अर्का सावी गुलाब: IIHR की नई किस्म से कम लागत में शानदार कमाई, जानें पूरी खेती विधि

गुलाब की खेती करने वाले किसानों और बागवानी प्रेमियों के लिए खुशखबरी! ICAR-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (IIHR), बेंगलुरु ने गुलाब की उन्नत किस्म ‘अर्का सावी’ विकसित की है, जो अपनी गहरी लाल पंखुड़ियों, मधुर सुगंध, और लंबी शेल्फ लाइफ के लिए चर्चा में है। यह फ्लोरीबुंडा समूह की हाइब्रिड किस्म है, जो कम देखभाल में बंपर पैदावार देती है। व्यावसायिक खेती से लेकर बगीचे की सजावट तक, यह किस्म हर मायने में गेम-चेंजर साबित हो रही है। आइए, जानें इसकी खासियत और खेती के तरीके।

अर्का सावी की अनूठी विशेषताएँ

IIHR के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित अर्का सावी गुलाब अपनी खूबसूरती और व्यावसायिक लाभों के लिए जानी जा रही है। इसके फूल गहरे लाल रंग के होते हैं और मधुर सुगंध छोड़ते हैं, जो लूज़ फ्लॉवर कैटेगरी में आते हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसकी लंबी शेल्फ लाइफ, जिससे फूल लंबे समय तक ताजा रहते हैं। यह किस्म प्रति पौधा 15-20 फूलों के गुच्छे देती है, जो बाजार में अच्छी कीमत लाते हैं। यह रोगों और कीटों के प्रति प्रतिरोधी है, जिससे कीटनाशकों पर खर्च 20-25% तक कम होता है। कम देखभाल में भी यह पौधा शानदार पैदावार देता है, जिससे छोटे और बड़े किसानों के लिए यह फायदेमंद है।

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व्यावसायिक और सौंदर्य लाभ

अर्का सावी गुलाब न केवल बगीचे की शोभा बढ़ाता है, बल्कि व्यावसायिक दृष्टि से भी लाभकारी है। इसके फूलों का उपयोग गुलाब जल, पॉटपौरी, और सजावट में होता है, जिनकी बाजार में भारी माँग है। यह पौधा हेज, बॉर्डर, या सोलिटेयर प्लांट के रूप में उगाया जा सकता है। इसकी सुगंध तनाव कम करने और मूड को बेहतर बनाने में मदद करती है। इसके फूल तितलियों और परागण करने वाले कीटों को आकर्षित करते हैं, जिससे बगीचे की जैव-विविधता बढ़ती है। फूलों की अच्छी शेल्फ लाइफ के कारण निर्यात में भी इसकी माँग बढ़ रही है।

अर्का सावी की खेती और देखभाल

अर्का सावी गुलाब की खेती शुरू करने के लिए सही तकनीक और देखभाल जरूरी है। पौधे को पहले 6 महीनों तक रोजाना 5 घंटे की सीधी धूप चाहिए। परिपक्व होने के बाद यह 3 घंटे धूप और आंशिक छाया में भी अच्छी तरह बढ़ता है। मिट्टी अच्छी जल निकास वाली, उपजाऊ, और जैविक पदार्थों से युक्त होनी चाहिए। ऑर्गेनिक पॉटिंग मिक्स का उपयोग सबसे बेहतर है।

पानी देने से पहले मिट्टी की ऊपरी परत को सूखने दें, लेकिन मिट्टी हमेशा नम रखें। जलभराव से जड़ें सड़ सकती हैं। हर महीने जैविक खाद या कम्पोस्ट (1-2 किलो प्रति पौधा) डालें। दो साल बाद नियमित छंटाई करें, जिसमें सूखी पत्तियाँ, पुराने फूल, और कमजोर टहनियाँ हटाएँ। इससे नई वृद्धि को बढ़ावा मिलता है।

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खेती के लिए टिप्स

अर्का सावी की खेती खरीफ और रबी दोनों सीजन में की जा सकती है। बुआई के लिए 45-60 सेमी की दूरी पर पौधे लगाएँ। कीटों और रोगों से बचाव के लिए जैविक कीटनाशक, जैसे नीम तेल (2 मिली/लीटर पानी), का छिड़काव करें। फूलों की कटाई सुबह जल्दी करें, जब वे आधे खिले हों। यह उनकी शेल्फ लाइफ बढ़ाता है। ICAR-IIHR के वैज्ञानिकों के अनुसार, ड्रिप सिंचाई और मल्चिंग से पानी और खाद की बचत होती है। पौधों की नियमित निगरानी से ब्लैक स्पॉट और पाउडरी मिल्ड्यू जैसे रोगों को रोका जा सकता है।

किसानों और बागवानी प्रेमियों के लिए सलाह

किसान और बागवानी प्रेमी भाइयों, अर्का सावी गुलाब की खेती शुरू करने के लिए IIHR, बेंगलुरु (iihr.res.in) या नजदीकी KVK से संपर्क करें। प्रमाणित पौधे और बीज नर्सरी से लें। गुलाब जल और पॉटपौरी के लिए स्थानीय फूल मंडियों से संपर्क करें। निर्यात के लिए APEDA (apeda.gov.in) से पंजीकरण करवाएँ। यह किस्म छोटे बगीचों, छतों, और बड़े खेतों के लिए आदर्श है। अर्का सावी की खेती से आप न केवल मुनाफा कमा सकते हैं, बल्कि अपने बगीचे को रंग और सुगंध से भर सकते हैं।

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Author

  • Rahul

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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