क्या है बरगुर गाय की खासियत? दूध और ताकत के लिए मशहूर ये नस्ल

भारत में गाय सिर्फ एक पशु नहीं, बल्कि संस्कृति और आस्था का प्रतीक है। लोग गाय को माता और बछिया को अपने बच्चों की तरह प्यार करते हैं। गाय पालन आज एक लाभकारी व्यवसाय भी बन चुका है, जिसमें गिर, साहिवाल, और थारपारकर जैसी नस्लें किसानों को अच्छी कमाई दे रही हैं। लेकिन तमिलनाडु की बरगुर गाय एक ऐसी नस्ल है, जो अपनी अनोखी खूबियों और औषधीय दूध के कारण अब धीरे-धीरे चर्चा में आ रही है। यह नस्ल न केवल किसानों के लिए, बल्कि डेयरी बिजनेस शुरू करने वालों के लिए भी एक सुनहरा अवसर हो सकती है।

बरगुर गाय की अनोखी पहचान

तमिलनाडु के इरोड जिले की बरगुर पहाड़ियों में पाई जाने वाली यह गाय अपने खास लुक के लिए जानी जाती है। इसके शरीर पर भूरे या सफेद धब्बों वाला कोट इसे आकर्षक बनाता है। इसकी हड्डियां मजबूत, लेकिन शरीर पतला होता है। नुकीले सींग और चौड़ा माथा इसकी सुंदरता बढ़ाते हैं। बरगुर गायें पहाड़ी जलवायु में पलती हैं, जिसके कारण ये अन्य नस्लों से अलग हैं। यह नस्ल कठिन परिस्थितियों में भी आसानी से जीवित रह सकती है, जिससे इसे पालना छोटे और मध्यम किसानों के लिए सुविधाजनक है।

औषधीय दूध, ज्यादा मुनाफा

आमतौर पर किसान ज्यादा दूध देने वाली गायों को पसंद करते हैं, जैसे कि 10-15 लीटर प्रतिदिन। लेकिन बरगुर गाय एक ब्यांत में 250 से 1300 लीटर दूध देती है, जो अन्य नस्लों से कम है। फिर भी, इसके दूध की खासियत इसे बेशकीमती बनाती है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, बरगुर गाय का दूध पाचन शक्ति बढ़ाने, रोगों से लड़ने की क्षमता मजबूत करने और त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। बाजार में इस दूध की मांग तेजी से बढ़ रही है, खासकर शहरी क्षेत्रों में, जहां लोग जैविक और औषधीय उत्पादों की तलाश में हैं। इसकी ऊंची कीमत के कारण किसान कम दूध से भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

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आसान रखरखाव

बरगुर गाय को पालना ज्यादा जटिल नहीं है। ये गायें कम संसाधनों में भी स्वस्थ रहती हैं। इन्हें तेज धूप, बारिश, या ठंड से बचाने के लिए एक साफ-सुथरा शेड काफी है। शेड में नियमित सफाई जरूरी है ताकि बीमारियां न फैलें। खान-पान में बरसीम, जौ, ज्वार, बाजरा, और मक्का का साइलेज देना चाहिए। साथ ही, थोड़ा अनाज और हरी घास मिलाकर आहार को संतुलित रखें। समय-समय पर पशु चिकित्सक से जांच और टीकाकरण करवाएं। स्थानीय कृषि केंद्रों से जैविक खाद और चारा उत्पादन की सलाह लेना भी फायदेमंद हो सकता है।

किसानों के लिए सुनहरा अवसर

बरगुर गाय छोटे और मध्यम किसानों के लिए डेयरी बिजनेस का एक नया रास्ता खोल सकती है। इसके दूध की बढ़ती मांग और कम रखरखाव लागत इसे एक आकर्षक विकल्प बनाती है। सरकार भी जैविक खेती और देसी नस्लों को बढ़ावा दे रही है, जिसके तहत सब्सिडी और प्रशिक्षण उपलब्ध हैं। अगर आप डेयरी व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो बरगुर गाय आपके लिए एक अनमोल धरोहर साबित हो सकती है।

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  • Shashikant

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