Mukhyamantri Talab Matsyiki Vikas Yojana: बिहार के किसान भाइयों और नौजवानों के लिए मछली पालन का सुनहरा मौका आया है। अगर आप खेती के साथ-साथ कुछ नया करना चाहते हैं, तो बिहार सरकार की मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यिकी विकास योजना 2025-26 आपके लिए वरदान साबित हो सकती है। इस योजना में तालाब बनाने से लेकर मछली के बीज और हैचरी तक, सब पर सरकार 50 से 70 परसेंट तक अनुदान दे रही है। यानी, आप कम पैसे में मछली पालन शुरू करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। आइए, इस योजना के बारे में आसान भाषा में जानें कि यह आपके लिए कैसे फायदेमंद है।
मछली पालन से बिहार की तरक्की
बिहार सरकार इस योजना के ज़रिए गाँव के किसानों को मछली पालन का मज़बूत रास्ता दिखा रही है। पिछले तीन साल में सरकार ने 298 करोड़ रुपये से ज़्यादा का अनुदान बाँटा है। इसका नतीजा यह हुआ कि बिहार में मछली का उत्पादन तेज़ी से बढ़ा है, और गाँव की अर्थव्यवस्था भी मज़बूत हो रही है। चाहे आप छोटा तालाब बनाना चाहें या मछली के बीज की हैचरी शुरू करना चाहें, सरकार आपके साथ है। यह योजना न सिर्फ़ मछली पालन को बढ़ावा दे रही है, बल्कि गाँव के नौजवानों को रोज़गार और उद्यम का मौका भी दे रही है।
ये भी पढ़ें- बीज, दवा, खाद बाजार से खरीदो, पैसे सरकार से लो! किसानों के लिए आई नई योजना
तालाब बनवाने का आसान तरीका
अगर आपके पास ज़मीन है और आप मछली पालन शुरू करना चाहते हैं, तो तालाब बनवाना अब आसान है। सरकार तालाब बनाने के लिए 50% से 70% तक अनुदान दे रही है। मान लीजिए, आधा एकड़ का तालाब बनवाने में करीब 1 लाख रुपये का खर्च आता है। इसमें से आधे से ज़्यादा खर्च सरकार देगी। इससे छोटे किसानों को भी मछली पालन शुरू करने का हौसला मिल रहा है। तालाब बनवाने के लिए आपको बस अपने ज़िले के मत्स्य कार्यालय से संपर्क करना है या ऑनलाइन आवेदन करना है।
पानी और मशीनों का इंतज़ाम
मछली पालन में पानी का इंतज़ाम बहुत ज़रूरी है। इसके लिए सरकार ट्यूबवेल और पंप सेट लगवाने के लिए भी अनुदान दे रही है। अगर आप ट्यूबवेल लगवाना चाहते हैं, तो 1.2 लाख रुपये की लागत में से 50 से 60 परसेंट तक सरकार देगी। इसके अलावा, मछलियों को साफ़ पानी और हवा देने के लिए एरेटर मशीन लगवाने का खर्च भी सरकार आधा से ज़्यादा उठाएगी। ये मशीनें तालाब में ऑक्सीजन बनाए रखती हैं, जिससे मछलियाँ स्वस्थ रहती हैं और तेज़ी से बढ़ती हैं।
मछली के बीज और हैचरी का मौका
अच्छी मछली पालन के लिए बढ़िया बीज चाहिए। सरकार मछली के बीज की हैचरी शुरू करने या पुरानी हैचरी को बेहतर करने के लिए भी मदद कर रही है। अगर आप कार्प हैचरी शुरू करना चाहते हैं, तो 8 लाख रुपये की लागत में से 50 से 70 परसेंट तक अनुदान मिलेगा। यही नहीं, पुरानी हैचरी को ठीक करने के लिए भी 5 लाख रुपये तक की मदद मिल सकती है। इससे आप न सिर्फ़ अपनी मछलियों के लिए बीज तैयार कर सकते हैं, बल्कि दूसरे किसानों को भी बेचकर कमाई कर सकते हैं।
ये भी पढ़ें- जुलाई में ना करें पशुपालन की शुरुआत! वरना हो सकता है भारी नुकसान, जानें वजह
आवेदन कैसे करें
इस योजना का फायदा उठाने के लिए आपको ज़्यादा भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। बस अपने मोबाइल या कंप्यूटर से fisheries.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करें। अगर आपको इंटरनेट का इस्तेमाल करना मुश्किल लगे, तो अपने नज़दीकी ज़िला मत्स्य कार्यालय में जाकर पूरी जानकारी ले सकते हैं। सरकार की दूसरी वेबसाइट state.bihar.gov.in/ahd/CitizenHome.Html पर भी योजना की सारी जानकारी मिल जाएगी। ध्यान रखें, आवेदन की आखिरी तारीख 31 अगस्त 2025 है। अभी आपके पास समय है, तो जल्दी से आवेदन कर लें।
गाँव में मछली पालन, रोज़गार का नया रास्ता
बिहार में मछली पालन अब सिर्फ़ खेती का हिस्सा नहीं रहा, बल्कि यह एक बड़ा धंधा बन गया है। इस योजना से न सिर्फ़ किसानों की आमदनी बढ़ रही है, बल्कि गाँव के नौजवानों को भी नया काम मिल रहा है। मछली के बीज से लेकर बाज़ार तक, हर कदम पर सरकार का साथ है। अगर आप बिहार के किसी गाँव में रहते हैं और खेती के साथ कुछ नया करना चाहते हैं, तो मछली पालन शुरू करें। यह न सिर्फ़ आपको मुनाफा देगा, बल्कि आपके गाँव और बिहार को भी मज़बूत बनाएगा।
ये भी पढ़ें- बिहार में शुरू हुई ‘भ्रमण दर्शन योजना’ मत्स्य किसान अब ग्राउंड पर सीखेंगे मछली पालन के गुर