बिहार के लाखों बागवानी और सब्जी किसान भाई अब फसल कटाई के बाद की सबसे बड़ी चिंता पैकिंग और स्टोरेज से मुक्त हो जाएँगे। बिहार सरकार ने चौथे कृषि रोडमैप के तहत एक नई योजना शुरू की है, जिसमें प्लास्टिक क्रेट, लेनो बैग और फ्रूट ट्रैप बैग पर 50 से 80 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलेगी। कल ही कृषि विभाग ने घोषणा की कि इस योजना पर 22.25 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जो पूरे 38 जिलों के किसानों को फायदा पहुँचाएगी।
फल-सब्जियों की पैकिंग, स्टोरेज और मार्केटिंग मजबूत करने से फसल बर्बादी 20-30 प्रतिशत तक कम हो जाएगी, और किसानों को बाजार में बेहतर दाम मिलेंगे। प्लास्टिक क्रेट और लेनो बैग सभी फल-सब्जी उत्पादकों के लिए हैं, जबकि फ्रूट ट्रैप बैग सिर्फ केले उगाने वालों के लिए। पिछले तीन साल में इस योजना का लाभ ले चुके किसान अयोग्य होंगे। विभाग ने किसानों से तुरंत DBT पोर्टल पर आवेदन करने की अपील की है।
योजना की पूरी डिटेल
ये योजना बिहार के बागवानी किसानों को पैकिंग सामग्री सस्ती उपलब्ध कराने के लिए लाई गई है, ताकि फसलें सड़ने-बर्बाद होने से बचें और बाजार में अच्छा दाम मिले। विभाग ने यूनिट कॉस्ट तय की है प्लास्टिक क्रेट 400 रुपये प्रति यूनिट, लेनो बैग 20 रुपये प्रति यूनिट और फ्रूट ट्रैप बैग 30 रुपये प्रति यूनिट। सब्सिडी वास्तविक लागत या पिछले साल की मंजूर लागत में से जो कम हो, उसके आधार पर मिलेगी। प्लास्टिक क्रेट और लेनो बैग पर 80 प्रतिशत सब्सिडी है, जबकि फ्रूट ट्रैप बैग पर 50 प्रतिशत।
एक किसान को प्लास्टिक क्रेट 10 से 50 यूनिट तक, लेनो बैग 100 से 1000 यूनिट तक और फ्रूट ट्रैप बैग 300 से 10,000 यूनिट तक मिल सकती हैं। ये सामग्री फल-सब्जियों को ताजा रखती है, ट्रांसपोर्ट में नुकसान रोकती है और बाजार में बेहतर कीमत दिलाती है। छोटे किसान भी इससे फायदा उठा सकते हैं, क्योंकि पैकिंग मजबूत होने से फसलें लंबे समय तक बिक्री योग्य रहती हैं।
ये भी पढ़ें- तारबंदी के लिए यूपी सरकार दे रही 50% सब्सिडी, जानें कैसे करें रजिस्ट्रेशन
योग्यता और जरूरी दस्तावेज
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान को बिहार का स्थायी निवासी होना चाहिए। फल-सब्जी उत्पादन करने वाले सभी किसान आवेदन कर सकते हैं, लेकिन पिछले तीन साल में लाभ ले चुके अयोग्य होंगे। आवेदन के लिए कृषि विभाग के DBT पोर्टल dbtagriculture.bihar.gov.in पर रजिस्टर होना जरूरी है। जरूरी दस्तावेजों में बिहार का स्थायी निवास प्रमाण पत्र, भूमि स्वामित्व दस्तावेज, पिछले दो साल के भूमि राजस्व रसीदें, ऑनलाइन अपडेट रसीद, परिवार वंशावली या इकरारनामा और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं। विभाग ने साफ कहा है कि सभी दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करें। छोटे किसान भी आसानी से आवेदन कर सकते हैं, क्योंकि प्रक्रिया ऑनलाइन है।
आवेदन कैसे करें
आवेदन प्रक्रिया बहुत सरल है। सबसे पहले DBT पोर्टल dbtagriculture.bihar.gov.in पर जाएँ और रजिस्टर करें। फिर योजना चुनें, दस्तावेज अपलोड करें और मात्रा बताएँ। बिहार कृषि ऐप डाउनलोड करके भी आवेदन कर सकते हैं। विभाग ने किसानों से तुरंत आवेदन करने की अपील की है, क्योंकि फंड सीमित है। आवेदन की जाँच 15-20 दिन में हो जाती है और स्वीकृति के बाद सामग्री डिलीवरी हो जाती है। अगर समस्या हो तो स्थानीय कृषि केंद्र या हेल्पलाइन 1800-345-6215 पर कॉल करें।
योजना के फायदे
ये योजना बागवानी किसानों की आय बढ़ाने का बड़ा कदम है। अच्छी पैकिंग से फसलें ताजा रहती हैं, ट्रांसपोर्ट में नुकसान कम होता है और बाजार में 20-30 प्रतिशत ज्यादा दाम मिलते हैं। केले उगाने वाले किसानों को फ्रूट ट्रैप बैग से फल सुरक्षित रहेंगे। कुल मिलाकर बिहार की बागवानी को मजबूत बनाएगी।
बिहार के बागवानी किसान भाई, ये योजना आपके लिए सुनहरा मौका है। आज ही DBT पोर्टल पर आवेदन करें, पैकिंग सामग्री मँगवाएँ और फसलें सुरक्षित रखें।
ये भी पढ़ें- मशरूम की खेती पर भारी सब्सिडी, सरकार किट से झोपड़ी तक दे रही मदद, आवेदन शुरू