Pusa Pearl Broccoli-1: इसकी खेती से होगा 1 से 5 लाख तक मुनाफा, जानिए पूरी जानकारी

किसान भाई, आजकल ब्रोकली को ‘सुपरफूड’ कहते हैं, और सही भी है—इसमें विटामिन सी, के और एंटीऑक्सीडेंट्स भरे पड़े हैं। लेकिन क्या पता था कि यह फसल किसानों के लिए भी सोने की खान साबित हो सकती है? पूसा पर्ल ब्रोकली-1 (PPB-1) नाम की यह किस्म भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) की देन है, जो 2020 में रिलीज हुई। पर्पल हेड वाली यह ब्रोकली न सिर्फ दिखने में खास है, बल्कि स्वाद और पोषण में भी कमाल।

सर्दियों में 60-70 दिनों में तैयार, और प्रति हेक्टेयर 200-250 क्विंटल उपज! कम पानी, कम जगह—घर के बगीचे से लेकर बड़े खेत तक सबके लिए। बाजार में 50-80 रुपये प्रति किलो कीमत, तो एक छोटे खेत से ही लाखों का मुनाफा। NSC के इस 10 ग्राम बीज पैक से शुरू करें, और अपने खेत को हरा-भरा बना दें। आइए, देसी नुस्खों के साथ जानें कैसे उगाएं यह मुनाफे की फसल।

PPB-1 ब्रोकली की अनोखी खूबियाँ

पूसा पर्ल ब्रोकली-1 की सबसे बड़ी ताकत है इसका पर्पल कलर, जो एंथोसायनिन से भरा होता है—रोगों से लड़ने वाला तत्व। हरी ब्रोकली से 2-3 गुना ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट्स! पौधा 60-70 सेंटीमीटर ऊँचा, हेड 300-500 ग्राम वजन का। यह ठंडे मौसम की फसल है, 18-25 डिग्री तापमान में खूब फलती है। उत्तर भारत के सर्दियों में नवंबर-फरवरी बुआई के लिए परफेक्ट। रोग प्रतिरोधी—ब्लैक रॉट और अल्टरनेरिया से लड़ती है। उपज: 200-250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, जो बाजार में आसानी से बिकती है। अनुभवी किसान बताते हैं कि इसका हेड कुरकुरा और मीठा होता है, जो सलाद, सब्जी या सूप में लाजवाब लगता है। छोटे किसान इसे गमलों में उगाकर घरेलू बाजार में बेचते हैं, और बड़े खेतों में वाणिज्यिक खेती से लाखों कमा रहे हैं।

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बुआई का सही समय और तरीका

PPB-1 ब्रोकली की बुआई सर्दियों की शुरुआत में करें—अक्टूबर के आखिर या नवंबर में। बीज को पहले 12-24 घंटे पानी में भिगोएँ, अंकुरण तेज होगा। नर्सरी बेड या छोटे गमलों में आधा इंच गहराई पर बोएँ। 7-10 दिन में अंकुर निकल आएंगे। जब पौधे में 4-5 सच्चे पत्ते आ जाएँ (20-25 दिन बाद), तो मुख्य खेत या बड़े गमले में ट्रांसप्लांट करें। दूरी: पंक्ति 45-60 सेंटीमीटर, पौधे 30-45 सेंटीमीटर। मिट्टी: दोमट या बलुई दोमट, पीएच 6.0-7.0। खेत को 2-3 बार जुताई देकर भुरभुरा बनाएँ। प्रति हेक्टेयर 200-250 ग्राम बीज काफी। देसी टिप: बुआई के समय वर्मी कम्पोस्ट मिलाएँ, जड़ें मजबूत होंगी।

मिट्टी और खाद का देसी मिश्रण का रखें ध्यान

ब्रोकली को पौष्टिक मिट्टी चाहिए। गोबर की खाद 10-15 टन प्रति हेक्टेयर डालें, या वर्मी कम्पोस्ट 5 टन। उर्वरक: 150 किलो नाइट्रोजन, 80 किलो फॉस्फोरस, 60 किलो पोटाश—आधा ट्रांसप्लांटिंग पर, बाकी 30-40 दिन बाद। जैविक तरीके से जिवामृत या गोमूत्र का घोल हर 15 दिन डालें। मिट्टी का मिश्रण: 50% बगीचे की मिट्टी, 30% गोबर खाद, 20% रेत या कोकोपीट। नीम की खली मिलाएँ, कीटों से बचाव। गमले में उगाने वालों के लिए 12-14 इंच गहरा गमला बेस्ट। यह देसी जुगाड़ पौधे को ताकत देगा और हेड बड़ा-मोटा बनेगा।

