इस ऑस्ट्रेलियाई नींबू ने बदली किसान की किस्मत, हर महीने कमा रहा है 6 लाख!

Australian Seedless Lemon Cultivation: हमारे किसान भाइयों, अगर आप खेती में कुछ नया करके अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो मैसूर के रामकृष्ण की कहानी आपके लिए प्रेरणा बन सकती है। इन्होंने ऑस्ट्रेलिया से लाए बीजरहित नींबू, जिसे पर्शियन सीडलेस कहते हैं, को अपने खेतों में उगाकर लाखों रुपये कमा लिए। ये नींबू ज्यादा रस देता है, कड़वाहट कम होती है, और बाजार में इसकी भारी माँग है। रामकृष्ण ने अपनी 40 एकड़ जमीन में मेहनत और देसी अक्ल लगाकर ये कमाल किया। आइए, जानें कि आप भी इस खेती को कैसे शुरू कर सकते हैं और अपनी कमाई को कैसे बढ़ा सकते हैं।

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रामकृष्ण की मेहनत और नया प्रयोग

रामकृष्ण कोई साधारण किसान नहीं हैं। इन्होंने बी.एस.सी. की पढ़ाई की और कृषि विभाग में अधिकारी के तौर पर काम भी किया। खेती के प्रति इनका जुनून ऐसा था कि इन्होंने ऑस्ट्रेलिया जाकर वहाँ की खेती के तरीकों को समझा। वहाँ इन्हें पर्शियन सीडलेस नींबू की किस्म मिली, जो बीज रहित, रसीला और बाजार में खूब बिकने वाला था। रामकृष्ण ने सोचा, क्यों न इसे भारत में आजमाया जाए? बस, यहीं से शुरू हुआ इनका सफर। 10 साल तक मेहनत और प्रयोग के बाद, इन्होंने मैसूर की मिट्टी में इस नींबू को उगाने का देसी तरीका ढूँढ लिया। आज इनके खेतों में 7,000 से ज्यादा पौधे हैं, जो सालभर फल देते हैं।

इस नींबू की खासियत

आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये ऑस्ट्रेलियाई नींबू इतना खास क्यों है? ये नींबू आम नींबू से तीन गुना ज्यादा रस देता है। इसमें कड़वाहट बिल्कुल कम होती है, जिससे जूस बनाने वाले और घरों में खाना पकाने वाले इसे खूब पसंद करते हैं। एक पौधा साल में 100 किलो तक नींबू दे सकता है, और बाजार में इसका दाम 20 से 70 रुपये प्रति किलो तक मिलता है। यानी एक पौधे से ही हजारों रुपये की कमाई हो सकती है। सबसे अच्छी बात, ये पौधे एक साल के अंदर ही फल देना शुरू कर देते हैं, तो आपको ज्यादा इंतज़ार नहीं करना पड़ता।

खेती शुरू करने का देसी तरीका

इस नींबू की खेती के लिए आपको ज्यादा जटिल चीजों की जरूरत नहीं। दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे अच्छी है, लेकिन अगर आपके खेत में दूसरी मिट्टी है, तो गोबर की खाद और वर्मी कम्पोस्ट मिलाकर उसे तैयार कर लें। मिट्टी का पी.एच. 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए। पौधे लगाने से पहले खेत को अच्छे से जोत लें और पानी के निकास का इंतजाम रखें। पौधों को 20 फीट की दूरी पर लगाएँ, ताकि उन्हें हवा और धूप अच्छे से मिले। रामकृष्ण का सुझाव है कि पौधों को पूर्व से पश्चिम दिशा में लगाएँ, इससे पौधों की बढ़त तेज होती है।

देसी खाद और देखभाल के नुस्खे

रामकृष्ण रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं करते। वो जीवामृत बनाते हैं, जिसमें गोमूत्र, गोबर, गुड़ और चने का आटा मिलाया जाता है। इसे हर 15 दिन में पौधों की जड़ों में डालें। अगर खेत में सड़े हुए नींबू पड़े हों, तो उन्हें इकट्ठा करके पानी में मिलाकर पौधों पर छिड़कें। ये देसी नुस्खा पौधों को बीमारियों से बचाता है और फल ज्यादा देता है। पौधों को हफ्ते में 2-3 बार पानी दें, लेकिन बारिश के मौसम में पानी जमा न होने दें। अगर पौधों की पत्तियाँ पीली पड़ें, तो मिट्टी में थोड़ा चूना मिलाएँ।

कीट और बीमारियों से बचाव

इस नींबू की खेती में ज्यादा कीटों का खतरा नहीं होता, लेकिन फफूंद या पत्ती खाने वाले कीड़े कभी-कभी परेशान कर सकते हैं। इसके लिए नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर उसका छिड़काव करें। गोमूत्र और छाछ को बराबर मात्रा में मिलाकर पौधों पर डालने से फफूंदी नहीं लगती। अगर पौधे की जड़ें सड़ रही हों, तो मिट्टी में 0.2% मेटालैक्सिल या ट्राइकोडरमा मिलाएँ। रामकृष्ण का कहना है कि देसी तरीकों से खेती करने से न सिर्फ़ खर्चा कम होता है, बल्कि फसल भी स्वस्थ और जैविक रहती है।

कमाई और बाजार के गुर

रामकृष्ण अपने खेतों से हर महीने 5-6 लाख रुपये कमा रहे हैं। एक एकड़ में अगर आप 140 पौधे लगाएँ, तो साल में 70-100 क्विंटल नींबू की पैदावार हो सकती है। बाजार में अगर 50 रुपये प्रति किलो का औसत दाम मिले, तो आप 5-7 लाख रुपये तक कमा सकते हैं। मैसूर और बेंगलुरु जैसे शहरों में इस नींबू की माँग खूब है। आप स्थानीय मंडी में बेच सकते हैं या सीधे व्यापारियों से संपर्क करें। रामकृष्ण का कहना है कि फल को साफ-सुथरे टोकरों में रखें और सुबह जल्दी तुड़ाई करें, ताकि नींबू ताज़ा रहें और अच्छा दाम मिले।

स्थानीय किसानों के लिए प्रेरणा

रामकृष्ण सिर्फ़ अपनी कमाई तक सीमित नहीं रहे। वो अपने गाँव के किसानों को भी इस खेती के गुर सिखा रहे हैं। वो बताते हैं कि अगर आप मेहनत और सही तरीके अपनाएँ, तो खेती से भी लाखों की कमाई हो सकती है। इस नींबू की खेती में शुरुआती खर्चा 40-50 हज़ार रुपये प्रति एकड़ आता है, लेकिन एक बार पौधे लगने के बाद 20-25 साल तक मुनाफा मिलता है। अगर आप अपने खेत में थोड़ा सा हिस्सा इस खेती के लिए रखें, तो ये आपके लिए एटीएम की तरह काम करेगा।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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