ikh Vikas Yojana: बिहार सरकार ने गन्ना उत्पादन को नई रफ्तार देने के लिए ईख विकास योजना की शुरुआत की है, जो किसानों और चीनी उद्योग दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगी। इस योजना पर ₹49 करोड़ खर्च किए जाएंगे, जिसका मकसद गन्ने की उपज, उत्पादकता और चीनी की रिकवरी दर को बेहतर करना है।
गन्ना बिहार की एक प्रमुख नकदी और औद्योगिक फसल है, जो लाखों कुशल-अकुशल मजदूरों और किसानों की आजीविका से जुड़ा है। इससे न सिर्फ़ किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, बल्कि राज्य का चीनी उद्योग भी फल-फूल रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि रोड मैप 2025-26 के तहत मुख्यमंत्री गन्ना विकास कार्यक्रम के जरिए ये योजना लागू की गई है।
ईख विकास योजना से किसानों को क्या फायदा?
ईख विकास योजना के तहत किसानों को गन्ना बीज, उन्नत तकनीक और अन्य सुविधाएँ दी जाएँगी, जो उनकी खेती को आसान और फायदेमंद बनाएंगी। बिहार सरकार के गन्ना विभाग ने ईख की 16 उन्नत प्रभेदों का चयन किया है, जिनमें सीओ-0238, सीओ-0118, सीओ-98014, सीओ-9301, सीओपी-112, सीओपी-16437 (राजेन्द्र गन्ना-I), सीओएलके-94184, सीओएलके-12207, सीओएलके-12209, बीओ-153, सीओ-15023, सीओएलके-14201, सीओएस-13235, सीओएलके-15466, सीओएलके-16466 और सीओएलके-16470 शामिल हैं। इन प्रभेदों पर किसानों को सब्सिडी दी जाएगी, ताकि वे उच्च गुणवत्ता वाले बीज इस्तेमाल कर सकें। इससे गन्ने की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ेगा, जो चीनी उद्योग के लिए भी लाभकारी होगा।
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चीनी मिलों के साथ मिलकर आगे बढ़ें
इस योजना का क्रियान्वयन चीनी मिलों के सहयोग से होगा, ताकि हर कदम पर निगरानी और मदद मिल सके। क्षेत्रीय स्तर पर उप निदेशक, ईख विकास इसकी देखरेख करेंगे, जिससे योजना सही दिशा में चले। किसानों की सुविधा के लिए पूरी प्रक्रिया डिजिटल की गई है। ‘केन केयर पोर्टल’ के जरिए वे आवेदन से लेकर भुगतान तक की प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी कर सकेंगे। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ये कदम न सिर्फ़ किसानों की आय बढ़ाएगा, बल्कि बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा।
गन्ना उत्पादन का बढ़ता महत्व
अभी यूपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे राज्यों में गन्ना खेती बड़े पैमाने पर हो रही है, और वहाँ के किसान इससे अच्छी कमाई कर रहे हैं। बिहार सरकार भी इस सफलता से प्रेरित होकर अपने किसानों को गन्ना उत्पादन के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इससे दोहरा फायदा है। एक, चीनी का उत्पादन बढ़ेगा, जो उद्योग को गति देगा। दूसरा, सरकार की ओर से गन्ने पर फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस (FRP) दी जाती है, जो किसानों की जेब को मोटा करेगी। ये योजना बिहार को गन्ना उत्पादन में आगे बढ़ाने का सुनहरा मौका है।
ईख विकास योजना बिहार के किसानों के लिए एक नई शुरुआत है। उन्नत बीज और सब्सिडी से उनकी मेहनत रंग ला सकती है। ‘केन केयर पोर्टल’ पर रजिस्टर करके वे आसानी से योजना का लाभ उठा सकते हैं। ये कदम न सिर्फ़ उनकी आय बढ़ाएगा, बल्कि राज्य के चीनी उद्योग को भी नई ऊँचाई देगा। तो देर न करें, आज ही इस योजना के बारे में जानकारी लें और गन्ना उत्पादन से अपनी जिंदगी को नई दिशा दें।
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