5-7.5 pH इसके लिए बेस्ट है।

खेती का तरीका

खेत को 2-3 बार जोतकर तैयार करें। 20 टन गोबर खाद प्रति हेक्टेयर डालें। 600-800 ग्राम बीज प्रति एकड़ काफी है। कतार से कतार 45 सेमी और पौधे से पौधे 30 सेमी दूरी रखें। 30-45 दिन बाद पिंचिंग (शीर्ष कटाई) करें, ताकि पौधा झाड़ीदार बने और फूल ज्यादा आएँ। गर्मी में हफ्ते में एक बार सिंचाई करें। खरपतवार हटाने के लिए 2-3 गुड़ाई करें। ये आसान तरीका फसल को लहलहा देगा।

1 एकड़ से 18 टन फूल मिले। बाजार में 20-30 रुपये किलो के हिसाब से 3.6-5.4 लाख की कमाई। बीज, खाद और मजदूरी में 50-70 हजार खर्च। शुद्ध मुनाफा 3-4.7 लाख। बीज बेचने से प्रति किलो 100-200 रुपये अतिरिक्त। 6 कट्ठे (0.2 एकड़) से भी 50-70 हजार की कमाई संभव। ‘आर्का भानू’ छोटे किसानों के लिए भी सोने की खान है।

किसान भाइयों, ‘आर्का भानू’ को अपनाएँ। कम समय, कम लागत और ज्यादा पैदावार से ये वैरायटी खेती को चमकाएगी। फूल और बीज दोनों से मुनाफा कमाएँ। पश्चिम चंपारण से शुरू हुई ये लहर पूरे बिहार में फूल खेती की तस्वीर बदल सकती है। खेत में पीला रंग बिखेरें और जेब भरें। अभी शुरू करें, फायदा उठाएँ!

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  • Shashikant

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