Cardamom Farming In Hindi: किसान भाइयों! इलायची, जिसे मसालों की रानी कहते हैं, आपकी खेती को न सिर्फ सुगंधित बनाती है, बल्कि जेब भी भर देती है। चाहे छोटी इलायची हो या बड़ी, इलायची की खेती एक ऐसा सुनहरा मौका है जो मेहनत को सोने में बदल सकता है। ये फसल पहाड़ी इलाकों में खासतौर पर उगाई जाती है, लेकिन सही तरीके से की जाए तो मैदानी क्षेत्रों में भी कमाल कर सकती है। आज मैं आपको इलायची की खेती कैसे करें की पूरी जानकारी दूंगा – बुवाई से लेकर कटाई तक, हर कदम को आसान भाषा में समझाऊंगा।
इलायची क्या है
इलायची दो तरह की होती है – छोटी इलायची और बड़ी इलायची। छोटी इलायची (एलेटेरिया कार्डमोमम) हरी और सुगंधित होती है, जिसे चाय, मिठाई, और मसाले में डाला जाता है। बड़ी इलायची (अमोमम सबुलटम) भूरी और तीखी होती है, जो खासतौर पर बिरयानी और दवाइयों में काम आती है। दोनों की खेती के लिए छायादार जगह, नम मिट्टी, और 20-35 डिग्री तापमान चाहिए। भारत में केरल, कर्नाटक, और तमिलनाडु इसके लिए मशहूर हैं, लेकिन अब इसे देशभर में आजमाया जा रहा है। इलायची की मांग बाजार में बढ़ रही है, और कीमत 1000-1500 रुपये प्रति किलो तक जाती है। ये छोटा पौधा आपकी खेती को बड़ा मुनाफा दे सकता है।
इलायची की बुवाई- Cardamom Farming In Hindi
इलायची की खेती शुरू करने के लिए सबसे पहले खेत तैयार करें। ये पौधा छायादार जगह में अच्छा बढ़ता है, तो नारियल, सुपारी, या बांस के पेड़ों की छाया में खेती करें। मिट्टी दोमट और अच्छी जल निकासी वाली होनी चाहिए, जिसका पीएच 5.5-6.5 हो। छोटी इलायची को बीज या पौध (नर्सरी से) से बोया जा सकता है। नर्सरी में बीज बोने के लिए 1-2 सेमी गहराई पर डालें और 25-30 दिन बाद पौध तैयार हो जाएगी। फिर खेत में 1.5-2 मीटर की दूरी पर पौधे लगाएं।
मार्च-अप्रैल या सितंबर-अक्टूबर इसके लिए बेस्ट समय है। बड़ी इलायची के लिए भी यही तरीका है, लेकिन दूरी 2-3 मीटर रखें। बुवाई से पहले गोबर खाद (10 टन प्रति हेक्टेयर) डालें। ये शुरुआत आपके मुनाफे का पहला कदम होगी।
उन्नत किस्में
इलायची की खेती में सही किस्म चुनना बहुत जरूरी है। छोटी इलायची की उन्नत किस्में जैसे मालाबार, मैसूर, और वज़ुक्का बढ़िया पैदावार देती हैं। मालाबार छोटे और सुगंधित दाने देती है, जबकि मैसूर बड़े दाने वाली है। बड़ी इलायची की उन्नत किस्में जैसे रामसाय, गोलसे, और सावने ज्यादा उत्पादन और मुनाफा देती हैं। इन किस्मों को चुनने से न सिर्फ पैदावार बढ़ती है, बल्कि बाजार में दाम भी अच्छा मिलता है। बीज या पौधे प्रमाणित जगह से लें ताकि फसल की शुरुआत मजबूत हो। सही किस्म आपकी मेहनत को दोगुना फल देगी।
देखभाल के आसान टिप्स- Cardamom Farming In Hindi
इलायची की फसल को देखभाल की जरूरत होती है। इसे नियमित पानी दें, लेकिन जलभराव न होने दें। गर्मी में हफ्ते में 2-3 बार और मानसून में पानी कम करें। खेत को छायादार रखें – अगर पेड़ नहीं हैं, तो छाया नेट लगाएं। हर साल 100-120 किलो नाइट्रोजन, 60-80 किलो फॉस्फोरस, और 120-150 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर डालें। गोबर खाद (10-12 टन) साल में दो बार डालें। खरपतवार को समय-समय पर हटाएं और मिट्टी को ढीला करें। इलायची की जड़ें नाज़ुक होती हैं, तो सावधानी बरतें। ये छोटे-छोटे कदम फसल को हरा-भरा और तंदुरुस्त रखेंगे।
