इस फल की खेती से बरसेगा पैसा, 40 हजार की लागत में 8 लाख का मुनाफा

Banana G-9 Farming: भारत में किसान अब पारंपरिक खेती छोड़कर आधुनिक तरीकों से उन्नत फसलें उगा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के किसान रामदेव मौर्य इसका बेहतरीन उदाहरण हैं। वे पिछले 8 साल से अपनी 2 एकड़ जमीन पर G-9 किस्म के केले की खेती कर रहे हैं और हर साल 7-8 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं। उनकी सफलता का राज है आधुनिक तकनीक और सही प्रबंधन।

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G-9 केले की खेती क्यों है खास?

G-9 केले की खेती पारंपरिक फसलों के मुकाबले ज्यादा लाभदायक है। इस किस्म के केले कम समय में तैयार होते हैं, बाजार में इनकी मांग ज्यादा होती है और पानी की खपत भी कम होती है। यह केला मोटा, मीठा और लंबे समय तक ताजा रहता है, जिससे किसानों को अच्छी कीमत मिलती है।

आधुनिक सिंचाई से बढ़ी उपज

रामदेव मौर्य ने पानी की बचत के लिए स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति अपनाई है। इससे खेत में हर पौधे को समान मात्रा में पानी मिलता है और फसल की गुणवत्ता बेहतर होती है। स्प्रिंकलर से पानी की खपत 30-40% तक कम हो जाती है, जो छोटे किसानों के लिए बड़ी राहत है।

खेती की शुरुआत कैसे करें?

G-9 केले की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। खेत की गहरी जुताई करके उसमें गोबर की खाद और जैविक उर्वरक मिलाएं। पौधों को 6-7 फीट की दूरी पर लगाएं ताकि उन्हें पर्याप्त जगह मिल सके। रोपाई के बाद नियमित सिंचाई और खाद का ध्यान रखना जरूरी है।

केले के पौधों को फंगस और कीटों से बचाने के लिए रामदेव नीम का तेल और जैविक कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं। वे हर 15 दिन में पौधों की जांच करते हैं ताकि समय रहते कोई बीमारी पकड़ में आ सके।

बाजार और मुनाफे की बड़ी बात

रामदेव मौर्य की सालाना लागत महज 30-40 हजार रुपये आती है, जबकि उनकी कमाई 7-8 लाख रुपये तक पहुंच जाती है। वे अपने केले सीधे प्रयागराज और कानपुर के व्यापारियों को बेचते हैं, जिससे बिचौलियों का खर्च बचता है। बाजार में G-9 केले की कीमत 25-30 रुपये प्रति किलो तक मिल जाती है।

किसानों के लिए प्रेरणा

रामदेव मौर्य की कहानी उन सभी किसानों के लिए मिसाल है जो पारंपरिक खेती से हटकर कुछ नया करना चाहते हैं। उनका मानना है कि अगर सही तकनीक और मेहनत से काम किया जाए, तो छोटी जमीन पर भी बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है।

G-9 केले की खेती न सिर्फ किसानों की आय बढ़ाती है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करती है। रामदेव मौर्य जैसे किसान साबित करते हैं कि आधुनिक तरीकों और सही योजना से खेती को लाभ का धंधा बनाया जा सकता है। अगर आप भी केले की खेती शुरू करना चाहते हैं, तो कृषि विभाग से प्रशिक्षण लेकर आज ही इसकी शुरुआत करें!

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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