खेती-किसानी के इस दौर में किसान ऐसी फसलें चुन रहे हैं, जिनकी मांग बाजार में लगातार बनी रहती है और जिनसे उन्हें बेहतर आमदनी मिल सके। सब्जियों में फूलगोभी ऐसी ही एक फसल है, जिसकी खपत हर मौसम में होती है और कीमत भी किसानों को अच्छा मुनाफा दिलाती है। मौजूदा सीजन में फूलगोभी की खेती करने से किसानों को दोहरा फायदा मिलता है। एक ओर उत्पादन अधिक होता है, तो दूसरी ओर बाजार में शुरुआती सीजन में अच्छे दाम मिल जाते हैं। यही वजह है कि किसान पारंपरिक तरीकों के बजाय नई तकनीक और उन्नत किस्मों का चुनाव कर बंपर पैदावार हासिल कर रहे हैं।
फूलगोभी की लोकप्रियता और मांग
जिला कृषि रक्षा अधिकारी विजय कुमार के अनुसार, फूलगोभी देशभर में बड़े पैमाने पर उगाई जाती है और इसकी मांग हर सीजन बनी रहती है। यह ऐसी सब्जी है, जो आसानी से बिक जाती है और किसानों को सीधा मुनाफा देती है। खास बात यह है कि फूलगोभी की कई उन्नत किस्में उपलब्ध हैं, जो अलग-अलग मौसम में आसानी से तैयार हो जाती हैं और कम सिंचाई में भी अच्छी पैदावार देती हैं।
पूसा हिमज्योति किस्म
पूसा हिमज्योति किस्म की खासियत यह है कि इसे किसी भी प्रकार की मिट्टी में आसानी से उगाया जा सकता है। यह किस्म 60 से 75 दिनों में तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर लगभग 160 से 180 क्विंटल तक उत्पादन देती है। एक फूलगोभी का वजन करीब 500 से 600 ग्राम तक होता है।
हिमरानी किस्म
हिमरानी किस्म की बुवाई सितंबर महीने में की जाती है। इस किस्म के लिए बलुई दोमट या दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त रहती है। यह किस्म 80 से 85 दिनों में तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर औसतन 250 क्विंटल तक उपज देती है।
पूसा कतकी किस्म
पूसा कतकी फूलगोभी की खेती भी सितंबर महीने में की जा सकती है। इसके लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे बेहतर रहती है। यह किस्म 90 से 95 दिनों में तैयार होती है और प्रति हेक्टेयर लगभग 120 से 150 क्विंटल उत्पादन देती है।
पुष्पा किस्म
पुष्पा किस्म को बलुई दोमट या दोमट मिट्टी में आसानी से उगाया जा सकता है। यह किस्म 85 से 95 दिनों में तैयार होती है और प्रति हेक्टेयर लगभग 250 से 450 क्विंटल तक उत्पादन देती है। इस किस्म की फूलगोभी का वजन एक से डेढ़ किलो तक होता है, जिससे यह बाजार में आसानी से अच्छे दाम दिलाती है।
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पूसा सुभ्रा किस्म
पूसा सुभ्रा फूलगोभी की खेती भी सितंबर महीने में की जाती है। इस किस्म के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। यह किस्म 90 से 95 दिनों में तैयार होती है और प्रति हेक्टेयर लगभग 200 क्विंटल तक उत्पादन देती है। एक गोभी का औसत वजन 700 से 800 ग्राम तक होता है।
किसानों के लिए फायदे का सौदा
फूलगोभी की उन्नत किस्में कम समय में तैयार हो जाती हैं और अच्छी पैदावार देती हैं। सही किस्म का चुनाव करके किसान उत्पादन बढ़ा सकते हैं और शुरुआती सीजन में बेहतर दाम पाकर लाखों रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं। यही कारण है कि किसान आजकल गेहूं या सरसों जैसी पारंपरिक फसलों के साथ-साथ फूलगोभी जैसी सब्जियों की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं।
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