प्रमुख रोग और कीट
इलायची की खेती में कुछ रोग और कीट मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। छोटी इलायची में प्रमुख रोग “कैप्सूल रॉट” (फल सड़न) है, जिसमें फल काले पड़कर सड़ जाते हैं। इसके लिए जैविक उपाय में गोमूत्र (10 मिली प्रति लीटर पानी) छिड़कें और रासायनिक दवा में कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (2 ग्राम प्रति लीटर) का छिड़काव करें। दूसरा रोग “राइज़ोम रॉट” है, जिसमें जड़ें गलती हैं। इसके लिए ट्राइकोडर्मा (5 किलो प्रति हेक्टेयर) गोबर खाद में मिलाकर डालें या कार्बेन्डाजिम (1 ग्राम प्रति लीटर) से मिट्टी का उपचार करें। प्रमुख कीट थ्रिप्स और कैप्सूल बोरर हैं। नीम तेल (5 मिली प्रति लीटर) छिड़कें या इमिडाक्लोप्रिड (0.3 मिली प्रति लीटर) का इस्तेमाल करें। सही देखभाल से फसल को इनसे बचाना आसान है।
कटाई और तैयारी
इलायची की बुवाई के 2-3 साल बाद फसल देना शुरू करती है। छोटी इलायची की कटाई तब करें जब दाने हरे और सुगंधित हों, यानी बुवाई के 2-3 साल बाद हर 30-40 दिन में। दानों को हाथ से तोड़ें और धूप में 2-3 दिन सुखाएं। बड़ी इलायची को तब काटें जब दाने भूरे हो जाएँ, फिर ओवन या धूप में सुखाएं। प्रति हेक्टेयर छोटी इलायची से 100-150 किलो सूखे दाने और बड़ी इलायची से 200-300 किलो मिलते हैं। सही सुखाई से दानों की क्वालिटी बढ़ती है और बाजार में अच्छा दाम मिलता है। ये मेहनत का वो फल है जो आपकी जेब को भरेगा।
छोटी मेहनत, बड़ी कमाई
इलायची की खेती में शुरुआती लागत थोड़ी ज्यादा है। पहले साल खेत तैयार करने, पौध लगाने, और देखभाल में प्रति हेक्टेयर 1.5-2 लाख रुपये लगते हैं। अगले सालों में देखभाल का खर्च 50,000-70,000 रुपये सालाना रहता है। छोटी इलायची से 100-150 किलो सूखे दाने प्रति हेक्टेयर मिलते हैं, जो 1000-1500 रुपये प्रति किलो बिकते हैं। यानी 1,00,000-2,25,000 रुपये की कमाई। बड़ी इलायची से 200-300 किलो मिलते हैं, जो 800-1200 रुपये प्रति किलो बिकते हैं, यानी 1,60,000-3,60,000 रुपये। तीसरे साल से शुद्ध मुनाफा 1-3 लाख रुपये सालाना हो सकता है। ये छोटी मेहनत से बड़ी कमाई का शानदार रास्ता है।
इलायची की खेती का कमाल
कई किसानों से बात करके पता चला कि इलायची की खेती उनकी मेहनत को नया रंग दे रही है। एक भाई ने बताया कि उसने छोटी इलायची की मालाबार किस्म लगाई, और तीसरे साल से हर साल 1.5 लाख का मुनाफा मिल रहा है। दूसरा भाई बोला कि बड़ी इलायची से उसकी कमाई दोगुनी हुई। ये फसल छोटे और पहाड़ी किसानों के लिए बढ़िया है। इसे आजमाइए, और देखिए कैसे इलायची की सुगंध आपके खेत और जिंदगी को खुशहाल बनाती है।
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