महाराष्ट्र में किसानों के नाम पर बीजेपी मंत्री समेत 54 लोगों ने किया 9 करोड़ का घोटाला, FIR दर्ज

महाराष्ट्र के किसान भाइयों को आजकल दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। एक तरफ सूखा, कर्ज का बोझ और मौसम की मार उन्हें परेशान कर रही है, तो दूसरी तरफ उनके नाम पर धोखाधड़ी का गंदा खेल खेला जा रहा है। हाल ही में एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें किसानों की जानकारी के बिना उनके नाम पर लाखों-करोड़ों का लोन लिया गया और पैसे गायब कर दिए गए। इतना ही नहीं, इस लोन को सरकार की कृषि लोन माफी योजना का फायदा उठाकर माफ भी करवा लिया गया। इस पूरे घोटाले में 9 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप है, और इसमें बड़े-बड़े नाम शामिल बताए जा रहे हैं।

किसानों के नाम पर लोन

ये पूरा मामला महाराष्ट्र के अहिल्यानगर जिले का है, जहां एक सहकारी चीनी मिल और कुछ बैंक अधिकारियों ने मिलकर किसानों के साथ बड़ा धोखा किया। बात 2004 की है, जब इस चीनी मिल के कुछ बड़े लोगों ने कथित तौर पर फर्जी कागजात बनाकर किसानों के नाम पर लोन ले लिया। ये लोन दो बैंकों से लिए गए एक बैंक से 3.11 करोड़ रुपये और दूसरे से 5.74 करोड़ रुपये। लेकिन हैरानी की बात ये है कि ये पैसा उन किसानों के खातों में कभी पहुंचा ही नहीं, जिनके नाम पर लोन लिया गया था। सारा पैसा कहीं और चला गया, और किसानों को इसकी भनक तक नहीं लगी।

ये घोटाला यहीं नहीं रुका। जिन लोगों ने ये हेराफेरी की, उन्होंने सरकार की उस योजना का भी फायदा उठाया, जिसमें किसानों का कर्ज माफ किया जाता है। यानी, न सिर्फ पैसा हड़पा गया, बल्कि उस कर्ज को माफ भी करवा लिया गया, जिसका किसानों को कोई फायदा नहीं हुआ। ये बात तब सामने आई, जब एक गन्ना किसान और चीनी मिल के सदस्य बालासाहेब विखे ने इस धोखाधड़ी की शिकायत की। उनकी शिकायत के बाद कोर्ट ने पुलिस को जांच करने का आदेश दिया, और अब इस मामले में केस दर्ज हो चुका है।

कौन-कौन शामिल हैं इस घोटाले में?

इस मामले में कुल 54 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। इनमें एक सहकारी चीनी मिल के तत्कालीन अध्यक्ष, निदेशक और दो बड़े बैंकों के कुछ अधिकारी शामिल हैं। ये चीनी मिल कोई और नहीं, बल्कि पद्मश्री विठ्ठलराव विखे पाटिल सहकारी साखर कारखाना है, जो प्रवरानगर में है। शिकायत में कहा गया है कि इन लोगों ने मिलकर फर्जी दस्तावेज बनाए और किसानों के नाम पर लोन हासिल किया। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है, और कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इस घोटाले ने पूरे महाराष्ट्र में हंगामा मचा दिया है। किसान पहले से ही परेशान हैं, और अब उनके नाम पर ऐसी धोखाधड़ी ने उन्हें और मुश्किल में डाल दिया है। कई किसान भाइयों को डर है कि कहीं उनके नाम पर भी कोई लोन न लिया गया हो, जिसकी उन्हें खबर ही न हो।

अब आगे क्या?

इस घोटाले ने महाराष्ट्र की सियासत में भी तूफान मचा दिया है। कुछ लोग इस मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। किसान भाइयों का कहना है कि जिन्होंने उनके नाम पर धोखा किया, उन्हें सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई ऐसा करने की हिम्मत न करे। पुलिस अब इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है, और कोर्ट भी इस पर नजर रखे हुए है।

हमारे देश का किसान मेहनत और ईमानदारी से खेती करता है। लेकिन जब उसके साथ ऐसा धोखा होता है, तो उसका भरोसा टूटता है। उम्मीद है कि इस मामले में सच सामने आएगा और दोषियों को सजा मिलेगी। तब तक, हमारे किसान भाइयों को सतर्क रहना होगा और अपने हक के लिए आवाज उठानी होगी।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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