छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए अच्छी खबर है। राज्य के कृषि और किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने जैविक खेती और कोदो-कुटकी जैसे पौष्टिक अनाजों की खेती को बढ़ावा देने का आह्वान किया है। कांकेर जिला मुख्यालय में हुई एक अहम बैठक में उन्होंने बालोद, धमतरी और कांकेर जिलों के अधिकारियों के साथ कृषि और आदिवासी विकास योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने और उन्हें जागरूक करने पर खास जोर दिया।
किसानों तक योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित
मंत्री रामविचार नेताम ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि जैविक खेती और उन्नत खेती से जुड़ी योजनाओं की जानकारी हर किसान तक पहुंचनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोदो-कुटकी और मुनगा जैसी फसलों की खेती न केवल किसानों की आय बढ़ा सकती है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध इस्तेमाल से जमीन की उर्वरता को होने वाले नुकसान के बारे में भी किसानों को समझाने की जरूरत है। नेताम ने सहकारी समितियों को निर्देश दिए कि उर्वरकों का वितरण किसानों की जरूरत के हिसाब से तुरंत किया जाए, ताकि फसलों की पैदावार बढ़े और खेती की लागत कम हो।
युवाओं को खेती में जोड़ने की पहल
खेती को और आधुनिक बनाने के लिए युवाओं को प्रशिक्षण देने की बात भी बैठक में उठी। नेताम ने कहा कि उद्यानिकी और मसालों वाली फसलों की खेती को बढ़ावा देकर युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खोले जा सकते हैं। खासकर कोदो-कुटकी, मुनगा और ऑयल पॉम जैसी फसलों की खेती को छत्तीसगढ़ की जलवायु के हिसाब से बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए युवाओं को तकनीकी जानकारी और रिफ्रेशर प्रशिक्षण देने की योजना है, ताकि वे खेती को एक लाभकारी पेशे के रूप में अपनाएं।
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आश्रम-छात्रावासों में सुधार का निर्देश
आदिम जाति विकास मंत्री के तौर पर रामविचार नेताम ने आश्रम-छात्रावासों की स्थिति सुधारने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन छात्रावासों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य संवारना हमारी जिम्मेदारी है। अधिकारियों को हर हफ्ते 8 से 10 छात्रावासों का दौरा करने और वहां की स्थिति की जानकारी जिला कलेक्टर को देने को कहा गया। साथ ही, छात्रावासों में साफ-सफाई, बिजली, पेयजल और पौधरोपण जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश दिए गए। निर्माण कार्यों को जल्द पूरा करने की बात भी कही गई।
बैठक में शामिल हुए प्रमुख अधिकारी
इस समीक्षा बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। राज्य मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष भरत मटियारा, कांकेर के कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर, जिला पंचायत के सीईओ हरेश मंडावी और कृषि विभाग के संचालक अजय कुमार अग्रवाल के साथ-साथ तीनों जिलों के कृषि और आदिवासी कल्याण विभाग के अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक से साफ है कि छत्तीसगढ़ सरकार किसानों की भलाई और खेती को आधुनिक बनाने के लिए गंभीर है।
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