बिहार के किसान भाइयों, अब समय है अपनी खेती को और फायदेमंद बनाने का! धान और गेहूं के साथ-साथ अब हल्दी और ओल जैसी नकदी फसलों की खेती करके आप अपनी कमाई को बढ़ा सकते हैं। बिहार के भोजपुर जिले में उद्यान विभाग ने हल्दी और ओल की खेती को बढ़ावा देने के लिए खास योजना शुरू की है। ये योजना न सिर्फ भोजपुर, बल्कि बिहार के कई और जिलों में भी लागू है। आइए जानते हैं कि ये मौका आपके लिए कितना फायदेमंद हो सकता है और इसे कैसे हासिल करना है।
हल्दी और ओल की खेती का बढ़ता रुझान
बिहार के किसान हमेशा से धान और गेहूं की खेती के लिए मशहूर रहे हैं। मगर अब भोजपुर जैसे जिले हल्दी और ओल की खेती में भी अपनी पहचान बना रहे हैं। इन फसलों की बाजार में मांग बढ़ रही है, क्योंकि हल्दी का इस्तेमाल रसोई से लेकर दवाइयों तक में होता है, और ओल (यम या सूरन) भी खाने और औषधि में खूब काम आता है। इन फसलों की खेती से कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। भोजपुर में उद्यान विभाग ने 40 एकड़ में हल्दी और 10 एकड़ में ओल की खेती का लक्ष्य रखा है। ये योजना बिहार के 12 और जिलों जैसे अररिया, बक्सर, गोपालगंज, कटिहार, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, पूर्णिया, सिवान, सुपौल और सारण में भी चल रही है।
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सरकार की तरफ से मोटी सब्सिडी
खेती को आसान और किफायती बनाने के लिए बिहार सरकार एकीकृत उद्यान विकास योजना के तहत किसानों को बड़ी मदद दे रही है। हल्दी की खेती के लिए प्रति एकड़ 40,000 रुपये की लागत में से 20,000 रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी। वहीं, ओल की खेती के लिए एक एकड़ की लागत 2,81,600 रुपये है, जिसमें 1,40,000 रुपये तक का अनुदान सरकार देगी। अगर आप अदरक की खेती करना चाहते हैं, तो 82,000 रुपये की लागत पर 41,000 रुपये की सब्सिडी मिल सकती है। ये पैसा सीधे आपके आधार से जुड़े बैंक खाते में डीबीटी के जरिए आएगा। इतनी बड़ी मदद से खेती शुरू करना अब पहले से कहीं आसान है।
क्यों है ये फसलें फायदेमंद?
हल्दी और ओल की खेती पारंपरिक फसलों से अलग है, क्योंकि इनकी मांग न सिर्फ स्थानीय बाजारों में, बल्कि बड़े शहरों और विदेशों में भी है। हल्दी को उगाने में ज्यादा मेहनत नहीं लगती, और ये मिट्टी को भी बेहतर बनाती है। ओल की खेती भी कम पानी और देखभाल में अच्छी पैदावार देती है। इन फसलों को बेचकर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं, खासकर तब जब सरकार लागत का आधा हिस्सा उठा रही है। भोजपुर के उद्यान निदेशक का कहना है कि ये योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय को दोगुना करने का एक सुनहरा मौका है।
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योजना का लाभ कैसे उठाएं?
अगर आप इस योजना का फायदा उठाना चाहते हैं, तो बिहार उद्यान विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर https://horticulture.bihar.gov.in जाएं। वहां ‘अंतर्वर्ती फसल कार्यक्रम’ के तहत ‘आवेदन करें’ लिंक पर क्लिक करें। आपको अपना आधार नंबर, बैंक खाते की जानकारी और खेती से जुड़ा ब्योरा भरना होगा। सारे दस्तावेज अपलोड करने के बाद फॉर्म जमा कर दें। आपका आवेदन स्वीकार होने पर सब्सिडी की राशि सीधे आपके खाते में आएगी। अगर आपको कोई दिक्कत हो, तो अपने नजदीकी उद्यान विभाग कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
किसानों के लिए सलाह
हल्दी और ओल की खेती शुरू करने से पहले अपनी मिट्टी की जांच कर लें, ताकि आपको पता चले कि आपका खेत इसके लिए सही है या नहीं। स्थानीय कृषि विशेषज्ञों से सलाह लें और सही बीज और खाद का इस्तेमाल करें। ये फसलें कम समय में अच्छा मुनाफा दे सकती हैं, बशर्ते आप सही तरीके से खेती करें। इस योजना का लाभ उठाकर आप न सिर्फ अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं, बल्कि अपने गाँव और जिले का नाम भी रोशन कर सकते हैं।
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