मक्का की फसल पर कहर बनकर टूटा ये कीट! तुरंत अपनाएं ये असरदार बचाव उपाय

खरीफ सीजन में मक्का की बुवाई का काम में जोरों पर है। जून में कई किसान भाइयों ने मक्का बोया, और कुछ जुलाई में भी बुवाई कर रहे हैं। लेकिन जून में बोई गई मक्का की फसल पर अब मुसीबत के बादल मंडरा रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि बुवाई के 20 से 25 दिन बाद फॉल आर्मी वॉर्म नाम की खतरनाक इल्ली मक्का के पौधों पर हमला कर सकती है। यह कीट इतनी तेजी से फैलता है कि थोड़ी सी चूक आपकी पूरी फसल बर्बाद कर सकती है। किसानों के लिए यह जानना जरूरी है कि इस कीट से अपनी मेहनत की फसल को कैसे बचाएँ। आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

हर दिन खेत की निगरानी करें

फॉल आर्मी वॉर्म कीट सबसे पहले मक्का की ऊपरी पत्तियों को निशाना बनाता है। यह पत्तियों में छोटे-छोटे छेद करता है और फिर पौधे के गुब्बे में घुसकर उसे खा जाता है। यह इल्ली रात में ज्यादा सक्रिय होती है और पूरे खेत में तेजी से फैल सकती है। अगर आपके खेत में एक भी पौधे में यह कीट दिखे, तो पूरी फसल को खतरा हो सकता है। इसलिए किसान भाइयों को हर दिन अपने खेतों में टहलकर पौधों की जाँच करनी चाहिए। रोज़ की निगरानी से आप इस कीट को शुरू में ही पकड़ सकते हैं, और फसल को बचा सकते हैं।

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कीट को कैसे पकड़ें

जिन किसानों ने जून में मक्का बोया है, उनके लिए फॉल आर्मी वॉर्म को जल्दी पहचानना बहुत जरूरी है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस कीट के हमले से मक्का की पत्तियों में लाइन में छेद दिखते हैं। कई बार पत्तियाँ बीच से कटी दिखती हैं, और पौधों में गंदगी या कीट का मल जमा हो जाता है। हो सकता है कि कीट आपको न दिखे, लेकिन उसका मल और पत्तियों को हुआ नुकसान उसकी मौजूदगी का पता देता है। अगर खेत में ऐसे लक्षण दिखें, तो फौरन कदम उठाएँ, वरना फसल को भारी नुकसान हो सकता है।

देसी नुस्खे से करें बचाव

फॉल आर्मी वॉर्म से मक्का की फसल को बचाने के लिए देसी उपाय बहुत कारगर हैं। किसान भाई अपने खेत में फेरोमोन ट्रैप लगा सकते हैं। यह ट्रैप कीट की संख्या और मौजूदगी बताता है, ताकि आप सही समय पर कदम उठा सकें। अगर खेत में कीट के शुरूआती लक्षण दिखें, तो 3000 बीएमपी ग्रेड का नीम तेल इस्तेमाल करें। 1 लीटर नीम तेल को 5 लीटर पानी में मिलाकर खेत में छिड़काव करें। यह तरीका शुरुआत में बहुत असरदार है। हर 5-6 दिन बाद दो बार यह छिड़काव करें, ताकि कीट पर काबू पाया जा सके। यह देसी नुस्खा सस्ता है और फसल को नुकसान भी नहीं पहुँचाता।

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रासायनिक दवाएँ भी हैं विकल्प

अगर फॉल आर्मी वॉर्म का प्रकोप ज्यादा बढ़ जाए, तो रासायनिक दवाओं का सहारा लेना पड़ सकता है। वैज्ञानिक सलाह देते हैं कि क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल दवा का 60 मिली प्रति एकड़, 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। एक हफ्ते बाद स्पाइनोसेड या फिर से क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल का छिड़काव करें। इससे कीट पर काबू पाया जा सकता है। इसके अलावा, दानेदार कार्बोफ्रान दवा भी कारगर है। यह दवा पौधों में घुसी इल्ली को अंदर ही मार देती है, क्योंकि इससे निकलने वाली गैस कीट को खत्म कर देती है। लेकिन दवाओं का इस्तेमाल सावधानी से करें और अपने नज़दीकी कृषि केंद्र से सलाह जरूर लें।

मक्का उगाने वाले किसान भाइयों, अपनी फसल को फॉल आर्मी वॉर्म से बचाने के लिए हर दिन खेत की जाँच करें। अगर पत्तियों में छेद या मल दिखे, तो फौरन नीम तेल का छिड़काव शुरू करें। अगर कीट ज्यादा फैल गया हो, तो रासायनिक दवाओं का सही मात्रा में इस्तेमाल करें। अपने गाँव के दूसरे किसानों को भी इस कीट के बारे में बताएँ, ताकि सबकी फसल सुरक्षित रहे। नज़दीकी कृषि केंद्र से फेरोमोन ट्रैप और दवाओं की जानकारी लें। सही समय पर कदम उठाकर आप अपनी मक्का की फसल को बचा सकते हैं और अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं।

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  • Shashikant

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