बिहार का गया बनेगा पूर्वी भारत का नया औद्योगिक हब! सरकार ने शुरू की मेगा परियोजना

बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान जल्द होने वाला है। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म हो रहा है, और भारत निर्वाचन आयोग सितंबर या अक्टूबर में तारीखों की घोषणा कर सकता है। चुनाव दो या तीन चरणों में हो सकते हैं, जैसे कि 2020 में अक्टूबर-नवंबर में हुए थे। इस बीच, केंद्र और बिहार सरकार मिलकर गयाजी जिले के डोभी प्रखंड (शेरघाटी अनुमंडल) में एक अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) की स्थापना कर रही है।

यह परियोजना अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे (AKIC) के तहत राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) का हिस्सा है। बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि यह क्लस्टर गयाजी को पूर्वी भारत का प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनाएगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए द्वार खोलेगा।

₹1339 करोड़ की परियोजना, 1670 एकड़ में बनेगा IMC

गयाजी के डोभी प्रखंड में 1670 एकड़ जमीन पर बन रहे इस इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की कुल लागत ₹1339 करोड़ है। इसमें से ₹462.14 करोड़ सिर्फ भूमि अधिग्रहण पर खर्च किए गए हैं। परियोजना का जिम्मा बिहार इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग सिटी गया लिमिटेड (BIMCGL) को सौंपा गया है, जो बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA) और राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (NICDC) की साझेदारी से बनी विशेष प्रयोजन संस्था (SPV) है। इस क्लस्टर के लिए विश्वस्तरीय ट्रंक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण हेतु ₹675.16 करोड़ की निविदा जारी की गई है। उद्योग मंत्री ने बताया कि यह परियोजना तीन साल में पूरी होगी, और अगले चार साल तक ठेकेदार द्वारा इसका रखरखाव किया जाएगा।

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अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा क्लस्टर

इस IMC में आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण होगा, जिसमें आंतरिक सड़कें, जल निकासी प्रणाली, विद्युत सब-स्टेशन, एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ETP), सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP), ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाएँ, प्रशासनिक और कमांड सेंटर, और सार्वजनिक व अर्ध-सरकारी उपयोग की सुविधाएँ शामिल हैं। ये सुविधाएँ न सिर्फ निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल बनाएँगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर उत्पादन और व्यापार को भी बढ़ावा देंगी। गया के किसान रामप्रकाश ने बताया कि इस परियोजना से उनके गाँव में बुनियादी सुविधाएँ बढ़ेंगी और खेती के साथ-साथ उद्योग से भी आय का रास्ता खुलेगा।

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इन क्षेत्रों में होगा निवेश

इस क्लस्टर में कई क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिनमें एग्रो और फूड प्रोसेसिंग, रेडीमेड परिधान, ऑटोमोबाइल कंपोनेंट्स, स्टील आधारित उत्पाद, एयरोस्पेस और डिफेंस, निर्माण सामग्री, फर्नीचर, हस्तशिल्प, और हथकरघा शामिल हैं। उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने बताया कि प्रोग्राम मैनेजर फॉर न्यू सिटीज (PMNC) की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जो परियोजना के सुचारु संचालन में मदद करेगा। यह क्लस्टर न केवल बड़े निवेशकों को आकर्षित करेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के व्यापक अवसर भी पैदा करेगा। अनुमान है कि इस परियोजना से ₹16,524 करोड़ का निवेश आएगा, जिससे गया और आसपास के क्षेत्रों की आर्थिक तस्वीर बदल जाएगी।

रोजगार और आर्थिक विकास की नई उम्मीद

यह परियोजना बिहार के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है। खासकर गयाजी जैसे क्षेत्र में, जहाँ खेती मुख्य आजीविका है, इस क्लस्टर से न सिर्फ औद्योगिक विकास होगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए मौके मिलेंगे। एग्रो और फूड प्रोसेसिंग इकाइयों से किसानों को अपनी उपज के लिए बेहतर बाजार और दाम मिल सकेंगे। मधुबनी की राधा देवी, जो एक छोटी किसान हैं, ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग इकाइयाँ शुरू होने से उनकी सब्जियों और अनाज को स्थानीय स्तर पर ही प्रोसेसिंग का मौका मिलेगा। साथ ही, ऑटोमोबाइल और एयरोस्पेस जैसे क्षेत्रों में निवेश से बिहार के युवाओं को तकनीकी और स्किल्ड जॉब्स मिलेंगी।

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  • Rahul

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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