पानी और धूप का ख्याल कैसे रखें

PPB-1 ब्रोकली (Pusa Pearl Broccoli-1) ठंडी जलवायु पसंद करती है, 18-25 डिग्री आदर्श। रोज 4-6 घंटे धूप चाहिए, लेकिन तेज गर्मी में छायादार नेट से ढकें। पानी: मिट्टी हल्की नम रखें, लेकिन जमा न होने दें। ट्रांसप्लांटिंग के बाद हफ्ते में 2-3 बार हल्की सिंचाई। गर्मी में बढ़ाएँ, ठंड में कम। ओवरवॉटरिंग से जड़ सड़न हो सकती है। देसी टिप: सुबह जल्दी पानी दें, पौधा दिनभर तरोताजा रहेगा।

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ब्रोकली को विकास के लिए अतिरिक्त पोषण दें। हर 15-20 दिन में तरल जैविक खाद जैसे वर्मी वॉश डालें। फूल बनने से पहले बोन मील या नीम खली मिलाएँ, हेड सख्त बनेगा। खरपतवार: ट्रांसप्लांटिंग के 20-25 दिन बाद हल्की निराई-गुड़ाई करें। कटाई: 60-70 दिन बाद, जब हेड गहरा पर्पल और सख्त हो। मुख्य हेड काटने के बाद साइड शूट से 2-3 अतिरिक्त कटाई मिल सकती है। देसी नुस्खा: गोमूत्र का हल्का घोल छिड़कें, पौधा हरा-भरा रहेगा।

कीट-रोगों से बचाव के देसी जुगाड़

ब्रोकली पर कैबेज वर्म या एफिड्स लग सकते हैं। नीम तेल (5 मिली/लीटर पानी) हर 10 दिन छिड़कें। तितलियों से बचाव के लिए नेटिंग करें। ब्लाइट या ब्लैक रॉट दिखे तो बोर्डो मिश्रण (तांबा सल्फेट) डालें। जैविक तरीके से ट्राइकोडर्मा मिट्टी में मिलाएँ। PPB-1 रोग प्रतिरोधी है, लेकिन सावधानी बरतें। ये उपाय रासायनिक दवाओं से बचाते हैं और फसल सुरक्षित रखते हैं।

PPB-1 से 200-250 क्विंटल/हेक्टेयर, बाजार भाव 50-80 रुपये/किलो। छोटे खेत (0.5 हेक्टर) से 50,000-1 लाख मुनाफा। बड़े खेतों में 3-5 लाख तक! सलाद, होटल और एक्सपोर्ट मार्केट में डिमांड। सरकारी योजनाओं से सब्सिडी लें। यह फसल छोटे किसानों के लिए गेम चेंजर है।

NSC से बीज कैसे प्राप्त करें

राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) भारत सरकार की 1963 से चल रही संस्था है, जो सर्टिफाइड बीजों का उत्पादन और वितरण करती है। PPB-1 जैसे उच्च गुणवत्ता वाले बीज 90%+ अंकुरण दर के साथ मिलते हैं। प्राप्त करने के लिए: mystore.in पर जाएँ, रजिस्टर करें, ‘Broccoli’ सर्च करें। PPB-1 10gm पैक 200 रुपये में कार्ट में डालें। UPI/कार्ड से पेमेंट करें, 3-5 दिन में डिलीवरी। जिला कृषि केंद्रों से भी NSC बीज उपलब्ध।

पूसा पर्ल ब्रोकली-1 से खेत हरा, जेब भरी। NSC से बीज लें, देसी टिप्स अपनाएं और मुनाफे की फसल उगाएं। इस सर्दी शुरू करें, और सेहत-संपत्ति दोनों कमाएं!

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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